मोहम्मद यूनुस! क्या तुम्हें बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या के लिए मिला था शांति का नोबेल, पाक के इशारे पर धर्मगुरु को जेल?

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने बांग्लादेश सनातन स्वर्णिम भारत न्यूज़ मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें जमानत न दिए जाने पर ‘गहरी चिंता’ जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा

4 1 3
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार ने बांग्लादेश सनातन स्वर्णिम भारत न्यूज़ मंच के प्रवक्ता और चटगांव में पुंडरीक धाम के प्रमुख चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की गिरफ्तारी और बाद में उन्हें जमानत न दिए जाने पर ‘गहरी चिंता’ जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इन घटनाओं के अपराधी अभी भी खुलेआम घूम रहे हैं, जबकि शांतिपूर्ण सभाओं के माध्यम से वैध मांग कर रहे धार्मिक नेता के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार ने इस मामले में कहा है कि यह हमारा घरेलू मामला है। सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर मोहम्मद यूनुस सरकार ये क्या कर रही है? वह क्यों हिंदुओं और अल्पसंख्यकों पर हमले करवा रही है? क्यों वह इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रही है? कहीं, ये पाकिस्तान के इशारे पर तो नहीं हो रहा है। कुछ तो यूनुस से ही सवाल पूछ रहे हैं कि शांति का नोबेल पाने वाला क्यों हिंदुओं की हत्याएं और अशांति फैला रहा है? आइए-समझते हैं पूरी बात।

हिंदुओं पर हमले को लेकर क्या कहा था भारतीय विदेश मंत्रालय ने

भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि यह घटना बांग्लादेश में कट्टरपंथी तत्वों के हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर किए गए कई हमलों के बाद हुई। अल्पसंख्यकों के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में आगजनी और लूटपाट के साथ-साथ चोरी, तोड़फोड़, देवी-देवताओं और मंदिरों को अपवित्र करने के कई मामले दर्ज किए गए हैं। हम बांग्लादेश के अधिकारियों से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अपील करते हैं, जिसमें शांतिपूर्ण सभा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उनका अधिकार भी शामिल है।
Bangladesh Voilence

पाकिस्तान से करीबी बढ़ना कहीं बड़ी वजह तो नहीं

जैसे 1971 में बांग्लादेश बनने के बाद पिछले हफ़्ते पहली बार पाकिस्तान से समुद्री संपर्क शुरू हुआ. पाकिस्तान का एक मालवाहक पोत कराची से चलकर बांग्लादेश के दक्षिणपूर्वी तट पर स्थित चटगांव बंदरगाह पहुँचा था। इससे पहले दोनों देशों के बीच समुद्री व्यापार सिंगापुर या कोलंबो के ज़रिए होता था। माना जा रहा है कि अब बांग्लादेश ने ढाका यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान के स्टूडेंट्स को भी आने की अनुमति दे दी है। दूसरी तरफ़ पाकिस्तान ने भी बांग्लादेश के नागरिकों के लिए वीज़ा हासिल करने की प्रक्रिया को काफ़ी आसान बना दिया है। खुद एक्टिविस्ट तस्लीमा नसरीन ने हिंदुओं पर हमले को लेकर पोस्ट किया है।


जब 30 हजार हिंदू सड़कों पर उतर गए थे

कुछ दिन पहले ही बांग्लादेश की सरकार ने राष्ट्र ध्वज के अपमान का मुकदमा थोपते हुए 19 हिंदू नेताओं को घेरने की साजिश की है। मोहम्मद यूनुस की सरकार जहां एक तरफ हिंदु समुदाय के खिलाफ हमलों को रोकने में नाकाम साबित हुई है, तो दूसरी तरफ हिंदू नेताओं पर ही मुकदमा कायम करना शुरू कर दिया है। सरकार की तरफ से हो रही इस ज्यादती के विरोध में बांग्लादेश के हिंदुओं ने अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। हिंदू नेताओं पर बांग्लादेश सरकार के इस कदम के खिलाफ चिटगांव की सड़कों पर 30 हजार से भी ज्यादा हिंदुओं ने प्रदर्शन किया।
बांग्लादेश में यूनुस सरकार का असली चेहरा आया सामने! हिंदुओं की अगुवाई करने वाले धर्मगुरु पर देशद्रोह का केस

यूनुस सरकार हिंदुओं पर हमले को रोकने में फेल

बांग्लादेश में 4 अगस्त के बाद से हिंदुओं पर हमले के 2 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन मोहम्मद यूनुस की सरकार इन हमलों को रोक पाने में नाकाम रही है। कट्टरपथियों को बढ़ावा देने और उनके सामने घुटने टेकने के लिए बांग्लादेश की मौजूदा सरकार की इस वक्त पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है।

हिंदुओं पर किए जा रहे हैं फर्जी मुकदमे

बांग्लादेश के हिंदू मोहम्मद यूनुस सरकार की ओर से थोपे जा रहे फर्जी मुकदमों का विरोध कर रहे हैं। देश के चिटगांव में स्थित चेरंगी बाजार चौराहे पर हजारों हिंदुओं ने इकट्ठा होकर अपने हक की आवाज बुलंद की थी। उन्होंने अतंरिम सरकार से मांग की है कि हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जाए। 5 अगस्त के बाद से ही हिंदू मंदिर और उनके कार्यक्रमों को मुस्लिम कट्टरपंथी निशाना बना रहे हैं, लेकिन यूनुस की सरकार इन हमलों को रोक पाने में नाकाम साबित हुई है। उल्टा इस सरकार ने अब हिंदू धर्मगुरुओं पर मुकदमे शुरू कर दिए हैं।

इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण को किया गया गिरफ्तार

युनूस सरकार ने अब तक 19 से ज्यादा हिंदू नेताओं पर मुकदमे दर्ज किए हैं। इनमें इस्कॉन के चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी भी शामिल हैं। वह बांग्लादेश में अस्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुखर रहे हैं। इन सभी पर 25 अक्टूबर को चटगांव में एक प्रदर्शन के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने का आरोप लगा है। बांग्लादेश सनातन स्वर्णिम भारत न्यूज़ मंच के नेता चिन्मय कृष्ण दास 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद से हिंदुओं पर हमलों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में सबसे आगे रहे हैं।
Muhammad Yunus: बांग्लादेशी हिंदुओं का रहनुमा कौन, मोहम्मद यूनुस के सामने बड़ी चुनौती, कैसे रोकेंगे अल्पसंख्यकों पर हमले?

क्या पाकिस्तान की राह पर चल पड़ा है बांग्लादेश

बांग्लादेश की यूनुस सरकार ने भारत में शरण ले रखी 77 साल की हसीना के नाम का अरेस्ट वारंट निकाल दिया है। बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने बांग्लादेश के संविधान से 'समाजवाद' और 'धर्मनिरपेक्षता' शब्दों को हटाने की अपील की है। इस प्रस्ताव से यह आशंका पैदा हो गई है कि मुख्य रूप से मुस्लिम राष्ट्र एक इस्लामिक देश बनने की ओर बढ़ रहा है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश के बदलते मूड के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की साजिश है।

2006 में शांति का नोबेल मिला, अब अशांति फैलाने के आरोप

मोहम्मद यूनुस एक उद्यमी, बैंकर, अर्थशास्त्री और नागरिक समाज के नेता हैं। मोहम्मद यूनुस को 1970 के दशक में माइक्रोफ़ाइनेंस के अग्रणी के रूप में जाना जाने लगा और इससे देश के सबसे गरीब लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में मदद मिली। यूनुस को ग्रामीण बैंक की स्थापना और माइक्रोक्रेडिट और माइक्रोफाइनेंस के कॉन्सेप्ट को आगे बढ़ाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

बांग्लादेश में क्यों हिंदुओं और मंदिरों पर हो रहे हैं हमले

बांग्लादेश में अवामी लीग की मुखिया शेख हसीना के भारत शरण लेने के बाद से ही वहां की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और कट्टरपंथीं ताकतों के हाथों में सत्ता की कमान चली गई है। भले ही मोहम्मद यूनुस सरकार चला रहे हैं, मगर उस पर नियंत्रण पाकिस्तान की तरह ही सेना और कट्टरपंथी ताकतों का रह गया है। ये ताकतें भारत को पसंद नहीं करती हैं। बांग्लादेश में नई यूनुस सरकार पर कट्टरपंथी इस्लामी गुटों को खुश करने और इस्कॉन पर हमला करने की अनुमति देने का आरोप है। बांग्लादेश के कट्टरपंथी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम ने जुमे की नमाज के बाद इस्कॉन के खिलाफ रैली निकाली, जिस पर अवामी लीग का समर्थन करने के आरोप हैं। बांग्लादेश में 40 हलार मंदिर हैं।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

एकनाथ शिंदे कैंप के सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की

News Flash 27 नवंबर 2024

एकनाथ शिंदे कैंप के सांसदों ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की

Subscribe US Now