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नई दिल्ली: केएल राहुल जैसा खिलाड़ी हर टीम के पास नहीं होता है... यह कहना है टीम इंडिया के मौजूदा हेड गौतम गंभीर का। गौतम गंभीर का ये स्टेटमेंट बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए ऑस्ट्रेलिया रवाना होने से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस का है जब उनसे एक सवाल पूछा गया। यह सवाल था कि अगर रोहित शर्मा पहले टेस्ट में नहीं खेलते हैं तो यशस्वी के साथ ओपनिंग कौन करेगा। इसका जवाब था केएल राहुल, लेकिन शुभमन गिल भी विकल्प में है। गौतम गंभीर का ये बयान काफी उलझन पैदा करने वाला था।ये बात सही है कि केएल राहुल जैसा खिलाड़ी हर टीम के पास नहीं होता है। राहुल जैसे बहुत कम खिलाड़ी होते हैं जो खुद को किसी भी भूमिका में ढालने से पीछे नहीं हटते हैं। ये वही राहुल हैं जो टीम इंडिया के लिए ओपनिंग करते थे। ओपनर के तौर पर नए खिलाड़ियों को मौका मिला तो राहुल को मिडिल ऑर्डर में धकेल दिया गया, लेकिन उन्होंने यहां पर भी अपने पैर जमा लिए। अब एक बार फिर से चर्चा है कि राहुल BGT में भारत के लिए ओपनिंग करेंगे।
एक राहुल से कितने काम लेगी टीम इंडिया
केएल राहुल को लेकर सवाल तब उठता है जब उनको खराब फॉर्म का हवाला देकर उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है, जबकि इसमें बहुत हद तक गलती टीम इंडिया मैनेजमेंट के फैसले की होती है। राहुल टीम इंडिया के लिए ओपनिंग लेकर मध्यक्रम में शायद ही कोई पोजीशन हो जिस पर उन्होंने बल्लेबाजी नहीं की है। एक खिलाड़ी के लिए खास तौर से टेस्ट फॉर्मेट में लगाताक बैटिंग क्रम का बदलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
राहुल शुरू से एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी टीम इंडिया में अपनी जगह को फिक्स नहीं रखा है। उन्हें जहां बोला गया वे खेले, लेकिन इन सबसे उनके बैटिंग पर जरूर असर पड़ा, जिससे वे अपने लय से भटके। परिणाम ये हुआ कि वे ड्रॉप भी होना पड़ा। ऐसे में यहां गलती किसकी है ये सवाल है। मैनेजमेंट को ये सोचना चाहिए कि एक केएल राहुल आखिर कितने काम कराए जा सकते हैं।
विकेटकीपिंग से लेकर कप्तानी तक
सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, केएल राहुल टीम इंडिया के लिए समय पर पड़ने विकेटकीपिंग भी कर चुके हैं और उन्होंने इस भूमिका में निराश भी नहीं किया है। इसके अलावा एक दौर ऐसा भी था जब उन्होंने टीम इंडिया के लिए कप्तानी भी। अलग-अलग भूमिकाओं में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने वाले केएल राहुल भी अब शायद खुद से सवाल जरूर करना चाहेंगे कि टीम इंडिया में उनके लिए स्थिरता कब होगी या सुपरमैन बनने यानी सब कुछ करने के चक्कर में कहीं उनका करियर तो बर्बाद नहीं हो रहा है।
एक राहुल से कितने काम लेगी टीम इंडिया
केएल राहुल को लेकर सवाल तब उठता है जब उनको खराब फॉर्म का हवाला देकर उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया जाता है, जबकि इसमें बहुत हद तक गलती टीम इंडिया मैनेजमेंट के फैसले की होती है। राहुल टीम इंडिया के लिए ओपनिंग लेकर मध्यक्रम में शायद ही कोई पोजीशन हो जिस पर उन्होंने बल्लेबाजी नहीं की है। एक खिलाड़ी के लिए खास तौर से टेस्ट फॉर्मेट में लगाताक बैटिंग क्रम का बदलना काफी चुनौतीपूर्ण होता है।
राहुल शुरू से एक टॉप ऑर्डर बल्लेबाज रहे हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी टीम इंडिया में अपनी जगह को फिक्स नहीं रखा है। उन्हें जहां बोला गया वे खेले, लेकिन इन सबसे उनके बैटिंग पर जरूर असर पड़ा, जिससे वे अपने लय से भटके। परिणाम ये हुआ कि वे ड्रॉप भी होना पड़ा। ऐसे में यहां गलती किसकी है ये सवाल है। मैनेजमेंट को ये सोचना चाहिए कि एक केएल राहुल आखिर कितने काम कराए जा सकते हैं।
विकेटकीपिंग से लेकर कप्तानी तक
सिर्फ बल्लेबाजी ही नहीं, केएल राहुल टीम इंडिया के लिए समय पर पड़ने विकेटकीपिंग भी कर चुके हैं और उन्होंने इस भूमिका में निराश भी नहीं किया है। इसके अलावा एक दौर ऐसा भी था जब उन्होंने टीम इंडिया के लिए कप्तानी भी। अलग-अलग भूमिकाओं में अपनी क्षमता को प्रदर्शित करने वाले केएल राहुल भी अब शायद खुद से सवाल जरूर करना चाहेंगे कि टीम इंडिया में उनके लिए स्थिरता कब होगी या सुपरमैन बनने यानी सब कुछ करने के चक्कर में कहीं उनका करियर तो बर्बाद नहीं हो रहा है।
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