महाराष्‍ट्र में मजबूत सरकार के लिए सारा दारोमदार बीजेपी की सेंचुरी पर, वरना बाजार लगेगा | Opinion

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Exit Polls में महायुति के बहुमत हासिल करने का अनुमान लगाया जा रहा है. महायुति यानी महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाला सत्ताधारी गठबंधन.एग्जिट पोल और सट्टा बाजार दोनोंके आंकड़े यही बता रहे हैं कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने जा रही है, लेकिन ये संभावित सबसे बड़ी पार्टी कितनी विधानसभा सीटें जीत सकती है - क्योंकि सबसे बड़ी पार्टी की अपनी अहमियत है.

अगर सबसे बड़ी पार्टी बन कर भी बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा नहीं पार कर पाती, तो बात नहीं बनेगी. न तो मजबूत सरकार बन सकेगी, न ही सरकार पूरे पांच साल चल पाएगी. Matrize के एग्जिट पोल में बीजेपी के 101 सीटें जीत लेने का अनुमान लगाया गया है.

महाराष्ट्र में संभावित पार्टी पोजीशन

Matrize के एग्जिट पोल की मानें तो 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति को 150-170 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी को 110-130 विधानसभा सीटें मिल सकती हैं - आपको बता दें कि बहुमत का नंबर 145 है. यानी, विपक्षी गठबंधन बहुमत हासिल करने से चूक सकता है. अन्य के हिस्से में 6-8 विधानसभा सीटें हो सकती हैं.

वोट शेयर की बात करें तो MVA यानी महाविकास आघाड़ी को 42 फीसदी वोट मिल सकता है, लेकिन 47 फीसदी हिस्सेदारी के साथ महायुति बढ़त बनाते प्रतीत हो रहा है - वोट शेयर के आंकड़ों में ये बड़ा फासला है. ये भी नहीं भूलना चाहिये कि विधायकों की संख्या का अनुमान वोट शेयर से नहीं लगाया जा सकता. 2022 में हुए हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच वोट शेयर का फासला 1 फीसदी से भी कम था. बीजेपी चूक गई, और कांग्रेस ने बाजी मार ली.

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Exit Polls में Matrize के आंकड़ों को देखें तो बीजेपी को 89 से 101 के बीच विधानसभा सीटें मिलने का अनुमान है, जो बीजेपी को बढ़त दिलाकर नंबर 1 पोजीशन पर पहुंचा रहा है.

नंबर 2 पोजीशन की लड़ाई एकनाथ शिंदे की शिवसेना, कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के बीच चलती हुई लग रही है. एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक, शिंदे की शिवसेना को 37-47 विधानसभा सीटें मिल सकती हैं. वैसे ही कांग्रेस को 39-47 सीटें और शरद पवार की एनसीपी को 35-43 सीटें मिलने की संभावना जताई जा रही है.

एग्जिट पोल की ही तरह सट्टा बाजार में भी बीजेपी के नाम पर दांव लगाये जाने की बात सुनने में आई है. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को लेकर सट्टा बाजार में रेट 25 पैसे से लेकर 80 पैसे तक पाया गया है - सट्टा बाजार में दांव पर जितना कम पैसा लगाया जाता है, उसका भाव ज्यादा समझा जाता है.

सट्टा बाजार के मुताबिक सबसे बड़ी पार्टी बनने की संभावना बीजेपी के लिए सबसे ज्‍यादा है. इसीलियेबीजेपी का रेट सबसे कम 25 पैसा चला है. ऐसे ही अजित पवार वाली एनसीपी पर सबसे ज्यादा 80 पैसा लगा है, जिसका मतलब ये हुआ कि एनसीपी सबसे निचले पायदान पर रहने वाली है.इस हिसाब से दूसरे नंबर पर 27 पैसे की रेट वाली कांग्रेस, तीसरे नंबर पर 55 पैसे वाली शिवसेना, 65 पैसे वाली उद्धव ठाकरे की शिवसेना और 70 पैसे वाली शरद पवार की एनसीपी है

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एग्जिट पोल और सट्टा बाजार में कोई खास फर्क नहीं है. दोनो एक ही सिक्के के दो पहलू जैसे हैं. संयोग से दोनोंसही साबित हो सकते हैं, और दोनोंगलत भी साबित हो सकते हैं. एक गलत और एक सही भी साबित हो सकता है.

क्या सबसे बड़ी पार्टी मजबूत और स्थाई सरकार दे सकती है?

सबसे बड़ी पार्टी मजबूत और स्थाई सरकार दे सकेगी - ये गारंटी तो नहीं है, लेकिन प्रबल संभावना वाली स्थिति जरूर है. लेकिन, सबसे बड़ा होने की एक शर्त बीच में लंबा फासला भी है - ऐसे में सबसे ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ रही बीजेपी अगर 100 से ज्यादा सीटें जीत लेती है तो मजबूत नेतृत्व दे सकेगी, ऐसा माना जा सकता है. मजबूत नेतृत्व से मजबूत और स्थाई सरकार की संभावना बनती है, ये भी माना जा सकता है.

1. त्रिशंकु विधानसभा होने की स्थिति में सत्ता की चाबी छोटी पार्टियों और निर्दलीयों के हाथ में पहुंच सकती है. त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वंचित बहुजन अघाड़ी, AIMIM और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना जैसे राजनीतिक दलों का दबदबा बढ़ेगा और अपने अपने हिसाब से वे मनमानी करेंगे. ऐसी ही स्थिति निर्दलीय विधायकों की वजह से ही भी हो सकती है, वे भी सरकार को चैन से नहीं रहने देंगे.

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2. फर्ज कीजिये बीजेपी की सीटें कम आती हैं, और महाराष्ट्र में बीजेपी को छोड़कर मिली जुली सरकार बन जाती है, तो भी सरकार ज्यादा दिनों तक चलने से रही. महाराष्ट्र तो इस बात का गवा है ही, उदाहरण के रूप में कर्नाटक और मध्य प्रदेश का नाम भी लिया जा सकता है.

3. अगर बीजेपी की सीटें काफी कम आती हैं, यानी बीजेपी शतक लगाने से चूक जाती है, तो गठबंधन साथियों या निर्दलीय विधायकों के दबाव में कदम कदम पर समझौते करने पड़ेंगे - और ऐसा हुआ तो सरकार तो चलने से रही.

महाराष्ट्र के लोगों ने अपना फैसला सुना दिया है. जनता का फैसला सुरक्षित रखा गया है - अब तो 23 नवंबर को भी मालूम हो सकेगा कि महाराष्ट्र में लोग कैसी सरकार चाहते हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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