UPPSC के छात्रों की वन एग्जाम वन शिफ्ट और नो नॉर्मलाइजेशन की मांग पर पक्ष और विपक्ष के क्या हैं तर्क, जानिए

<

4 1 5
Read Time5 Minute, 17 Second

प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर प्रतियोगी छात्रों का विरोध प्रदर्शन चौथे दिन और तेज हो गया है.छात्रों में पुलिस के प्रति आक्रोश बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण प्रदर्शन स्थल पर तनाव और टकराव बढ़ गया है.छात्रों की मांग है कि दिसंबर में होने वाली सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) परीक्षा और पीसीएस सबऑर्डिनेट परीक्षा को एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में आयोजित किया जाए.हालांकि, आयोग का कहना है कि परीक्षा का आयोजन नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत ही किया जाएगा.

इसी बीच, छात्रों के इस विरोध प्रदर्शन में सियासी रंग भी देखने को मिल रहा है.उत्तर प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की है. वहीं, विपक्षी नेताओं ने बीजेपी को छात्रों के इस आंदोलन का जिम्मेदार ठहराया है.

सपा अध्यक्ष ने रूलिंग पार्टी पर साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है. इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जो जब मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी. हम फिर दोहराते हैं : नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं.' बता दें कि छात्र PCS और RO/ARO परीक्षा को एक ही दिन कराने की मांग कर रहे हैं. अखिलेश ने आगे लिखा, 'अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा!, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा."

Advertisement

अखिलेश यादव के इस ट्वीट में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार युवाओं के उज्ज्वल भविष्य के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. हमारी प्राथमिकता है कि सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पारदर्शी और निष्पक्ष हों, मानकीकरण की समस्या का भी समाधान हो, जिससे हर योग्य उम्मीदवार को उसका हक मिले.

दुर्भाग्यपूर्ण है कि सपा प्रमुख श्री अखिलेश यादव अपने कार्यकाल के काले कारनामे भूलकर राजनीतिक लाभ के लिए छात्रों की भावनाओं का राजनीतिकरण कर रहे हैं. “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद हैं” – आंदोलन की आड़ में माहौल बिगाड़ने की इनकी कोशिशों को समझदार प्रतियोगी छात्र भली-भांति समझते हैं. इस रुख के साथ सपा का “समाप्तवादी पार्टी” बनना तय है.

उप मुख्यमंत्री ने कहा छात्रों की समस्याओं का सामाधान निकालें

केशव प्रसाद मौर्यने आगे लिखा कि, 'योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान निकालने के लिए संवाद के माध्यम से हर संभव प्रयास कर रही है. हम युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रति दृढ़ हैं, और सक्षम अधिकारी छात्रों के साथ समन्वय स्थापित कर समाधान सुनिश्चित करेंगे. युवा प्रदेश का भविष्य हैं, और भाजपा उनकी हर आकांक्षा के साथ मजबूती से खड़ी है'.

Advertisement

हालांकि सिर्फ अखिलेश यादव ही नहीं, छात्र आंदोलन को लेकर सपा सांसद ने भी रूलिंग पार्टी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, 'बीजेपी सरकार जब से आई है लगातार छात्रों का शोषण बढ़ा है. छात्रों की बात नहीं सुनती है सरकार. सिर्फ लाठी मारती है छात्रों को ये सरकार. इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है."

छात्र आंदोलन पर बीजेपी अध्यक्ष का यह है तर्क

यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रयागराज UPPSC छात्र प्रदर्शन पर कहा कि, ' सारे प्रतियोगी छात्र तो हमारे बच्चे हैं. राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा न बनें.ऐसे लोग है समाज में जो बच्चों को उकसा रहे हैं, बच्चों को यूज कर रहे है राजनीतिक एजेंडे के लिए. बीजेपी संवेदनशील पार्टी है., बच्चे धैर्य रखें."

मायावती ने भी किया पोस्ट

मायावती ने भी पोस्ट कर सरकार से सवाल किए हैं. बसपा प्रमुख ने कहा, "यूपीपीएससी की पीसीएस और आरओ एआरओ की प्री परीक्षा एक साथ न करा पाने से छात्रों पर पुलिस की कार्रवाई की खबर का व्यापक चर्चा में रहना स्वाभाविक है. सवाल उठाया कि क्या यूपी के पास एक समय में परीक्षा कराने की बुनियादी सुविधाओं का इतना अभाव है कि पीसीएस आदि जैसी प्रमुख परीक्षा दो दिन में करानी पड़ रही है. पेपर लीक पर रोक व परीक्षाओं की विश्वसनीयता अहम मुद्दा, जिसके लिए एक बार में ही परीक्षा व्यवस्था जरूरी. सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए."

Advertisement

उन्होंने आगे लिखा कि, 'अधिकारी धरने पर बैठे प्रतियोगी छात्रों को समझाने बुझाने का प्रयास कर रहे हैं. डीएम रवींद्र कुमार और सीपी तरुण गाबा आयोग पहुंचे. अधिकारियों ने अभ्यर्थियों से धरना स्थल पर प्रदर्शन के लिए जाने का अनुरोध किया लेकिन अभ्यर्थी लोकसेवा आयोग के सामने से हटने को तैयार नहीं हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती वह पीछे नहीं हटेंगे. अभ्यर्थियों की मांग है कि पीसीएस 24 की प्री परीक्षा और आरओ एआरओ की परीक्षा एक दिन कराई जाए.

छात्रों की मांगक्या हैं?

छात्रों का आरोप है कि पिछले दो वर्षों से आयोग परीक्षाओं के आयोजन में असफल रहा है. जनवरी 2024 में जारी यूपी सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन मार्च की परीक्षा के लिए था, जो अक्टूबर तक टलता रहा. इसके अलावा, फरवरी में आरओ-एआरओ परीक्षा पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी. अक्टूबर में फिर से परीक्षा निर्धारित की गई, लेकिन अब दिसंबर में परीक्षा कराने और दो शिफ्ट में आयोजित करने की अचानक घोषणा से छात्र नाराज हैं.

छात्रों का कहना है कि नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया उनके लिए अनुचित है और इससे उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि परीक्षा प्रणाली में किए गए बदलावों के कारण उनकी रैंकिंग और चयन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. उनका मानना है कि सभी अभ्यर्थियों के लिए एक ही दिन और एक ही शिफ्ट में परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए ताकि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे. प्रतियोगी छात्रों का कहना है कि आयोग 7 और 8 दिसंबर को आरो-एआरओ की 411 पदों पर परीक्षा 41 जिलों में आयोजित कर रहा है, जबकि इसे सभी 75 जिलों में एक ही दिन एक शिफ्ट में आयोजित किया जाना चाहिए.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आज बिहार के जमुई में जनसभा करेंगे PM मोदी

News Flash 15 नवंबर 2024

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के मौके पर आज बिहारके जमुई में जनसभा करेंगेPM मोदी

Subscribe US Now