पटना- खान सर हिरासत में, BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नियम में बदलाव को लेकर बिहार में बवाल

4 1 29
Read Time5 Minute, 17 Second

बिहार में 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नियम में बदलाव को लेकर छात्रों के साथ प्रदर्शन कर रहे चर्चित टीचर खान सर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया.

13 दिसंबर को होने वाली BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के नियम में बदलाव को लेकर राजधानी पटना में बीपीएससी दफ्तर के बाहर सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार कोदिन में पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज भी किया था.

इसी प्रदर्शन के दौरान जब अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग धरना स्थल पर भेज दिया गया था तो उनसे मिलने खान सर पहुंचे थे और उन्होंने भी अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए बिहार सरकार को जमकर कोसा था.

छात्रों के विरोध के बाद खान सर को पुलिस ने छोड़ा

देर शाम में छात्रों के साथ प्रदर्शन करने के बाद पुलिस ने खान सर को हिरासत में लेकर थाने ले आई. हालांकि थाने के गेट के बाहर बड़ी संख्या में छात्र इकट्ठे हो गए और उन्हें छोड़ने की मांग को लेकर नारेबाजी करने लगे. बताया जा रहा है कि छात्रों के जुटने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया.

Advertisement

बीपीएससी ने परीक्षा को लेकरदी सफाई

हालांकि अभ्यर्थियों के आंदोलन को देखते हुए बिहार लोक सेवा आयोग ने परीक्षा को लेकर स्पष्टीकरण भी जारी किया है. आयोग की तरफ से कहा गया है कि 13 दिसंबर (शुक्रवार) को आयोजित की जाने वाली प्रतियोगिता परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधित भ्रामक ख़बरें विभिन्न सोशल मिडिया प्लेटफार्म पर चलायी जा रही है. आयोग इससे हतप्रभ है कि Normalization की प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधी भ्रामक खबर कैसे उत्पन्न हुई जबकि Normalization अपनाये जाने के संबंध में कोई प्रस्ताव ही नहीं था.

आयोग द्वारा इस परीक्षा में Normalization प्रक्रिया अपनाये जाने संबंधी काल्पनिक अफवाह कोचिंग संचालकों और स्थानीय छात्र नेताओं द्वारा अभ्यर्थियों को दिग्भ्रमित करने के उद्देश्य से फैलाया गया है. इस संबंध में साफ करना है कि 70वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रकाशित विज्ञापन के किसी खंड में इस परीक्षा के लिए Normalization अपनाने का उल्लेख नहीं किया गया है और न ही उसके बाद आयोग स्तर से परीक्षा Normalization प्रक्रिया से कराने की सूचना प्रकाशित की गई है.

आयोग ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा है कि अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि परीक्षा का आयोजन पूर्व निर्धारित तारीख 13.12.2024 (शुक्रवार) को एकल पाली में (12:00 बजे मध्याह्न से 02:00 बजे अपराह्न तक) आयोजित की जायेगी, जिसमें Normalization जैसी कोई प्रक्रिया अपनाने का प्रस्ताव नहीं है.

Advertisement

आयोग हमेशा से अभ्यर्थियों के हितों को देखते हुये कदाचाररहित तरीके से परीक्षाओं का आयोजन करता आया है, जिसके लिए कई आवश्यक सुधारात्मक कदम भी उठाये गये है, जिसमें Multiset Paper तैयार करना भी उसी का एक अहम हिस्सा है, जिससे परीक्षा का आयोजन किसी एक सेट से कराया जाएगा. अभ्यर्थी परीक्षा के लिए तैयारी करें और शांतिपूर्ण रूप से परीक्षामेंभागलें.


नॉर्मलाइजेशन क्या होता है?

नॉर्मलाइज़ेशन एक प्रक्रिया है, जिसके ज़रिए किसी परीक्षा में मिले अंकों को सामान्य किया जाता है. यह प्रक्रिया, तब अपनाई जाती है, जब एक से ज़्यादा पालियों में परीक्षा आयोजित की जाती है. नॉर्मलाइज़ेशन की मदद से, परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर कैंडिडेट्स का प्रतिशत स्कोर निकाला जाता है.


Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Manmohan Singh: जब SAD से बगावत कर सुखदेव ने बचाई थी मनमोहन सरकार, NDA में अकाली दल की हो गई थी किरकिरी

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वर्ष 2008 में परमाणु संधि को लेकर जब वामपंथी दलों ने प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार से समर्थन वापस ले लिया तो सरकार संकट में आ गई। ऐसे मौके पर शिरोमणि अकाली दल जो एनडीए का हिस्सा था के पास आठ सांसद थे।

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now