UPPSC Aspirants Prayagraj Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) द्वारा ‘पीसीएस प्री’ और ‘आरओ-एआरओ’ परीक्षाओं को दो दिन में संपन्न कराने के फैसले के खिलाफ प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन लगातार तीसरे दिन भी जारी है.गुरुवार को आयोग के मुख्यालय के सामने जुटे छात्रों का गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा है, हालांकि पिछले दो दिनों की तुलना में आज उनकी संख्या में थोड़ी कमी जरूर नजर आई है.विरोध को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा कड़ी कर दी है और प्रदर्शन स्थल पर विशेष बल तैनात किया गया है.
तीसरे दिन सुबह से ही छात्र आयोग के बाहर अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं.सोमवार को शुरू हुए इस प्रदर्शन में छात्रों ने आयोग के बाहर रात-रात भर डटे रहकर अपनी मांगे रखीं. कई छात्रों ने पूरी रात सड़कों पर गुजारी. पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति तब बनी जब पुलिस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाने की कोशिश की, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई. प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि आयोग का यह निर्णय कई अभ्यर्थियों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है, और इसे अन्यायपूर्ण बताया जा रहा है. आयोग ने अपने निर्णय का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रक्रिया अन्य राज्यों के भर्ती निकायों में पहले से ही लागू है और विशेषज्ञों की समीक्षा के बाद इसे अपनाया गया है.बावजूद इसके, छात्र इस फैसले को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं.
अराजकता फैलाने वालों पर कार्रवाई
प्रदर्शन के बीच कुछ असामाजिक तत्वों के भड़काने की खबरें सामने आई हैं, जिस पर डीसीपी सिटी ज़ोन अभिषेक भारती ने स्पष्ट किया कि पुलिस उन अपराधी तत्वों पर कार्रवाई कर रही है जो छात्रों को उकसाने की कोशिश कर रहे हैं.उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे संवैधानिक तरीके से प्रदर्शन करें और किसी प्रकार की अराजकता से दूर रहें.
धरना स्थल पर भारत माता की जय के नारों की गूंज
प्रदर्शन में छात्रों की ओर से लगे ‘भारत माता की जय’ के नारों ने धरना स्थल का माहौल और गर्मा गया है.प्रशासन की सख्ती के बीच छात्र डटे हुए हैं और बैरिकेटिंग के बावजूद वापस हटने को तैयार नहीं हैं. धरना स्थल पर पहुंचने के प्रयास में छात्रों को रोकने के कारण उनकी नाराज़गी और बढ़ गई है. इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोचिंग के होर्डिंग बोर्ड पर चढ़कर उसे फाड़ने की कोशिश की, जिसके बाद 10 नामजद छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.पुलिस और प्रशासन ने छात्रों को शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का आग्रह किया है, लेकिन छात्र अपनी मांगो से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
बीजेपी अध्यक्ष ने कही ये बात
छात्रों के इस प्रदर्शन को लेकर रूलिंग औरविपक्षी पार्टी के नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आई हैं. यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने प्रयागराज UPPSC छात्र प्रदर्शन पर कहा कि, ' सारे प्रतियोगी छात्र तो हमारे बच्चे हैं. राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा न बनें.ऐसे लोग है समाज में जो बच्चों को उकसा रहे हैं, बच्चों को यूज कर रहे है राजनीतिक एजेंडे के लिए. बीजेपी संवेदनशील पार्टी है., बच्चे धैर्य रखें." इसके अलावा सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि, ' बीजेपी सरकार जब से आई है लगातार छात्रों का शोषण बढ़ा है. छात्रों की बात नहीं सुनती है सरकार. सिर्फ लाठी मारती है छात्रों को ये सरकार. इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं है'.
अखिलेश यादव ने छात्रों के प्रोटेस्ट को लेकर रूलिंग पार्टी पर साधा निशाना
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, 'युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है. इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जो जब मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी. हम फिर दोहराते हैं : नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं.' बता दें कि छात्र PCS और RO/ARO परीक्षा को एक ही दिन कराने की मांग कर रहे हैं. अखिलेश ने आगे लिखा, 'अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा!, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा!'.
उप मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए आदेश
केशव प्रसाद मौर्य ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'यूपी पीसीएस परीक्षा में एक से अधिक दिन की परीक्षा, निजी संस्थानों को केंद्र न बनाने और मानकीकरण प्रक्रिया को लेकर छात्रों की चिंताएं गंभीर और महत्वपूर्ण हैं. छात्रों की मांग है कि परीक्षाएं पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी हों, ताकि उनकी मेहनत का सम्मान हो और भविष्य सुरक्षित रहे'. उन्होंने आगे कहा कि, "सभी सक्षम अधिकारी छात्रों की मांगों को संवेदनशीलता से सुनें और शीघ्र समाधान निकालें. यह सुनिश्चित करें कि छात्रों का कीमती समय आंदोलन में नहीं, बल्कि उनकी तैयारी में लगे."
अपनी मांग पर अभी भी अड़े हैं छात्र
बता दें कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के नॉर्मलाइजेशन के खिलाफ अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. 11 नवंबर से हजारों की संख्या में छात्र यूपी पीएससी के खिलाफ सड़कों पर हैं. छात्रों का कहना है कि बीते दो साल से आयोग परीक्षा करा पाने में विफल रहा है. इसी साल की शुरुआत यानी जनवरी 2024 में आयोग ने उत्तर प्रदेश सिविल सर्विसेज का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी परीक्षा मार्च माह में लंबित थी, जिसको फिर अक्टूबर माह के लिए टाल दिया गया.इसके बाद आयोग की एक और परीक्षा समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी 11 फरवरी को आयोजित की गई थी परन्तु पेपर लीक होने के वजह से इसको निरस्त कर दिया गया था. इन दोनों परीक्षाओं को अक्टूबर माह में आयोजित करने के लिए प्रस्तावित किया गया था. फिर अचानक आरओ एआरओ को दिसंबर माह में कराने की घोषणा की जाती है. इसके साथ ही छात्रों दो शिफ्ट में पेपर करने के लिए कहा गया, जिससे छात्रों में आक्रोश है.
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