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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्र प्रथम की भावना संविधान को कई सदियों तक जीवंत रखेगी। संविधान हमारी हर जरूरत और अपेक्षा पर खरा उतरा है, यह हमारा मार्गदर्शक है। जम्मू-कश्मीर में संविधान अब पूरी तरह लागू हुआ, वहां पहली बार संविधान दिवस मनाया गया। इस दौरान उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद को याद करते हुए कहा कि भारत को ईमानदार लोगों के समूह से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए, जो अपने हितों से आगे देश का हित रखेंगे। नेशन फर्स्ट की यही भावना भारत के संविधान को आने वाले कई कई सदियों को जीवंत बनाए रखेगी।
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में खास कार्यक्रम
26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था और इसके 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में पीएम के अलावा, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अन्य जस्टिस, रिटायर चीफ जस्टिस, सीनियर एडवोकेट आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान पीएम ने सुप्रीम कोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 को रिलीज किया। कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ने तिहाड़ जेल में बंद कैदी द्वारा बनाई गई एक तस्वीर पीएम को भेंट की।
मुंबई हमला, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर का जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह भारतीय संविधान और संविधान सभा के सदस्य को नमन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को ही मुंबई में आतंकी हमला किया गया था। जिन लोगों की जान गई उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पीएम ने कहा कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पीएम ने कहा कि संविधान सभा में लंबी बहस हुई थी और गंभीर चर्चाएं हुई थी। संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई है कि उचित समय पर निर्णय लेते हुए इसकी व्याख्या किया जा सकता है।भारत की आकांक्षाएं नई ऊंचाई पर जाएंगी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आकांक्षाएं समय के साथ नई ऊंचाई पर जाएगी और आजाद भारत की जरूरतें बदलेंगी, इसलिए संविधान को कानून की किताब नहीं बल्कि एक जीवंत निरंतर प्रवाहमान दस्तावेज बनाया गया है। यह वर्तमान भारत और भविष्य का मार्गदर्शक है। इसने सभी चुनौतियों का समाधान करने का काम किया है और रास्ता दिखाया है। इस दौरान देश में इमरजेंसी भी लगी तब भी संविधान ने लोकतंत्र की चुनौती का सामना किया और हर अपेक्षा पर वह खता उतरा है।
'जम्मू-कश्मीर में संविधान लागू हुआ, पहली बार संविधान दिवस मनाया गया'
पीएम मोदी ने कहा कि इसी शक्ति से जम्मू कश्मीर में बाबा साहेब आंबेडकर का बनाया संविधान लागू हुआ और पहली बार वहां संविधान दिवस मनाया गया है। परिवर्तन के दौर में संविधान गाइडिंग लाइट की तरह है जो रास्ता दिखा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नागरिक को क्वालिटी ऑफ लाइफ और गरिमामयी जिंदगी मिले इसके लिए आर्थिक और सामाजिक न्याय अहम माध्यम है। इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि मूल संविधान की जो प्रति है उसमें राम-सीता, हनुमान, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और गुरुगोविंद सिंह के चित्र हैं, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यह इसलिए दिया गया है कि मानवीय मूल्यों के प्रति हम सजग रहें। लोगों को तुरंत न्याय मिले इसके लिए नई संहिता लागू की गई है। यह दंड आधारित नहीं बल्कि यह न्याय आधारित है। नारी शक्ति के लिए काम हुआ है, थर्ड जेंडर और दिव्यांगों के लिए काम किया गया है।
'मुझे संविधान ने जो काम दिया उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया'
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीनियर सिटिजन को अब लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए डिजिटल व्यवस्था की गई है। करीब परिवार को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त किया गया है। अपने संबोधन के आखिर में मोदी ने हंसते अंदाज में कहा कि मुझे संविधान ने जो काम दिया है उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है मैंने कोई एंक्रोचमेंट की कोशिश नहीं की है। मैंने अपनी बात रखी है यहां तो इशारा करना होता है ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है।
इस मौके पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जो लोगों को मौलिक अधिकार और कर्तव्य का दायित्व देता है वहीं सरकार को सुशासन के लिए नीति निर्देशक सिद्धांत भी देता है। यहां कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के काम में विभाजन है। संविधान निर्माण में लगी 15 महिला सदस्य को उन्होंने याद किया।
संविधान दिवस पर सुप्रीम कोर्ट में खास कार्यक्रम
26 नवंबर 1949 को संविधान को अंगीकृत किया गया था और इसके 75वीं वर्षगांठ के मौके पर सुप्रीम कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में पीएम के अलावा, चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के प्रेसिडेंट कपिल सिब्बल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन मनन कुमार मिश्रा आदि ने संबोधित किया। इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के अन्य जस्टिस, रिटायर चीफ जस्टिस, सीनियर एडवोकेट आदि मौजूद थे। कार्यक्रम के दौरान पीएम ने सुप्रीम कोर्ट की वार्षिक रिपोर्ट 2023-24 को रिलीज किया। कार्यक्रम के दौरान चीफ जस्टिस ने तिहाड़ जेल में बंद कैदी द्वारा बनाई गई एक तस्वीर पीएम को भेंट की।मुंबई हमला, इमरजेंसी, जम्मू-कश्मीर का जिक्र
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि वह भारतीय संविधान और संविधान सभा के सदस्य को नमन करते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि 26 नवंबर को ही मुंबई में आतंकी हमला किया गया था। जिन लोगों की जान गई उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए पीएम ने कहा कि भारत की सुरक्षा को चुनौती देने वाले आतंकी संगठन को मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। पीएम ने कहा कि संविधान सभा में लंबी बहस हुई थी और गंभीर चर्चाएं हुई थी। संविधान में ऐसी व्यवस्था की गई है कि उचित समय पर निर्णय लेते हुए इसकी व्याख्या किया जा सकता है।भारत की आकांक्षाएं नई ऊंचाई पर जाएंगी- पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की आकांक्षाएं समय के साथ नई ऊंचाई पर जाएगी और आजाद भारत की जरूरतें बदलेंगी, इसलिए संविधान को कानून की किताब नहीं बल्कि एक जीवंत निरंतर प्रवाहमान दस्तावेज बनाया गया है। यह वर्तमान भारत और भविष्य का मार्गदर्शक है। इसने सभी चुनौतियों का समाधान करने का काम किया है और रास्ता दिखाया है। इस दौरान देश में इमरजेंसी भी लगी तब भी संविधान ने लोकतंत्र की चुनौती का सामना किया और हर अपेक्षा पर वह खता उतरा है।'जम्मू-कश्मीर में संविधान लागू हुआ, पहली बार संविधान दिवस मनाया गया'
पीएम मोदी ने कहा कि इसी शक्ति से जम्मू कश्मीर में बाबा साहेब आंबेडकर का बनाया संविधान लागू हुआ और पहली बार वहां संविधान दिवस मनाया गया है। परिवर्तन के दौर में संविधान गाइडिंग लाइट की तरह है जो रास्ता दिखा रहा है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय नागरिक को क्वालिटी ऑफ लाइफ और गरिमामयी जिंदगी मिले इसके लिए आर्थिक और सामाजिक न्याय अहम माध्यम है। इसके लिए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं।पीएम मोदी ने कहा कि मूल संविधान की जो प्रति है उसमें राम-सीता, हनुमान, भगवान बुद्ध, भगवान महावीर और गुरुगोविंद सिंह के चित्र हैं, जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है और यह इसलिए दिया गया है कि मानवीय मूल्यों के प्रति हम सजग रहें। लोगों को तुरंत न्याय मिले इसके लिए नई संहिता लागू की गई है। यह दंड आधारित नहीं बल्कि यह न्याय आधारित है। नारी शक्ति के लिए काम हुआ है, थर्ड जेंडर और दिव्यांगों के लिए काम किया गया है।
'मुझे संविधान ने जो काम दिया उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया'
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीनियर सिटिजन को अब लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए डिजिटल व्यवस्था की गई है। करीब परिवार को पांच लाख तक का इलाज मुफ्त किया गया है। अपने संबोधन के आखिर में मोदी ने हंसते अंदाज में कहा कि मुझे संविधान ने जो काम दिया है उसी मर्यादा में रहने का प्रयास किया है मैंने कोई एंक्रोचमेंट की कोशिश नहीं की है। मैंने अपनी बात रखी है यहां तो इशारा करना होता है ज्यादा कुछ कहने की जरूरत नहीं होती है।इस मौके पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि भारतीय संविधान एक जीवंत दस्तावेज है जो लोगों को मौलिक अधिकार और कर्तव्य का दायित्व देता है वहीं सरकार को सुशासन के लिए नीति निर्देशक सिद्धांत भी देता है। यहां कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका के काम में विभाजन है। संविधान निर्माण में लगी 15 महिला सदस्य को उन्होंने याद किया।
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