बढ़ते सुसाइड मामलों को देखते हुए कोटा में लॉन्च होगा सेफ्टी ऐप, पैनिक बटन दबाते ही पुलिस को मिलेगी सूचना

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कोटा में कोचिंग छात्रों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है. अब कोटा के छात्रों के मोबाइल में भी पैनिक बटन उपलब्ध होगा, जो मुसीबत में होते ही पुलिस से संपर्क स्थापित करेगा. "कोटा सेफ्टी ऑफ स्टूडेंट्स ऐप" (के-एसओएस) जल्द ही लॉन्च होने जा रहा है, जिससे छात्रों को सुरक्षा संबंधी सुविधाएं मिलेंगी. जैसे रोडवेज बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए पैनिक बटन होता है, उसी तरह यह ऐप छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा. इस ऐप का पैनिक बटन दबाने पर कुछ ही मिनटों में पुलिस मदद के लिए मौके पर पहुंच जाएगी, और इससे छात्रों की जानकारी भी पूरी तरह गोपनीय रहेगी.

गूगल प्ले स्टोर पर मिलेगा ऐप

इस ऐप का उपयोग बहुत सरल है. छात्र गूगल प्ले स्टोर से "के-एसओएस" ऐप डाउनलोड कर सकते हैं और उसमें आवश्यक जानकारी भरकर पंजीकरण कर सकते हैं. इसके बाद ऐप में पैनिक बटन सक्रिय हो जाएगा. यदि कोई छात्र किसी आपातकालीन स्थिति में हो और पैनिक बटन दबाए, तो तुरंत एक सूचना पुलिस कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगी, जो संबंधित थाने को अलर्ट करेगी, और वहां से पुलिस तत्काल मदद के लिए भेजी जाएगी.

बढ़ते सुसाइड मामलों को देखते हुए उठाया यह कदम

कोटा सिटी की एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि कोटा में कोचिंग छात्रों में बढ़ते सुसाइड, साइबर अपराध और अन्य अपराधों को रोकने के लिए यह ऐप तैयार किया गया है. इस ऐप को विकसित करने के लिए कुछ इंजीनियरों की मदद ली गई है, और इसे अभय कमांड सेंटर से भी जोड़ा गया है, जिससे छात्र किसी भी स्थिति में पुलिस से सीधे संपर्क स्थापित कर सकते हैं.

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डॉ. दुहन ने कहा कि "कोटा सेफ्टी ऑफ स्टूडेंट्स (एसओएस) ऐप" बहुत जल्द लॉन्च किया जाएगा और यह कोचिंग छात्रों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा. इस ऐप के माध्यम से पुलिस को छात्रों की हर समस्या का समाधान करने का अवसर मिलेगा. उन्होंने यह भी बताया कि छात्रों की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. जब तक छात्र पैनिक बटन का उपयोग नहीं करेंगे, तब तक पुलिस उनके डेटा तक पहुंच नहीं पाएगी.

इस ऐप की जानकारी कोटा के विभिन्न कोचिंग संस्थानों तक भी पहुंचाई जाएगी, ताकि हर कोचिंग छात्र इसे अपने मोबाइल में डाउनलोड कर सके. विद्यार्थियों के बीच यह ऐप काफी लोकप्रिय हो सकता है, क्योंकि इसमें एक ऐसी प्रणाली है जो आपातकालीन स्थिति में उनके लिए सहायक बनेगी. डॉ. दुहन ने कहा कि इस ऐप से छात्र न केवल सुरक्षित महसूस करेंगे, बल्कि इस कदम से उनके अभिभावकों को भी संतोष मिलेगा कि उनके बच्चों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. कोटा में बढ़ते अपराधों और छात्रों पर दबाव को कम करने के लिए यह ऐप एक प्रभावी कदम है, जो छात्रों की सुरक्षा और सहायता में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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