उत्तर प्रदेश सरकार ने पीसीएस-जे (सिविल जज) भर्ती परीक्षा के लिए नए आरक्षण प्रावधानों को लागू करने का फैसला किया है, जिससे महिला अभ्यर्थियों को लाभ मिलेगा. पीसीएस-जे (सिविल जज) भर्ती परीक्षा में महिला अभ्यर्थियों के लिए आरक्षण बढ़ाने का फैसला किया है.अब क्षैतिज आरक्षण (कंपार्टमेंटल आरक्षण) के अंतर्गत प्रत्येक वर्ग में महिला अभ्यर्थियों को 20-20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए, सरकार ने अब "कंपार्टमेंटल आरक्षण" लागू करने का निर्णय लिया है.इस बदलाव से पहले, 20 प्रतिशत आरक्षण का लाभ केवल सामूहिक रूप से सभी श्रेणियों में महिलाओं को दिया जाता था, लेकिन अब यह लाभ हर श्रेणी में अलग-अलग मिलेगा.
इस संशोधन का मुख्य उद्देश्य महिला अभ्यर्थियों के लिए सरकारी नौकरियों में समान अवसर प्रदान करना है. इसके तहत, सामान्य वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिला अभ्यर्थियों को अपनी-अपनी श्रेणियों में 20 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा. इससे हर श्रेणी की महिलाओं के लिए अधिक न्यायसंगत अवसर सुनिश्चित होगा, जिससे महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है.
नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने यह सूचना उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेज दी है, और अब इस नए प्रावधान के तहत पीसीएस-जे भर्ती परीक्षाओं में आरक्षण लागू किया जाएगा. विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से न केवल महिलाओं को प्रशासनिक सेवा में शामिल होने का बेहतर मौका मिलेगा, बल्कि उनकी भागीदारी भी अधिक प्रभावशाली हो सकेगी. पीसीएस-जे यानी प्रांतीय सिविल सेवा न्यायिक परीक्षा, विधि स्नातकों के लिए अधीनस्थ न्यायपालिका में सदस्य बनने के लिए प्रवेश स्तर की परीक्षा है. इस परीक्षा के ज़रिए जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, और भारतीय न्यायपालिका के दूसरे पदों पर भर्ती होती है.
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.