मुंबई: बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस की महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की उम्मीद है। 26 नवंबर को एकनाथ शिंदे के इस्तीफे के बाद फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए रास्ता साफ हो गया। महारा
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मुंबई: बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद देवेंद्र फडणवीस की महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने की उम्मीद है। 26 नवंबर को एकनाथ शिंदे के इस्तीफे के बाद फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के लिए रास्ता साफ हो गया। महाराष्ट्र के राज्यपाल ने शिंदे से अनुरोध किया था कि वे नई सरकार बनने तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहें। इस बीच खबर आ रही है कि एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत को डेप्युटी सीएम बनाने की मांग की है। बता दें कि सीएम का शपथ ग्रहण समारोह 2 दिसंबर को मुंबई के प्रतिष्ठित शिवाजी पार्क में होना है। इसमें बीजेपी द्वारा एक भव्य कार्यक्रम की योजना बनाई गई है, जिसमें गणमान्य व्यक्ति और धार्मिक नेता शामिल होंगे।बेटे को डेप्युटी सीएम बनाना चाहते हैं शिंदे! सूत्रों की मानें तो सरकार बदलने की तैयारी के बीच एकनाथ शिंदे ने अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को नई कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री बनाने का अनुरोध किया है। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिंदे ने यह भी मांग की है कि अगर उन्हें मुख्यमंत्री पद नहीं मिलता है, तो उन्हें महायुति सरकार का संयोजक बनाया जाए। उनका तर्क है कि चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया था। 2014 के आम चुनावों में श्रीकांत सबसे कम उम्र के मराठा सांसद बनकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने 2019 के चुनावों में अपनी सीट सफलतापूर्वक बरकरार रखी और शिवसेना के भीतर एक प्रमुख नेता बने रहे।
पार्टी के अंदर हो रही आलोचना हालांकि अपने बेटे को आगे बढ़ाने की शिंदे की कोशिश की उनकी ही पार्टी के भीतर आलोचना हो रही है। कुछ शिवसेना नेताओं ने चिंता व्यक्त की है कि श्रीकांत शिंदे को एक वरिष्ठ पद पर लाने से पार्टी की विश्वसनीयता को नुकसान हो सकता है। उन्होंने शिंदे के कार्यों में विडंबना को नोट किया। शिवसेना ने पहले उद्धव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने बेटे आदित्य ठाकरे को बढ़ावा देने के लिए आलोचना की थी।
फडणवीस का करेंगे समर्थन बिजनेस टुडे को दिए गए एक बयान में पार्टी के सूत्रों ने अपनी आशंका पर ज़ोर दिया, और कहा कि यह कदम उनके चुनावी वादों को कमजोर कर सकता है और दोहरे मानदंडों के आरोप लगा सकता है। इस बीच, शिवसेना (शिंदे गुट) के सांसद नरेश म्हस्के ने सार्वजनिक रूप से फडणवीस की नियुक्ति का समर्थन किया। उन्होने कहा कि अगर फैसला गठबंधन के समझौते के अनुरूप है तो हम देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करेंगे। हम ठाकरे गुट की तरह नहीं हैं जो शीर्ष पद न मिलने पर पीछे हट जाते हैं।
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ओमप्रकाश शंखधार, संभल।जामा मस्जिद (Sambhal Jama Masjid) में सर्वे के दौरान हुई हिंसा में चार लोगों की मौत के बाद पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। अब सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न रहे इसके लिए रणनीति बना ली गई है।