लाइट हर तरफ है लेकिन यह रूप कभी नहीं देखा होगा, फिजिक्स में पहली बार हुआ ऐसा करिश्मा

Science News in Hindi: प्रकाश और पदार्थ एक-दूसरे से कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, एक नया क्वांटम सिद्धांत हमें यह समझाता है. इसी सिद्धांत की बदौलत हमें प्रकाश के इकलौते कण - फोटॉन - के आकार के बारे में पता चला. वैज्ञानिकों ने पहली फोटॉन के शेप को प्र

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Science News in Hindi: प्रकाश और पदार्थ एक-दूसरे से कैसे प्रतिक्रिया करते हैं, एक नया क्वांटम सिद्धांत हमें यह समझाता है. इसी सिद्धांत की बदौलत हमें प्रकाश के इकलौते कण - फोटॉन - के आकार के बारे में पता चला. वैज्ञानिकों ने पहली फोटॉन के शेप को प्रदर्शित किया है. फोटॉन-पदार्थ की प्रतिक्रियाओं के मूल पहलुओं को समझकर क्वांटम फिजिक्स और मैटेरियल साइंस में नई संभावनाएं खुल सकती हैं. इससे नई और बेहतर नैनो फोटॉनिक टेक्नोलॉजी, पैथोजन डिटेक्शन और कंट्रोल्ड केमिकल रिएक्शंस का रास्ता साफ हो सकता है.

'पर्यावरण की ज्योमेट्री का फोटॉन पर तगड़ा असर'

क्वांटम फिजिक्स से जुड़ी बर्मिंघम यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स की यह स्टडी Physical Review Letters में छपी है. स्टडी के लेखकों ने कहा, 'पर्यावरण की ज्यामिति पदार्थ के साथ फोटॉन की अंतःक्रिया को परिभाषित करती है.' को-ऑथर एंजेला डेमेट्रिआडो ने बताया, 'पर्यावरण की ज्यामिति और प्रकाशीय गुणों का इस बात पर गहरा प्रभाव पड़ता है कि फोटॉन कैसे उत्सर्जित होते हैं, जिसमें फोटॉन का आकार, रंग और यहां तक कि उसके अस्तित्व में होने की संभावना को परिभाषित करना भी शामिल है.'

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वैज्ञानिकों ने एक सैद्धांतिक मॉडल तैयार किया जो प्रकाश के परस्पर क्रिया करने की अनंत संभावनाओं को अलग-अलग समूहों में बांटता है. मॉडल फोटॉन और उसके स्रोत के बीच परस्पर क्रिया का बखान करता है, साथ ही यह भी बताता है कि परस्पर क्रिया से ऊर्जा किस तरह दूर तक जाती है.

फोटॉन का दोहरा चरित्र

फोटॉन क्वांटम मैकेनिकल वस्तुएं हैं. यानी उन्हें तरंगों या कणों, दोनों के रूप में समझाया जा सकता है. इनमें से कोई भी व्याख्या अपने आप में फोटॉन और अन्य मूलभूत कणों की सभी विशेषताओं को पूरी तरह से नहीं दर्शाती. इसी दोहरे चरित्र ने फोटॉन के सटीक आकार को तय करना मुश्किल बना दिया.

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स्टडी के पहले लेखक, बेंजामिन यूएन ने कहा, 'हमारी गणनाओं ने हमें एक असुलझने वाली समस्या को कुछ ऐसी चीज में बदल दिया जिसकी गणना की जा सकती है. और मॉडल के बाई-प्रोडक्ट के रूप में हम फोटॉन की यह तस्वीर बनाने में कामयाब रहे, ऐसा भौतिकी में पहले कभी नहीं देखा गया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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