गुजरात के बोटाद जिले के गढ़डा तहसील मेंरोजमल गांव में 20 साल तक सेवा देने के बाद प्राथमिक विद्यालय के प्रिंसिपल रमेश चौधरी का तबादला हो गया.शिक्षक का ट्रांसफर होने पर स्कूल के छात्रों के साथ-साथ पूरे गांव वालों की भी आंखें नम हो गईं.शिक्षक के साथ उनके जुड़ाव और समर्पण ने गांववालों के दिलों में एक खास जगह बना दी थी, और यही कारण था कि उनका ट्रांसफर होते ही सबकी आंखों में आंसू थे.
नम हुईं गांव वालों की आखें
रमेश चौधरी का कार्यकाल छात्रों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहा. उन्होंने न केवल शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल की, बल्कि विद्यार्थियों के व्यक्तिगत विकास में भी अहम भूमिका निभाई. उनके प्रयासों से विद्यालय का प्रदर्शन सुधरा और छात्रों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्होंने हमेशा निरंतर काम किया. इसलिए जब उनका तबादला हुआ, तो यह सिर्फ एक शिक्षक की विदाई नहीं थी, बल्कि पूरे गांव के लिए एक भावनात्मक पल था.
आयोजित किया गया विदाई समारोह
विदाई समारोह में रमेश चौधरी को आदर और सम्मान देने के लिए छात्रों, अभिभावकों और ग्रामीणों ने भाग लिया. समारोह के दौरान कई लोग आंसू नहीं रोक सके, क्योंकि वह इतने सालों तक गांव के सदस्य की तरह रहे थे. गांव के सरपंच ने भी बताया कि रमेश चौधरी का इस गांव से गहरा नाता था. उनका स्वभाव बहुत ही सरल और शांत था, वह हमेशा कर्तव्यनिष्ठ रहते हुए सभी का सम्मान करते थे, और यही कारण है कि उन्हें आज पूरे गांव की तरफ से एक सम्मानजनक विदाई दी गई.
समारोह में उपस्थित सभी ने उन्हें सम्मानित करते हुए आशीर्वाद दिया और उनके योगदान को याद किया. एक अच्छे शिक्षक की पहचान केवल उसके ज्ञान तक सीमित नहीं होती, बल्कि वह विद्यार्थियों को सही दिशा देने, उन्हें जीवन में सफलता की राह दिखाने का कार्य भी करता है. और रमेश चौधरी ने इस गांव में यही किया। उनके विदाई के इस खास मौके पर यह कहा जा सकता है कि एक अच्छा शिक्षक अपने विद्यार्थियों और समुदाय के दिलों में हमेशा जीवित रहता है, और रमेश चौधरी ने यही साबित किया.
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