दिल्ली में घने कोहरे के बीच राहत की खबर, अभी लागू नहीं होंगी ग्रैप-3 की पांबदियां, जानें क्यों

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में बुधवार को सुबह से ही काफी बदलाव देखने को मिला। पूरे एनसीआर को धुंध की एक चादर ने ढक लिया था। स्मॉग के चलते पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है। सुबह के वक्त लोगों को ठंड का एहसास भी हुआ। मौसम विभाग की माने तो आने वाले

4 1 22
Read Time5 Minute, 17 Second

नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर में बुधवार को सुबह से ही काफी बदलाव देखने को मिला। पूरे एनसीआर को धुंध की एक चादर ने ढक लिया था। स्मॉग के चलते पारे में भी गिरावट दर्ज की गई है। सुबह के वक्त लोगों को ठंड का एहसास भी हुआ। मौसम विभाग की माने तो आने वाले कुछ दिनों तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा।
इस बीच राहत की बात है कि दिल्ली में ग्रैप 3 की पाबंदियों को अभी लागू नहीं किया जाएगा। मौसम विभाग के अनुसार आने वाले समय में तेज हवाएं चलने का अनुमान है। ऐसे में प्रदूषण से लोगों को राहत मिलेगी। दिल्ली में 22 अक्टूबर से ग्रैप 2 को लागू किया गया है। इससे पहले वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की तरफ से 8 नवंबर को वायु प्रदूषण पर रिव्यू मीटिंग हुई थी। मीटिंग में दिल्ली पर्यावरण विभाग ने कहा था कि राजधानी में सबसे अधिक 57 पॉल्यूशन सोर्स को चिह्नित किया गया था। इनमें से, सबसे अधिक मुंडका और आनंद विहार में पहचाने गए थे। यहां सात-सात पॉल्यूशन के सोर्स थे।

पहली बार गंभीर कैटेगरी में AQI

दिल्ली की एयर क्वालिटी बुधवार को इस मौसम में पहली बार ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गई। दिल्ली में एक्यूआई बढ़कर 418 पर पहुंच गया। राष्ट्रीय राजधानी का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) मंगलवार को 334 रहा था। यह रोज़ाना शाम चार बजे दर्ज किया जाता है। बुधवार को सुबह नौ बजे वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में थी और एक्यूआई 366 पर था। AQI 0 से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401-450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से अधिक होने पर ‘अति गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।

6 नवंबर को शुरु हुआ था कैंपेन

AAP के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार ने 6 नवंबर को अपने विंटर ऐक्शन प्लान के तहत एक महीने तक चलने वाले खुले में पराली जलाने के खिलाफ अभियान की शुरुआत की। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने समीक्षा बैठक के बाद इस निर्णय की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य 588 गश्ती दलों की मदद से वायु प्रदूषण को कम करना था। ये टीम निर्माण स्थलों की निगरानी कर रहे हैं। इसके अलावा पराली जलाने को हतोत्साहित करने के साथ ही किसानों में जागरूक किया जा रहा है।

प्रदूषण कंट्रोल के लिए उपाय

पिछले साल की 21 सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना में ड्रोन निगरानी, धूल विरोधी अभियान और सड़क सफाई मशीनों जैसी पहल भी शामिल हैं। यह योजनापिछले साल की 14 सूत्रीय रणनीति का विस्तार है। इसके अतिरिक्त, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन, निर्माण एजेंसियों और सरकारी विभागों को सुरक्षा गार्डों को इलेक्ट्रिक हीटर उपलब्ध कराने की सलाह दी गई है, ताकि गर्मी के लिए खुले में आग जलाने से बचा जा सके।

दिल्ली सरकार ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा सहित पड़ोसी राज्यों से भी अपने प्रदूषण नियंत्रण प्रयासों को तेज करने का अनुरोध किया है। इसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि संयुक्त क्षेत्रीय कार्रवाई से वायु गुणवत्ता में सुधार पर अधिक प्रभाव पड़ सकता है।

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

बांग्लादेशः रामकृष्ण मिशन ने की हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग

News Flash 07 दिसंबर 2024

बांग्लादेशः रामकृष्ण मिशन ने की हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग

Subscribe US Now