दिल्ली में प्रदूषण के कहर के बीच GRAP-4 लागू करने के बावजूद राजधानी की सड़कों पर धड़ल्ले से डीजल ट्रक और बसें दौड़ रही हैं. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग ग्रैप-4 के निर्देशों का पालन करवाने में नाकाम रहे हैं. आज तक की पड़ताल में ये सच्चाई सामने आई है.
सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में बढ़ते प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाया था औरGRAP-4 को देरी से लागू करने पर दिल्ली सरकार को फटकार लगाई थी.ग्रैप-4 में राजधानी में ट्रकों की एंट्री पर बैन लगा हुआ है.लेकिन इसके बावजूद राजधानी की सड़कों पर डीजल के ट्रक और बसें धड़ल्ले से चल रहे हैं.
डीएनडी फ्लाईओवर पर रात 12 बजे का नजारा
दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले डीएनडी फ्लाईओवर पर रात 12 बजे का नजारा कुछ ऐसा था किप्रदूषण के बीच दिल्ली और नोएडा पुलिस यह सुनिश्चित कर रही थी कि कोई भी BS-4 डीजल ट्रक दिल्ली में प्रवेश नहीं करे.हालांकि, जैसे ही आजतक का कैमरा DND MCD टोल पर पहुंचा. हमने देखा कि ट्रक खुलेआम दिल्ली में दाखिल हो रहे हैं.
12 जनवरी 2015 (बीएस-4) को रजिस्टर्ड एक ट्रक जिसका नंबर एनएल01एल6303 था. उसे धड़ल्ले से नोएडा से दिल्ली में दाखिल होते देखा गया.ट्रक ड्राइवर ने बताया कि मैं ओडिशा से आ रहा हूं और दिल्ली जा रहा हूं. मैंने दिल्ली की सीमा में दाखिल होने के लिए पुलिस को 200 रुपये दिए हैं.
इसी तरह 20 सितंबर 2006 को रजिस्टर्ड एक और ट्रक जिसका नंबर एनएल01एए1794 है और जो बीएस-3 श्रेणी में आता है. उसे भी बेरोकटोक दिल्ली में दाखिल होते देखा गया है. एनएल01एएच3070 नंबरप्लेट वाले ट्रको भी इसी तरह दिल्ली जाते देखा गया.यह ट्रक भी टोल कटवाकर दिल्ली की सड़कों पर दौड़ रहा था.
पूर्वी दिल्ली का अक्षरधाम, रात9:30 बजे
दिल्ली के अक्षरधाम इलाके में कई डीजल बसों को सड़कों पर दौड़ते देखा गया. जब ट्रैफिक पुलिस से इस बारे में सवाल पूछा गया तोउसने कहा कि हमें नहीं पता कि ये बसें कहां से आ रही हैं. आप इन्हें रोके, हम चेक करेंगे. बाद में जांच होगी.
इस पर एक बस के ड्राइवर ने कहा किऐसी कई बसें चल रही हैं, यह बस छतरपुर (मध्य प्रदेश) जा रही है.चूंकि आजतक का कैमरा था तो ट्रैफिक पुलिस ने बस को रोका और उसके कागज चेक करने की कोशिश की लेकिन बस वाले की हिम्मत देखिए पुलिस को चकमा देकर बस निकाल ले गया.
ओखला ब्रिज पर भी दिल्ली ट्रांसपोर्टविभाग की चेकिंग चल रही थी, वहां विभाग के इंस्पेक्टरआर एस शर्मा ने बताया कि दिल्ली से न जाने कितनी ही बसें चलती है.जिस बस को उन्होने पकड़ा हुआ था, उस बस के ड्राइवर के पास न तो कागज था और ना ही परमिट था और ना वो बस तयमानकों को पूरा कर रही थी.
इस तरह पता चलता है किGRAP-4 के तहत ट्रकों और डीजल बसों पर सख्ती से रोक लगाई जानी थी. लेकिन आजतक की पड़ताल ने दिखाया कि कैसे नियमों का पालन करवाने में लापरवाही बरती जा रही है.
क्या है GRAP?
GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
GRAP-2: बहुत खराब (AQI 301-400)
GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
ग्रैप 4 कितना कारगर?
दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता संकट हर साल गंभीर रूप लेता है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) गंभीर प्लस श्रेणी में होने से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. सरकार ने आज से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को लागू कर दिया है, जो वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सबसे कठोर उपाय के तौर पर माना जाता है.
पिछले साल दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप के पहले चरण को 6 अक्टूबर, दूसरे चरण को 21 अक्टूबर, तीसरे चरण को 2 नवंबर और चौथे चरण को 5 नवंबर को लागू किया गया था. 2023 में ग्रैप 4 कुल 14 दिन लागू रहा था. 19 नवंबर को जब AQI लेवल 319 पर आ गया था, तब ग्रैप 4 की पाबंदिया हटा दी गई थीं और हवा साफ रहने तक ग्रैप 3 लागू रहने के निर्देश दिए गए थे. इसी तरह साल 2022-23 की सर्दियों में भी ग्रैप 4 को सिर्फ 3 दिन लागू रखना पड़ा था.
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