संभल हिंसा मामले में 100 से अधिक उपद्रवियों की पहचान, पोस्टर जारी होंगे, घोषित हो सकता है इनाम

संभल: उत्तर प्रदेश का संभल में रविवार 24 नवंबर को भड़की हिंसा मामले में योगी सरकार सख्त हो गई है। संभल हिंसा को लेकर अब तक 8 एफआईआर दर्ज की गई। संभल हिंसा एफआईआर की कॉपी से बड़ा खुलासा हुआ है। एफआईआर में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी सांसद ने जुम्

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संभल: उत्तर प्रदेश का संभल में रविवार 24 नवंबर को भड़की हिंसा मामले में योगी सरकार सख्त हो गई है। संभल हिंसा को लेकर अब तक 8 एफआईआर दर्ज की गई। संभल हिंसा एफआईआर की कॉपी से बड़ा खुलासा हुआ है। एफआईआर में कहा गया है कि समाजवादी पार्टी सांसद ने जुम्मे के दिन लोगों को भड़काया था। समाजवादी पार्टी विधायक का बेटा भी लोगों को भड़काने में शामिल था। संभल हिंसा के सबूतों को जुटाने की कोशिश की जा रही है। इस मामले में अब तक दर्ज 8 एफआईआर में 800 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 100 से अधिक लोगों की पहचान की गई है। इनके पोस्टर लगाए जाने की तैयारी है। पुलिस-प्रशासन की ओर से सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाए जाएंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी?

मुरादाबाद मंडलायुक्त आंजनेय कुमार संह ने कहा कि संभल बवाल में नामजदों के फोटोयुक्त पोस्टर जारी किए जाएंगे। इसके लिए संभल के एसपी ने तैयारी कर ली है। दोबारा इस प्रकार के बवाल नहीं हों, इसके लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं। उपद्रव करने वाले शेष लोगों की पहचान की जा रही है। सोशल मीडिया पर लगातार नजर रखी जा रही है। वहीं, पुलिस के स्तर पर लगातार माहौल को शांत करने का प्रयास किया जा रहा है।

मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज डी ने कहा कि किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई नहीं होगी। इस बवाल में जो भी शामिल रहे हैं, उन्हें कड़ी कानूनी कार्रवाई का सामना करना होगा। पुलिस उपद्रवियों की पहचान के लिए साइबर सेल की मदद ले रही है। फिलहाल संभल में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। मंगलवार को दुकान खुली। ट्रैफिक भी खुला और माहौल शांतिपूर्ण रहा।

एफआईआर से बड़ा खुलासा

संभल हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इसमें आरोप लगाया गया है कि दंगाइयों ने पुलिस के हथियार लूटे थे। दंगाई बोल रहे थे कि पुलिस के हथियार छीन लो। एसआई की पिस्टल जीने की कोशिश की गई। दंगाई बोल रहे थे, मस्जिद में सर्वे नहीं होने देंगे। 29 स्मोक बम लूट लिया गया। 12 बोर के 15 कारतूस लूट लिए गए। सीसीटीवी तोड़ा गया। पुलिस ने हिंसा के आरोपियों की पहचान शुरू कर दी। उसकी खोज भी शुरू कर दी गई है। पुलिस ने 100 से अधिक पत्थरबाजों की पहचान की है।

सीसीटीवी फुटेज और ड्रोन कैमरों से आरोपियों की पहचान की गई है। इस मामले में अब तक 27 तक आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में आठ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें कहा गया कि दंगाइयों ने पुलिस से हथियार लूट लिए। पुलिस का कहना है कि जो बवाली पहचाने जा चुके हैं, उनकी तलाश में सोमवार की देर रात पुलिस ने तलाश की।

बुधवार को भी तनाव

शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान रविवार को संभल शहर में जमकर बवाल हुआ था। इस मामले के बाद बुधवार को भी तनाव बढ़ा हुआ है। इस मामले को लेकर संभल में इंटरनेट को बंद किया गया है। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर 100 से अधिक उपद्रवियों की पहचान कर ली गई है। इनके पोस्टर जारी होंगे।

पुलिस ने तेज किया एक्शन

आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने ताबड़तोड़ एक्शन शुरू कर दिया है। वहीं, संभल में माहौल अब सामान्य होने लगा है। शहर में मंगलवार को स्कूल खोले गए। हालांकि, बच्चों की उपस्थिति काफी कम रही। मंगलवार की शाम तक इंटरनेट सेवा बहाल नहीं हो पाई। प्रशासन ने एहतियातन प्रतिबंध 24 घंटे के लिए बढ़ा दिया है।

जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों को छोड़कर शहर के बाजार पूरी तरह से खुले, लेकिन बाजार में लोग काफी कम आए। शांति बहाली के लिए पुलिस की गश्ती लगातार जारी है। दरअसल, शाही जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने के दावे की याचिका पर कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश दिया है।

दूसरी बार सर्वे में बवाल

कोर्ट ने रमेश राघव को कोर्ट कमिश्नर बनाया। रमेश राघव कमिटी जांच के लिए दूसरी बार शाही जामा मस्जिद रविवार को पहुंची थी। इसको लेकर बवाल मच गया। आक्रोशित लोगों की भीड़क ने पथराव, फायरिंग और आगजनी कर दी। हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, दर्जन भर पुलिसकर्मी और अधिकारी घायल हो गए।

संभल पुलिस ने इस मामले में सोमवार को सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, विधायक के बेटे सुहेल इकबाल समेत 2500 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया। हिंसा के दौरान हुए नुकसान उपद्रवियों से कराने का निर्णय लिया। उपद्रवियों की पहचान के लिए पुलिस ने मंगलवार को मस्जिद के पीछे की दुकान में लगे सीसीटीवी के डीवीआर जुटाए। हालांकि, हिंसा के दौरान बड़ी संख्या में सीसीटीवी तोड़े गए थे।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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