क्या है अमेरिका का वो घूसखोरी कांड, जिससे जुड़ा गौतम अडानी का नाम, समझिए पूरा विवाद

Gautam Adani Case in Hindi: कभी हिंडनबर्ग तो कभी अमेरिकी एजेंसियां...भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के लिए अमेरिका से आने वाली मुश्किलों का दौर खत्म नहीं हो रहा है. 24 जनवरी, 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर एजेंसी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ एक रिपो

4 1 5
Read Time5 Minute, 17 Second

Gautam Adani Case in Hindi: कभी हिंडनबर्ग तो कभी अमेरिकी एजेंसियां...भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी के लिए अमेरिका से आने वाली मुश्किलों का दौर खत्म नहीं हो रहा है. 24 जनवरी, 2023 को अमेरिकी शॉर्ट सेलर एजेंसी हिंडनबर्ग ने अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके बाद उसके शेयर धराशायी हो गए थे. कंपनी का मार्केट कैप 100 अरब डॉलर तक गिर गया था. अरबपतियों की लिस्ट से गौतम अडानी बाहर हो गए थे. ऐसा ही हाल एक बार फिर देखने को मिला है. एक बार फिर से अडानी के शेयरों में भूचाल आ गया है. अमेरिका से एक बार फिर से खबर आई है और शेयर एक ही दिन में 23 तक गिर गए हैं....इस बार मामला फ्रॉड, धोखाधड़ी, रिश्वतखोरी का है. आइए समझते हैं कि अमेरिका में अडानी पर कौन से गंभीर आरोप लगे हैं ? पूरा मामला क्या हैं और किस प्रोजेक्ट में रिश्वत देने के आरोप लगे हैं ?

गौतम अडानी पर क्या आरोप लगे हैं ?

सबसे पहले बात उन आरोपों की, जो अमेरिका में गौतम अडानी और उनकी कंपनी लगे हैं. अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी एक नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं.न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट ने गौतम अडाणी पर रिश्वत ऑफर करने और धोखाधड़ी चार्ज फ्रेम किया. गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड पर आरोप लगा है कि सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए उन्होंने 250 मिलियन डॉलर यानी करीब 2110 करोड़ रुपये का रिश्वत दिया. यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस का आरोप है कि कॉन्ट्रैक्ट पाने के लिए अडानी ग्रुप ने भारतीय अफसरों को 250 मिलियन डॉलरकी रिश्वत ऑफर की. उनपर अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से सच छिपाने का आरोप लगा. अडानी ग्रीन अनर्जी पर झूठे बयानों और गुमराह करने का आरोप लगा है. भारत सरकार को 11 गीगावाट सोलर एनर्जी बेचेने के लिए अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य कंपनी के बीच समझौते से उठे इस विवाद का मामला अब अमेरिकी कोर्ट में पहुंच चुका है.

अमेरिका में अडानी पर आरोपों की लिस्ट

1. अमेरिका के निवेशकों से धोखाधड़ी 2. सोलर एनर्जी कॉन्ट्रैक्ट के लिए रिश्वत 3. भारतीय अफसरों को रिश्वत ऑफर की 4. करीब 2110 करोड़ रुपये रिश्वत ऑफर 5. निवेशकों, बैंकों को अंधेरे में रखा 6. निवेशकों से 3 बिलियन डॉलर जुटाए

2020-2024 तक चला हेरफेर

रिपोर्ट में दावा किया गया कि साल 20202 से 2024 के बीच अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ग्लोबल को सोलर प्रोजेक्ट का कॉन्ट्रैक्ट दिलाने के लिए गलत तरीके से भारतीय अधिकारियों को घूस दिया गया. इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए अडानी ग्रुप को 20 साल में करीब 2 बिलियन डॉलर का प्रॉफिट होने वाला था. इसके लिए झूठे वादे किए गए और उसके आधार पर लोन और बॉन्ड्स जुटाए गए. इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. यह अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ा विवाद बन गया है.

अमेरिका में क्यों दर्ज हुआ मामला

अमेरिकी अथॉरिटीज इस मामले में जांच कर रही है. एजेंसी जांच कर रही है कि क्या अडानी समूह ने अपने फायदे के लिए घूस दिया और भारत सरकार के अधिकारियों को गलत पेमेंट्स किए ? ये मामला अमेरिका में दर्ज किया है, क्योंकि जिस प्रोजेक्ट पर ये विवाद उठा, उसमें अमेरिका के इन्वेस्टर्स का पैसा लगा था और अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप दिया गया, जो वहां के कानून के हिसाब से अपराध है.

इस विवाद में किस-किस का नाम शामिल ?

अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन के मुताबिक इस मामले में गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत जैन के अलावा एज्योर पावर के सीईओ रंजीत गुप्ता, रुपेश अग्रवाल, साइरिल कैबेनिस, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा के नाम शामिल है. बता दें इनमें से सागर और विनीत एस जैन अडणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड में ऊंचे पदों पर हैं. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडानी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.

क्या है वो प्रोजेक्ट, जिसके चक्कर में घिरे गौतम अडानी

सबसे अहम बात वो कौन सा प्रोजेक्ट हैं, जिसके चक्कर में गौतम अडानी और उनकी कंपनी घिर गई है. रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी SECI को 12 गीगावाट सोलर एनर्जी देने के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया. इस सौदे में शामिल एसईसीआई को भारत में खरीदार नहीं मिल पा रहा था, बिना बायर्स के डील को आगे बढ़ाना मुश्किल था. ऐसे में अडानी ग्रीन और एज्योर पावर ने सरकारी अधिकारियों को रिश्वर देकर डील को क्लोज करने की योजना बनाई.

खबर के बाद सियासी घमासान की शुरुआत

हालांकि अडानी ने इन आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताया है. उन्होंने हर संभव कानूनी सलाह की बात कही है और निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि कंपनी ने कुछ भी अनुचित नहीं किया है. वहीं इस मामले को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया. विपक्षी पार्टियों खासकर कांग्रेस ने जोरशोर से हमला बोला है और गौतम अडानी को गिरफ्तार करने की मांग और मामले जी जेपीसी जांच की मांग की है. वहीं अडाणी मामले में शिवसेना(यूबीटी) ने हमला बोला है.संजय राउत ने कहा कि अमेरिका में अदानी के खिलाफ केस दर्ज होने से देश की विश्वनीयता पर सवाल खड़े होते हैं.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Jharkhand Result: झारखंड की इस सीट पर सबसे पहले आएगा परिणाम, सबसे आखिर में धनवार-बोकारो का रिजल्ट

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड विधानसभा चुनाव (Jharkhand Vidhan Sabha Chunav 2024) के तहत दोनों चरणों में पड़े वोटों की गणना 23 नवंबर को सुबह आठ बजे से होगी। सबसे पहले पोस्टल बैलेट से पड़े वोटों की गणना होगी। सुबह साढ़े आठ बजे से ईवीएम के मतों की गिनती

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now