सुप्रिया सुले और नाना पटोले के वायरल ऑडियो का फैक्ट चेक, जानें- AI टूल्स ने क्या बताया

<

4 1 11
Read Time5 Minute, 17 Second

महाराष्ट्र में बुधवार को 288 विधानसभा सीटों पर वोटिंग से एक दिन पहले पुणे के पूर्व आईपीएस अधिकारी रविंद्रनाथ पाटिल ने एनसीपी(एसपी) की नेता सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले पर 2019 में बिटकॉइन की हेराफरी कर उस पैसे का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव में करने का आरोप लगाया.

पूर्व आईपीएस अधिकारी ने आरोप लगाया कि उस समय पुणे पुलिस कमिश्नर अमिताभ गुप्ता और साइबर क्राइम जांच को संभाल रहीं पूर्व डिप्टी पुलिस कमिश्नर भाग्यश्री नौटके भी बिटकॉइन की गड़बड़ी में शामिल थे.

बीजेपी ने बाद में इस कथित धोखाधड़ी के सबूत के रूप में कई फाइलें भी जारी कीं. इन ऑडियो फाइलों में सुप्रिया सुले, नाना पटोले, अमिताभ गुप्ता और एक ऑडिट फर्म 'सारथी एसोसिएट्स' के कर्मचारी गौरव मेहता की आवाजें होने का दावा किया गया है. हालांकि, कई लोगों ने दावा किया है कि ये ऑडियो एआई (AI-generated) जेनरेट हैं. जबकि अजित पवार ने दावा किया कि इनमें से एक आवाज उनकी बहन की है और दूसरी उस व्यक्ति की है जिसके साथ मैंने व्यापक रूप से काम किया है.

वहीं, सुप्रिया सुले ने इस आवाज को एआई जेनरेटेड करार दिया. इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय ने रिपोर्ट्स के मुताबिक, रायपुर में गौरव मेहता के घर पर छापेमारी की है.

Advertisement

क्या ये ऑडियोज एआई-जनित हैं?

India Today फैक्ट चेक टीम ने एआई डिटेक्शन टूल्स का उपयोग करके इन ऑडियो फाइल्स का विश्लेषण किया. पहला टूल TrueMedia है, जिसे ओरेन एत्ज़ियोनी जो कि वाशिंगटन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हैं उन्होंने स्थापित किया था. दूसरा है यूनिवर्सिटी ऑफ बफ़ेलो का Deefake-O-Meter और तीसरा है Hiya कंपनी द्वारा निर्मित Deepfake Voice Detector, जो स्पैम और धोखाधड़ी के लिए कॉल्स को स्कैन करता है.

यह ध्यान रखना जरूरी है कि इन टूल्स के परिणाम हमेशा सटीक नहीं होते हैं. कभी-कभी ये एक दूसरे से भिन्न परिणाम भी देते हैं.

इन टूल्स में क्या सामने आया

ट्रूमीडिया (TrueMedia):

TrueMedia तीन विभिन्न डिटेक्टरों का उपयोग करता है ताकि ऑडियो नमूने की प्रामाणिकता का निर्धारण किया जा सके. इस टूल के अनुसार, सभी चार ऑडियो नमूनों से साफ होता है कि ये ऑडियो एआई जेनरेटेड है. हालांकि, नाना पटोले के कथित ऑडियो नमूने के लिए एक डिटेक्टर ने कम विश्वास व्यक्त किया.

डीपफेक- ओ-मीटर (DeepFake-O-Meter):

DeepFake-O-Meter में छह डिटेक्टर होते हैं. इनमें से चार डिटेक्टर 80 प्रतिशत से अधिक विश्वास के साथ सुप्रिया सुले, अमिताभ गुप्ता और गौरव मेहता के कथित ऑडियो को एआई द्वारा जेनरेटेड मानते हैं. हालांकि, नाना पटोले के कथित ऑडियो नमूने के लिए इसका विश्वास स्तर अपेक्षाकृत कम था. लेकिन इसके छह डिटेक्टरों में से तीन ने 80 प्रतिशत से अधिक विश्वास के साथ कहा कि यह एआई द्वारा था.

हिया डीपफेक वॉइस डिटेक्टर (Hiya Deepfake Voice Detector):

Advertisement

Hiya के Deepfake Voice Detector द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, सुप्रिया सुले, अमिताभ गुप्ता और गौरव मेहता के कथित नमूने एआई-जनित थे. जबकि, नाना पटोले के कथित आवाज के बारे में यह टूल अनिश्चित था. एक जरूरी बात ये है कि नाना पटोले का कथित ऑडियो नमूना केवल छह सेकंड लंबा है. यह छोटा ऑडियो नमूना टूल्स के लिए विश्लेषण करने के लिए पर्याप्त नहीं हो सकता है. यही कारण हो सकता है कि टूल्स ने इसके प्रति कम विश्वास दिखाया.

विशेषज्ञ क्या कहते हैं

बता दें कि इंडिया टुडे 'मिसइनफॉर्मेशन कॉम्बैट एलायंस की डीपफेक एनालिसिस यूनिट' (DAU) का एक हिस्सा है, जिसमें तकनीकी और एआई विशेषज्ञों का एक पैनल है. डीएयू ने सभी ऑडियो नमूनों का विश्लेषण किया और निष्कर्ष निकाला कि वायरल ऑडियो क्लिप में से तीन एआई-जनरेटेड थे. हालांकि, नाना पटोले के ऑडियो में स्पष्टता थोड़ी कम थी. विशेषज्ञों ने बताया कि इसके लिए दो कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. पहला ऑडियो क्लिप छोटी है और दूसरा इसकी भाषा मराठी है, जिसके लिए टूल्स प्रशिक्षित नहीं हैं.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

Exit poll: महाराष्ट्र-झारखंड और यूपी उपचुनाव में NDA को बंपर बढ़त के ये 5 कारण हैं जिम्मेदार? । Opinion

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now