रेडियो से हुई शुरुआत, ऋतिक के साथ वीडियो कर बदली प्राजक्ता की किस्मत, बताए फ्यूचर प्लान

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साहित्य आजतक 2024के ग्रैंड मंच पर सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और कंटेंट क्रिएटर टर्न्ड एक्ट्रेस प्राजक्ता कोली ने शिरकत की.प्राजक्ता आज की तारीख में एक्टर, क्रिएटर और क्लाइमेट चेंजर भी हैं. तो उन्हें कौन सा टैग पसंद है. प्राजक्ता ने बतायाकि मैं सबसे ज्यादा क्रिएटर कहलाना पसंद करती हूं. मुझे तब से अब में सबसे ज्यादा केयरफ्री होना अच्छा लगता है. आने वाले फरवरी के महीने में दस साल हो जाएंगे. ज्यादातर 'मोस्टली सेन' ही रहती हूं. आसपास चीजें हो जाएं तो मैं थोड़ा दूर दूर रह लेती हूं.

क्विट नहीं कोशिश करते रहना है

इसके बाद प्राजक्ता से वहां मौजूद दर्शकों ने सवाल किया और पूछा कि कंटेंट क्रिएशन की लाइफ स्पैन में कभी ऐसा हुआ कि जब आपने सोचा था ये कंटेंट वायरल होगा लेकिन हुआ नहीं. तो आपने सोचा होगा कि क्विट कर लेती हूं.

प्राजक्ता बोलीं- मैंने 2015 में कंटेंट क्रिएशन शुरू किया था. दो ढाई साल में एक वो मोमेंट आ गया था. तब तो थोड़ा ईगो भी आ गया था. कहां मैंने अनप्लान्ड शुरू किया था, सोचा था बनते बनते बन जाएगा, करते करते कर लेंगे. थोड़ी सी ओवर कॉन्फिडेंट हो गई थी. फिर 2017 में मुझे लगा कि नहीं ये वो वाला गेम ही नहीं है. मैंने अब तक 600-700 वीडियोड अपलोड करे हैं, और मुझे लगता है नहीं कि 10 से ज्यादा वायरल हुए होंगे. मैं हाथों पर गिन सकती हूं. बहुत पिट गए थे, वो पिटने भी थे. 2017 में मैं समझ गई थी कि आपने अगर समझ लिया तो लाइफ सॉल्व हो जाएगी. तो आपको कोशिश करते रहना होता है.

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जल्द ही नॉवल 'टू गुड टू बी ट्रू' होगी रिलीज

प्राजक्ता बोलीं- मुझे शुरू से भूरी आंखें और डिम्पल्स पसंद हैं. मेरा मंगेतर वृशांक और बुक का पब्लिशर दोनों की ही आंखें ब्राउन हैं और डिम्पल्स आते हैं. इससे ज्यादा फिल्मों से कुछ इंस्पायर नहीं है. बुक लिखने से ज्यादा मुश्किल कुछ नहीं है, मुझे नहीं लगता. जब शुरू किया था, डिसीप्लिन बहुत चाहिए, पेशेंस बहुत चाहिए, लगा नहीं था कर लूंगी, लेकिन करते करते कर लिया.

एक महिला होने के नाते कैसे तोड़ा बैरियर?

जब मैंने शुरू किया था तब मैं 20 साल की थी, तो मैंने कुछ सोचा ही नहीं था. ना ही समझ थी, तब इंटरनेट ऐसा था भी नहीं जैसा अब है. समझ तो और ही कम थी, तो ये बातें दिमाग में थी ही नहीं कि लोग क्या सोचेंगे. मेरे घर में कभी ये चर्चा नहीं होती थी कि लोग क्या कहेंगे, समाज क्या कहेगा. थोड़ा तो मेरी परवरिश का असर था. अब करने के बाद समझ आया खुद से बड़ा आपका चीयरलीडर कोई नहीं होता है. मैं दस साल से हूं बहुत टाइम लगा है, लेकिन बहुत खुश हूं. डिल्यूजन में थी लेकिन ऑब्सेशन ज्यादा है.

यूट्यूब प्लेटफॉर्म का आइडिया कैसे आया?

मैं तो रेडियो इंटर्न थी, मेरे दिमाग में तो बिल्कुल नहीं आया. सुदीप जो तब कहीं और काम करते थे उनसे मैं मिली थी रेडियो स्टेशन में. तब बैंग बैंग रिलीज हुई थी, और ऋतिक रोशन स्टूडियो में आए थें, मैं उनकी बहुत बड़ी फैन थी. तो मैंने उनके साथ एक वीडियो की थी, इसके बाद सुदीप ने मुझे कहा कि क्या तुमने कभी यूट्यूब वीडियो के बारे में सोचा है. वहां से ये शुरू हुआ.

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मंगेतर के ऊपर चुना काम

प्राजक्ता कोली अपने पहले वीडियो का जिक्र भी नहीं करना चाहतीं. वो कहती हैं वो बहुत बेकार है. बता दें, टाइप्स ऑफ पीपल ऑन वैलेंटाइन डे उनका वीडियो पहला वीडियो था. प्राजक्ता से पूछे जाने पर कि वो किस चीज के लिए ज्यादा एक्साइटेड हैं- मिसमैच या अपने बेस्ट फ्रेंड से शादी करना? प्राजक्ता ने बताया कि उन्हें फिलहाल तो अपने सीरीज के लिए ज्यादा एक्साइटमेंट है, और ये उनके मंगेतर वृशांक भी जानते हैं. क्योंकि वो 13 दिसंबर को रिलीज होने वाली है.

एक्टिंग करने पर मिस करती हैं बैक कैमरा देखना

प्राजक्ता ने साथ ही बताया उन्हें सबसे ज्यादा क्या अच्छा लगता है- डायरेक्टर्स के इंस्ट्रक्शन्स पर काम करना या फिर अपनी फ्रीडम से कंटेंट क्रिएट करना? एक्ट्रेस बोलीं- दोनों के ही अलग मजे हैं. कंटेंट क्रिएट करने में सही में फ्रीडम बहुत है, लेकिन इसमें पर्सपेक्टिव कमी आ जाती है. क्योंकि आप अकेले कर रहे होते हो. डायरेक्टर के साथ काम करने का असली मजा क्या होता है कि आप सिर्फ एक्टिंग के बारे में सोचते हो, बाकी सब आपके साथ किसी हेल्प से हो जाती है. वहां कई सारी सोच भी शामिल होती है लेकिन फिर मैं कैमरा के पीछे जाकर देखना कि क्या हो रहा है वो मिस करती हूं. तो मैं चूज नहीं कर सकती.

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जब प्राजक्ता को लगा निकल पड़ी

प्राजक्ता ने बताया कि उन्होंने एक वीडियो किया था- 'कॉमन वर्ड्स यूज्ड बाय डेलीआइट्स'. मैं मुंबई में पैदा हुई लेकिन मेरी मां दिल्ली की हैं. तो मैं नानी के घर पर ही थी, तब वो वीडियो काफी हिट हुई थी. तब मुझे लगा था कि अब तो निकल पड़ी. इसी के साथ प्राजक्ता ने बताया कि वो थियेटर भी किया करती थीं तो उन्हें उनकी पहली सैलरी 250 रुपये की मिली थी.

प्राजक्ता ने बताया कि वो कब यूट्यूब चैनल पर वापसी करेंगी. एक्ट्रेस बोलीं- दरअसल, कुछ वक्त पहले जब मैं कर रही थी तो वो बहुत एक्साइटिंग और चैलेंजिग हो रहा था. तब मैं 21 थी, अब मैं 31 की हूं. लेकिन जैसे कि वक्त बदलता है, मुझे लगने लग गया था कि मैं कितने साल तक स्केचिस बनाऊंगी. मुझे कुछ और लिखना है, शो, बुक या कुछ और. उसके लिए टाइम की ज्यादा जरूरत थी, इसलिए मैंने अपने कदम पीछे खींचे. लेकिन, मैं ये नहीं कह सकती कि हर हफ्ते वाले वीडियोज वापस आएंगे या नहीं कि लेकिन एक वीडियो जरूर आएगा.

यूट्यूबर्स में होती है दोस्ती

प्राजक्ता ने बताया कि कॉम्पिटीशन हो सकता है लेकिन सब आपस में बड़ी दोस्ती रखते हैं. अब सबके लिए ऑडियन्स है. तो सब साथ में काम कर लेते हैं, क्योंकि इस बात की इज्जत होती है कि हर किसी का अपना पर्सपेक्टिव है. यूट्यूबर्स को बहुत हार्ड वर्क करना पड़ता है. जिस तरह का काम मुझे करने को मिल रहा है मुझे नहीं लगा था कि करने को मिलेगा. मैं इतनी खुश हूं ना कि मैं जहां पर भी हूं. अगर किसी को लगता है कि अरे इसको कैसे मिल गया. तो आपको जो सोचना हो सोचो क्योंकि मैंने बहुत मेहनत की है.

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प्राजक्ता ने बताया कि मैंने आजतक कभी प्रोसेस नहीं किया कि कब इतने माइल्स्टोन आ गए. मैं ऐसा नहीं करने वाली, जब जो होना होगा आ जाएगा. मुझे लाइफ अपने आप ही धरती पर ले आती है. कई बार ऐसी चीजें हुई हैं जहां मैं बहुत खुश होती हूं कि आज तो कमाल हो गया लेकिन तभी कोई फैन पोपट कर जाता है या फिर चालान कट जाता है. तो मैं तुरंत अपनी रिएलिटी पर आ जाती हूं.मुझे कभी घमंड नहीं हो पाया क्योंकि मेरे मम्मी पापा या मेरे दोस्त मुझे तुरंत जमीन पर ले आते हैं, कि भई बहुत हो गया.

निगेटिविटी को कैसे हैंडल करती हैं?

प्राजक्ता बोलीं- मुझे लगता है ये बहुत जरूरी है. क्योंकि आपको ना तुरंत फीडबैक मिल जाता है. अच्छे कॉमेंट्स तो आते ही हैं, लेकिन ये जानना भी जरूरी है कि आप क्या कर रहे हैं, लोगों को क्या अच्छा नहीं लग रहा है. क्या काम नहीं लग रहा है. मैं इसे खाने नमक की तरह लेती हूं जो आपको ग्रो करने में हेल्प करता है. लेकिन अगर ये सिर्फ नफरत से आ रहा है तो मैं उसपर ध्यान नहीं देती. क्योंकि मेरी ऑडियन्स बहुत अच्छी है.

शादी की राइट ऐज क्या?

प्राजक्ता से एक महिला सवाल जवाब के दौरान बहस में पड़ गई और कहा कि आप इतनी लेट शादी क्यों कर रही हैं, आपको देखकर सब लड़कियां कहती हैं कि वो तो नहीं कर रही. अभी ये करना है वो करना है, तो शादी की सही ऐज क्या है? प्राजक्ता ने कहा- जब उनका मन करे. शादी की कोई सही ऐज नहीं होती. बावजूद इसके जब महिला ने सवाल जवाब किया तो एक्ट्रेस ने कहा कि आपकी लड़की नहीं कर रही क्या? तो महिला ने कहा नहीं, वो आपका एग्जाम्पल देती है. प्राजक्ता ने कहा कि मैम मैं तो यहीं कहूंगी कि उम्र चाहे 31 हो या 42 शादी तो तभी करनी चाहिए जब मन हो, बाकी आप अपनी बेटी के साथ बात कर लेना. मैं इसमें आपकी कोई हेल्प नहीं कर सकती.

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प्राजक्ता कोली को कंटेंट क्रिएटर भुवन बाम बहुत पसंद हैं. इसी के साथ कहा कि मैं सिर्फ अपने फॉलोअर्स की वजह से कास्ट होती हूं सबको ये लगता है लेकिन ऐसा नहीं है, मैं ऑडिशन देती हूं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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