CM योगी के नारे पर अजित को ऐतराज, PM मोदी नहीं करेंगे पवार का प्रचार!

Ajit Pawar Vs Yodi Adityanath: महाराष्‍ट्र में सत्‍तारूढ़ महायुति (देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार) में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं. गठबंधन के सभी घटक दल सहयोगी पार्टियों के समर्थन में प्रचार भी कर रहे हैं लेकिन अजित पवार का मामला लग

4 1 4
Read Time5 Minute, 17 Second

Ajit Pawar Vs Yodi Adityanath: महाराष्‍ट्र में सत्‍तारूढ़ महायुति (देवेंद्र फडणवीस-एकनाथ शिंदे-अजित पवार) में बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी शामिल हैं. गठबंधन के सभी घटक दल सहयोगी पार्टियों के समर्थन में प्रचार भी कर रहे हैं लेकिन अजित पवार का मामला लगता है कि बीजेपी के साथ नहीं बन पा रहा है. वैसे भी लोकसभा चुनाव के बाद अजित पवार के साथ गठबंधन को लेकर बीजेपी-आरएसएस के भीतर आलोचना के स्‍वर उभरे. अब विधानसभा चुनाव में उससे एक कदम आगे बढ़ते हुए जहां अजित पवार ने योगी आदित्‍यनाथ के 'बटेंगे तो कटेंगे नारे पर सवाल उठा दिए हैं वहीं दूसरी तरफ ये भी कहा जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी, पवार परिवार के गढ़ बारामती में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे. सिर्फ इतना ही नहीं नवाब मलिक को लेकर बीजेपी की आपत्ति को खारिज करते हुए उनका प्रचार करते हुए भी अजित पवार दिख रहे हैं.

दरअसल सियासी विश्‍लेषकों की नजर में अजित पवार अपनी सेक्‍युलर छवि को बनाए रखना चाहते हैं. उन्‍होंने चुनाव से पहले भी कहा था कि वो अपनी पार्टी के 10 प्रतिशत टिकट अल्‍पसंख्‍यकों को देंगे. उसी कड़ी में माना जा रहा है कि उन्‍होंने अपने वोटबैंक को देखते हुए सीएम योगी के नारे पर ऐतराज जताया है. गौरतलब है कि योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को पूर्वी महाराष्ट्र के वाशिम में एक चुनावी रैली में 'अपने बटेंगे तो कटेंगे' नारे को दोहराया था.

Maharashtra Vidhan Sabha Chunav 2024: 'अजित पवार के साथ तब तक नहीं होगी सुलह, जब तक...' सुप्रिया सुले ने रख दी 'शर्त'?

'महाराष्‍ट्र को पसंद नहीं ऐसी टिप्‍पणी' उसके एक दिन बाद गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख अजित पवार ने कहा कि राज्य के लोग इस तरह की टिप्पणी पसंद नहीं करते. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पवार ने कहा कि प्रदेश के लोगों ने हमेशा सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने का प्रयास किया है. योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर पवार ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘महाराष्ट्र छत्रपति शिवाजी महाराज, राजर्षि शाहू महाराज और महात्मा फुले का है. आप महाराष्ट्र की तुलना अन्य राज्यों से नहीं कर सकते, महाराष्ट्र के लोगों को यह पसंद नहीं है.’’उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज की शिक्षा समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की थी.

राकांपा प्रमुख ने कहा, ‘‘जब दूसरे राज्यों से लोग यहां आते हैं, तो वे अपने लोगों को ध्यान में रखते हुए बयान देते हैं, लेकिन महाराष्ट्र ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया और यहां के सभी चुनावों का यह इतिहास रहा है.’’

बारामती में लड़ाई परिवार के भीतर इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 नवंबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए शुक्रवार से प्रचार रैलियां करेंगे. इस बारे में जब अजित से पूछा गया कि प्रधानमंत्री उनके निर्वाचन क्षेत्र में रैली क्यों नहीं करेंगे तो उन्होंने पुणे में संवाददाताओं से कहा, ‘‘बारामती में मुकाबला परिवार के भीतर है.’’ उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बारामती निर्वाचन क्षेत्र में चुनावी रैली करने का अनुरोध नहीं किया, क्योंकि वहां लड़ाई परिवार के भीतर है. बारामती से मौजूदा विधायक अजित पवार अपने भतीजे युगेंद्र पवार के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. युगेंद्र शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के उम्मीदवार हैं.

Uddhav Thackeray: जब MVA जारी करेगा घोषणापत्र तो उद्धव ठाकरे ने अलग से क्‍यों पेश किया वचननामा?

नवाब मलिक और उनकी बेटी सना के लिए चुनाव प्रचार इसके साथ ही अजित पवार ने बीजेपी के विरोध के बावजूद अपनी पार्टी के उम्मीदवारों नवाब मलिक और उनकी बेटी सना के लिए गुरुवार को प्रचार किया. बीजेपी ने साफ तौर पर कहा है कि वो नवाब मलिक का प्रचार नहीं करेगी. भाजपा ने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के साथ कथित संबंधों के कारण नवाब मलिक की उम्मीदवारी का विरोध किया है. राज्य के अल्पसंख्यक मामलों के पूर्व मंत्री और अणुशक्तिनगर के विधायक नवाब मलिक मानखुर्द-शिवाजीनगर विधानसभा क्षेत्र से राकांपा के उम्मीदवार हैं, जबकि सना अणुशक्तिनगर से राकांपा की उम्मीदवार हैं.

नवाब मलिक और सना के साथ अजित पवार ने खुली जीप में सवार होकर मुंबई में एक रैली की और लोगों से पिता-पुत्री के लिए वोट देने की अपील की. मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में फरवरी 2022 में गिरफ्तार किए गए नवाब मलिक को अगस्त 2023 में जमानत पर रिहा किया गया था. भाजपा नेता एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सत्तारूढ़ गठबंधन के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने मलिक को विधानसभा चुनाव में उतारने का विरोध किया है. हालांकि सना मलिक के नाम पर बीजेपी ने ऐतराज नहीं किया है क्‍योंकि उनके खिलाफ ऐसा कोई मामला नहीं है.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

BIS Admit Card 2024: जारी हुआ बीआईएस भर्ती परीक्षा का एडमिट कार्ड, देखें एग्जाम डेट और पैटर्न

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now