एक हैं तो सेफ हैं... लोकसभा की हार के बाद बीजेपी के पक्ष में कैसे बदला माहौल, जानिए इनसाइड स्टोरी

नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद, बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव में अपनी रणनीति बदल दी। मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के कारण बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव के बीच प्रधानमंत्री ने एक नया नारा पेश किया 'एक हैं तो

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद, बीजेपी ने महाराष्ट्र चुनाव में अपनी रणनीति बदल दी। मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण के कारण बीजेपी को कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था। इस चुनाव के बीच प्रधानमंत्री ने एक नया नारा पेश किया 'एक हैं तो सेफ हैं।' इस नारे की काफी चर्चा हुई। बीजेपी कार्यकर्ताओं में इस नारे में जोश भर दिया। इस नारे ने हिंदू वोटर्स को आकर्षित किया। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'बंटेंगे तो कटेंगे' का नारा दिया।

महाराष्ट्र में क्या रही बीजेपी की रणनीति

बीजेपी की ओर से आए इन दोनों ही नारों का इस चुनाव में गहरा प्रभाव नजर आया। बीजेपी का यह कदम मुस्लिम धर्मगुरुओं की ओर से महाविकास अघाड़ी (MVA) को वोट देने की अपील के बाद उठाया गया। नेशनल उलेमा काउंसिल, महाराष्ट्र और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी ने सरकारी ठेकों में मुसलमानों के लिए कोटा और पुलिस बलों में भर्ती में प्राथमिकता जैसी मांग की।

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मुस्लिम ध्रुवीकरण बनाम हिंदू एकता

बीजेपी ने इन मांगों को हिंदू विरोधी बताया और हिंदू एकता का आह्वान किया। चुनाव प्रचार के दौरान, बीजेपी ने सांस्कृतिक और राष्ट्रीय एकता की सुरक्षा के लिए एकजुटता का आह्वान किया। पीएम मोदी ने कई रैलियों में 'एक हैं तो सेफ हैं' का नारा दोहराया। आरएसएस ने भी बीजेपी के इस अभियान का समर्थन किया। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने अपने वार्षिक दशहरा भाषण में हिंदू एकता का आह्वान किया।

बीजेपी को आरएसएस का भी मिला साथ

मोहन भागवत ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हुए हमलों से सबक लेने का आग्रह किया। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबाले ने भी 'बंटेंगे तो कटेंगे' के नारे का इस्तेमाल किया। इस तरह बीजेपी ने महाराष्ट्र में मुस्लिम ध्रुवीकरण के जवाब में हिंदू वोटों को एकजुट करने की रणनीति अपनाई। इसका असर महाराष्ट्र के नतीजों में स्पष्ट तौर पर दिखा। बीजेपी ने इस बार बंपर जीत दर्ज करने में सफल रही। महायुति गठबंधन को 230 सीटें आई हैं।

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ऐसे विपक्षी खेमा हो गया चारो खाने चित

इस बार के चुनाव नतीजों खास बात ये रही विपक्षी महा विकास अघाड़ी चारों खाने चित हो गई। कोई भी दल इतनी सीटें नहीं ला सका कि मुख्य विपक्षी पार्टी बन सके। उद्धव ठाकरे की शिवसेना को 20 सीटें आई हैं। कांग्रेस को 16 और शरद पवार गुट की एनसीपी को 10 सीटें मिली हैं। दूसरी ओर बीजेपी को 132, शिंदे गुट की शिवेसना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटें आई हैं। इस तरह सत्तापक्ष ने विपक्षी गठबंधन को इस चुनावी रण में करारी शिकस्त दी।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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