और कितनी गद्दारी करेगा PAK! भगत सिंह का कर्ज भूल अहसान फरामोशी में तोड़ रहा रिकॉर्ड

Pakistan Court: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह को आतंकवादी करार दे दिया है, जिसके लिए निर्दोष लोगों हत्या करने वाले आतंकवादी, आतंकवादी नहीं हैं और भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी आतंकवादी हैं. जी सही सुना आपने... पाकिस्तान न

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Pakistan Court: पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने क्रांतिकारी शहीद भगत सिंह को आतंकवादी करार दे दिया है, जिसके लिए निर्दोष लोगों हत्या करने वाले आतंकवादी, आतंकवादी नहीं हैं और भगत सिंह जैसे स्वतंत्रता सेनानी आतंकवादी हैं. जी सही सुना आपने... पाकिस्तान ने अब आधिकारिक तौर पर शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को आतंकवादी घोषित कर दिया है.

लाहौर में शादमान चौक है, जहां शहीद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को अंग्रेजों ने फांसी दी थी. लाहौर में इस चौक का नाम बदलकर शहीद भगत सिंह चौक करने की अपील की गई थी. लेकिन पाकिस्तान सरकार ने इसे खारिज कर दिया है. पाकिस्तान में पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में कहा है कि भगत सिंह स्वतंत्रता सेनानी नहीं थे.

Zee News के पास उस लेटर की कॉपी है, जिसमें शहीद भगत सिंह को आतंकवादी बताया गया है. ये लेटर लाहौर के म्यूनिसिपल कारपोरेशन के उस हलफनामे का हिस्सा है, जिसे हाईकोर्ट में जमा किया गया था और शहीद भगत सिंह को डिसओन किया गया. इस लेटर को पाकिस्तान के एक पूर्व सैन्य अधिकारी तारीक मजीद ने लिखा है. इस लेटर में शहीद भगत सिंह के बारे में जो लिखा है वो पाकिस्तान जैसे अहसान फरामोश देश की रियल सोच है.

इस लेटर में भगत सिंह को अपराधी और आंतकवादी बताया गया है. यहां तक कह दिया गया है कि भगत सिंह का स्वतंत्रता संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं है. लेटर में कहा गया है कि भगत सिंह क्रांतिकारी नहीं थे बल्कि एक अपराधी थे, जिन्हें आज के दौर में आतंकवादी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी. पाकिस्तान के मुताबिक भगत सिंह मुसलमानों के दुश्मन थे. पाकिस्तान की पंजाब सरकार के मुताबिक भगत सिंह नास्तिक थे और पाकिस्तान जैसे मुस्लिम देश में नास्तिक को शहीद घोषित करना अपराध है.

सवाल ये है कि अगर पाकिस्तान के लिए भगत सिंह आतंकवादी हैं तो हीरो कौन हैं?

शहीद भगत सिंह जो लाहौर में जन्मे, जिन्होंने लाहौर में देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को चूमा...अब उसी लाहौर में एक बार फिर भगत सिंह को फांसी हुई है. लेकिन इस बार फांसी अंग्रेजी हूकूमत में नहीं बल्कि आजाद पाकिस्तान की हूकूमत में दी गई है.

शहीद भगत सिंह ने सिर्फ हिंदुस्तान की आजादी के लिए अपनी जान दी थी, तब उन्हें नहीं पता था कि उनकी शहादत के बाद मोहम्मद अली जिन्ना भारत के दो टुकड़े कर देंगे और जो पाकिस्तान बनाएंगे वहां उन्हें आतंकवादी बता दिया जाएगा. यही फर्क है हिंदुस्तान और पाकिस्तान में. हिंदुस्तान में देश को तोड़ने वाले जिन्ना की तस्वीर विश्वविद्यालयों में लगाई जाती है और पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह को भी आतंकवादी बता दिया जाता है.

पाकिस्तान को अपने गिरेबां में झांकना देखना चाहिए, जिसके लिए शहीद भगत सिंह आतंकी हैं और जो खालिस्तानी पाकिस्तान के हीरो हैं. उनके लिए भी शहीद-ए-आजम भगत सिंह आतंकवादी हैं.

शहीदे आज़म पर आपत्तिजनक टिप्पणी को भारत सहन नहीं करेगा। खालिस्तानी आतंकियों इसका हिसाब देना होगा...#bhagatsingh #Khalistani #CanadianTerrorists pic.twitter.com/9N4sJ48WcS

— Sofyan Sheikh (@SaikhSofyan) November 4, 2024

अहसान फरामोशी का वायरस पाकिस्तान में जन्मजात फैला हुआ है, जिसका जहर अब इतना ज्यादा हो चुका है कि हिंदुस्तान से नफरत करते करते अपने ही स्वतंत्रता सेनानियों को अपमानित करना पाकिस्तानी हूकूमतों का चरित्र बन चुका है. लेकिन पाकिस्तान में शहीद भगत सिंह को हीरो मानने वाले खत्म नहीं हुए हैं.

#BhagatSingh is Hero of the Subcontinent, Pakistan based Bhagat Singh Memorial Foundation Chairman Imtiaz Rashid Qureshi at Shadman Chowk in Lahore where activists will assemble on March 23 to remember supreme sacrifices of Bhagat Singh, Rajguru, Sukhdev made 93 yrs ago pic.twitter.com/3mZRaxBa2O

— Neel Kamal (@NeelkamalTOI) March 21, 2024

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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