उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के एक गांव में बेटे ने अपने पिता पर जानलेवा हमला करके उसे मौत के घाट उतार दिया. बताया जा रहा है कि आरोपी बेटा मानसिक रूप से विक्षिप्त है. वो अपने पिता के साथ खेत में काम कर रहा था. इसी दौरान ये वारदात हुई है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि ये घटना शनिवार की सुबह हुई है. 55 वर्षीय जय प्रकाश चौहान और उनका बेटा मोहित चौहान जिले के उभांव क्षेत्र के चंद्रौल गांव में खेत में काम कर रहे थे. इसी दौरान किसी बात पर दोनों में बहस हो गई. नाराज मोहित ने अपने पिता पर कुदाल से वार कर दिया.
सर्किल ऑफिसर मोहम्मद फहीम कुरैशी ने बताया कि बाप-बेटे दोनों साथ में काम कर रहे थे, तभी मोहित ने अपने पिता पर कुदाल से हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए. उनको तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
मृतक की पत्नी की तहरीर पर आरोपी बेटे मोहित के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. इस मामले की जांच की जा रही है. आरोपी की मानसिक स्थिति का पता लगाने के लिए मेडिकल जांच कराई जा रही है.
बताते चलें कि इसी तरह का एक मामला बलिया जिले में साल 2018 में सामने आया था. उस वक्त पैसे के लिए एक सिरफिरे बेटे ने अपने पिता की हत्या कर दी थी. उस इसी साल मार्च में 10 साल कठोर कारावास की सजा सुनाई गई थी. इसके साथ ही अदालत ने उस पर दो हजार का जुर्माना लगाया था.
जिला न्यायाधीश अशोक कुमार ने कातिल बेटे त्रिलोकी राजभर को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान किया था. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक देव रंजन वर्मा ने इस जघन्य हत्याकांड के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि त्रिलोकी राजभर अक्सर अपने घरवालों से पैसे की मांग करता था.
इसे लेकर आए दिन वो झगड़ा करता था. घरवाले भी उसकी इस करतूत से खासे परेशान रहा करते थे. 4 जून 2018 का दिन था. उस दिन भी त्रिलोकी राजभर घरवालों से पैसे मांग रहा था. इसी दौरान उसने पैसों के विवाद को लेकर उसने अपने पिता गौरीशंकर राजभर की बेरहमी से पिटाई कर दी.
उसके पिता घर में ही बेहोश होकर गिर पड़े. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. परिजनों ने त्रिलोकी के खिलाफ केस दर्ज कराया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. 6 साल बाद अदालत ने उसको दोषी करार देते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है.
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