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नई दिल्ली: झारखंड विधानसभा चुनावों में दो चरणों में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। पहले चरण में 43 सीटों के लिए बीते बुधवार, 13 नवंबर को वोटिंग हुई थी। कुल 81 सीटों वाली विधानसभा में शेष 38 सीटों पर दूसरे चरण में बुधवार को ही मतदान संपन्न हुए। 20 नवंबर को खत्म हुई वोटिंग के बाद एग्जिट पोल्स के नतीजे भी आ गए। ज्यादातर सर्वे संस्थानों ने महाराष्ट्र की तरह ही झारखंड में भी हवा का रुख बीजेपी गठबंधन के पक्ष में ही बताया है।
इन संस्थानों ने किए सर्वे, आ गए एग्जिट पोल्स
झारखंड विधानसभा चुनावों में मतदाताओं के मूड भांपने के लिए जिन संस्थानों में सर्वे किए, उनमें चाणक्य स्ट्रैटिजीज, मैट्रिज, पीपल्स पल्स, पी-मार्क, एक्सिस माय इंडिया, पोल ऑफ पोल्स प्रमुख हैं। इनमें एक्सिस माय इंडिया को छोड़कर सभी संस्थानों ने झारखंड में सत्ता परिवर्तन की अटकल लगाई है। एक्सिस माय इंडिया के मुताबिक, झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार की वापसी हो रही है।बीजेपी ने सत्ता वापसी के लिए लगाया दम
झारखंड विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने मुस्लिम घुसपैठियों और आदिवासी अस्मिता के मुद्दे को हवा दी। बीजेपी ने मतदाताओं को लुभाने के लिए 'बंटोगे तो कटोगे' का पाठ पढ़ाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। अब आए एग्जिट पोल्स में यही दिख रहा है कि बीजेपी के उठाए मुद्दे मतदाताओं को भा गए हैं और उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) और कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन सरकार को उखाड़ फेंकने के मकसद से वोट किया है।असल परिणाम का इंतजार
2019 के पिछले विधानसभा चुनावों में जेएमएम ने अकेले दम पर 30 सीटें हासिल की थीं। उसने कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के समर्थन से 47 विधायकों का समर्थन जुटाकर सरकार बना ली और हेमंत सोरेन सरकार के मुखिया बन गए। दूसरी तरफ, 25 सीटों पर सिमटी बीजेपी अपनी सरकार गंवाने को मजबूर हुई। इस बार बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए ने सत्ता वापसी के लिए तो जेएमएम-कांग्रेस के नेतृत्व में इंडि गठबंधन ने सत्ता बचाने के लिए पूरा दमखम लगा दिया है। 23 नवंबर को असली नतीजे आएंगे तो पता चलेगा कि किस खेमे की मेहनत सफल हुई है।
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