LIVE- GRAP लागू करने में देरी का रिस्क क्यों लिया? दिल्ली सरकार से SC का सवाल

Supreme Court Hearing On Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर का दम घोंट रही हवा से राहत दिलाने को अब सुप्रीम कोर्ट ही कुछ कर सकता है! करोड़ों लोगों की नजरें सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत पर होंगी. SC में दिल्ली की जहरीली होती हवा से जुड़ा मामला

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Supreme Court Hearing On Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर का दम घोंट रही हवा से राहत दिलाने को अब सुप्रीम कोर्ट ही कुछ कर सकता है! करोड़ों लोगों की नजरें सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत पर होंगी. SC में दिल्ली की जहरीली होती हवा से जुड़ा मामला सुना जाना है. जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच सुनवाई करेगी. सोमवार को दिल्ली में वायु गुणवत्ता 'खतरनाक' स्तर पर पहुंच गई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुबह सात बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 481 तक पहुंच गया, जो 'बेहद गंभीर' श्रेणी में आता है.

GRAP लागू करने में देरी क्यों?

सुनवाई शुरू होते ही जस्टिस ओका ने पूछा, 'GRAP मैकेनिज्म क्यों नहीं लागू किया गया?' वकील ने बताया कि हम 2-3 दिनों तक AQI स्तर की निगरानी करते हैं. जस्टिस ओका ने कहा कि 'जैसे ही यह (AQI) 300 से 400 तक पहुंचता है, GRAP लागू करना पड़ता है. ऐसे मामलों में आप GRAP को लागू करने में देरी करने का जोखिम कैसे उठा सकते हैं?'

जस्टिस ओका ने कहा, जैसे ही AQI 401 को पार करता है, स्टेज 3 लागू करना पड़ता है. यह 13 तारीख को हुआ. इस पर वकील ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि यह कम हो जाएगा. जस्टिस ओका ने पूछा कि क्या आप इस तरह जोखिम उठा सकते हैं? उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, 'क्या कोई IMD विभाग पर भरोसा कर सकता है?'

दिल्ली-एनसीआर में जहरीली हवा की स्थिति के बीच, भारत का सुप्रीम कोर्ट आज 'गंभीर' AQI में सुधार के उपायों को लागू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार है. जस्टिस ए.एस. ओका और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी.

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दिल्ली से नोएडा-गुरुग्राम तक जहरीली हवा का कहर

दिल्ली के इंडिया गेट से लेकर कर्तव्य पथ तक, वायु प्रदूषण का असर देखने को मिला. अव्वल तो लोग मॉर्निंग वॉक पर निकले ही नहीं. जिन्होंने हिम्मत दिखाई, वे भी बिना मास्क के सर्वाइव नहीं कर पाए. वायु प्रदूषण के इतने खतरनाक स्तर का स्वास्थ्य पर चिंताजनक प्रभाव पड़ता है. दिल्ली के साथ-साथ आसपास के इलाकों की हवा भी जहरीली है.

नोएडा की हवा 384 एक्यूआई के साथ 'बहुत खराब' श्रेणी में थी, फरीदाबाद में 320 एक्यूआई को 'खराब' श्रेणी में दर्ज किया गया. गाजियाबाद और गुरुग्राम को क्रमशः 400 और 446 के एक्यूआई के साथ 'गंभीर' स्थितियों का सामना करना पड़ रहा है.

क्या है वायु प्रदूषण का AQI मीटर?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 से 100 के बीच को 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच को 'मध्यम', 201 से 300 के बीच को 'खराब', 301 से 400 के बीच को 'बहुत खराब', 401 से 450 के बीच को 'गंभीर' और 450 से ऊपर को 'गंभीर से अधिक' माना जाता है.

दिल्ली धुंध में डूबी हुई है. सोशल मीडिया पर लोग शहर को 'गैस चैंबर' बता रहे है. नागरिकों को जहरीली हवा में सांस लेने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. ठंडी हवा के आने से स्वास्थ्य संकट बढ़ गया है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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