बॉलीवुड के 'किंग खान' शाहरुख खान ने अपने फिल्मी करियर में बड़ी हिट फिल्में दी है. वो अपनी एक्टिंग से लोगों को कई अरसे से दीवाना बनाते आए हैं. शाहरुख की यूं तो कई फिल्में की हैं, लेकिन उसमें से बस कुछ फिल्में ही ऐसी हैं जिसने ऑडियंस के दिलों में एक अलग जगह बनाई हुई है. 2000 का शुरुआती दशक शाहरुख के लिए काफी अच्छा साबित हुआ था. उस दौरान शाहरुख ने कई यादगार फिल्में की, मगर एक फिल्म ऐसी थी जिसने सभी के दिलों को छू सा लिया था. वो फिल्म थी निखिल आडवाणी की 'कल हो ना हो'. डायरेक्टर निखिल आडवाणी ने फिल्मों में अपनी शुरुआत इसी फिल्म से की थी जिसके प्रोड्यूसर करण जौहर थे.
फिल्म की स्टारकास्ट उस जमाने के हिसाब से जबरदस्त थी. सैफ अली खान, प्रीति जिंटा और शाहरुख खान की ये लव ट्रायंगल स्टोरी उस समय सभी के लिए कुछ अलग और नई थी जिसे सभी ने पसंद किया था. फिल्म में सभी का काम अच्छा था लेकिन उसमें शाहरुख की एक्टिंग ने कमाल किया था. फिल्म में उन्हें एक गंभीर बीमारी से जूझते हुए दिखाया गया था, जिसके कारण उनकी फिल्म में मौत भी हो जाती है. उस सीन को डायरेक्टर निखिल ने काफी खूबसूरती से दर्शाया भी था. फिल्म में और भी एक्टर्स ने काम किया था. फिल्म में एक्ट्रेस डेलनाज ईरानी ने भी एक छोटा रोल किया था. हाल ही में उन्होंने फिल्म से जुड़ा एक किस्सा सभी के साथ शेयर किया है.
'अमर के मरने वाले सीन में असली का रोए थे'
डेलनाज ने बॉलीवुड हंगामा से एक बातचीत में फिल्म के एक सीन के बारे में बताया. उन्होंने खुलासा किया कि जब अमर का मरने वाला सीन शूट हो रहा था, तब किसी ने सीन में ग्लीसरीन का इस्तेमाल नहीं किया था. सभी एक्टर्स असली में उस सीन में रोए थे क्योंकि उसमें शाहरुख की एक्टिंग काफी जबरदस्त थी.
डेलनाज ने कहा, 'फिल्म के आखिरी सीन में जब अमर की मौत हो जाती है, मुझे याद है मेरा एक टीवी का शूट होना तय था. उस समय टीवी और फिल्मों के शूट एकसाथ होते थे, तो मैंने अपने डायरेक्टर से पूछा कि क्या मैं एक दिन की छुट्टी ले सकती हूं. उन्होंने मुझे कहा कि देखो डेलनाज ये फिल्म का एक बहुत बड़ा सीक्वेंस है, फिल्म का सबसे अहम हिस्सा और मुझे तुम उस सीन में चाहिए हो. तो मैंने जैसे तैसे करके अपने काम को मैनेज किया और मैं वहां शूट पर पहुंच गई थी.'
उन्होंने आगे बताया, 'मैं बड़ी शुक्रगुजार हूं कि मैं अमर के मरने वाले सीन का हिस्सा बनी जो फिल्म का एक बहुत ही अहम हिस्सा था. जो एक्टर्स सीन में मौजूद थे, उन्होंने इस बात का ध्यान रखा कि सीन अच्छा हो. उस सीन का इमोशन इतना सच्चा था कि किसी भी एक्टर ने उस सीन के लिए ग्लीसरीन का इस्तेमाल नहीं किया था, सभी उस सीन में सचमुच का रोए थे जिसने उस सीन को इतना यादगार बना दिया था.'
री-रिलीज हो रही है 'कल हो ना हो'
इस फिल्म में सभी का काम अच्छा था लेकिन शाहरुख ने अपने काम से फिल्म में चार चांद लगा दिए. फिल्म के गाने आज भी लोगों के दिलों में इस तरह बसे हुए हैं, कि खुद शाहरुख भी उसके मुरीद हैं. अब ये उस फिल्म का जादू ही है जिसने इसे दोबारा थिएटर्स में रिलीज होने पर मजबूर कर दिया है. फिल्म 15 नवंबर को थिएटर्स में दोबारा रिलीज होगी.
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