दिल्ली के सराय काले खां में युवती के साथ हुए गैंगरेप मामले में पुलिस ने 20 दिन की लंबी जांच के बाद तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपियों तक पहुंचने के लिए पुलिस ने 700 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगाले और 150 से ज्यादा ऑटोरिक्शाओं की जांच की. पुलिस ने उस ऑटो को भी बरामद कर लिया है, जिसमें पीड़िता के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था.
दिल्ली पुलिस ने गैंगरेप के मामले में तीन आरोपियों को पकड़ा है, इनमें ऑटो ड्राइवर भी शामिल है. इनकी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस ने तीन दिन पहले की थी. आरोपियों की पहचान के लिए पुलिस ने रिंग रोड के करीब 700 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की थी और साथ ही साथ ऑटो की पहचान के लिए सीसीटीवी में नजर आए 150 ऑटो की मैनुअल जांच की गई थी. इसके बाद जाकर आरोपियों की पहचान हुई और पुलिस ने तीन आरोपियों प्रभु महतो, प्रमोद और मोहम्मद शमशुल को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस लाइन के पास से उस ऑटो को भी बरामद कर लिया है, जिसमें आरोपियों ने पीड़िता के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था.
यह घटना बीते 10-11 अक्टूबर की रात की है,जब दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम को तड़के 3.15 बजे के आसपास एक आर्मी ऑफिसर ने कॉल कर पीड़िता के बारे में जानकारी दी थी. कॉलर ने पुलिस को बताया था कि महिला ने लाल रंग का कुर्ता पहना है. वह सराय काले खां एरिया में सड़क के किनारे मौजूद है और उसे अत्यधिक ब्लीडिंग हो रही है. महिला की हालत देखकर ही अंदाजा लगाया जा सकता था कि महिला के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया है.
दिल्ली के सनलाइट कॉलोनी में दर्ज हुई थी एफआईआर
महिला के शुरुआती बयान के बाद दिल्ली पुलिस ने सनलाइट कॉलोनी थाने में गैंगरेप की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली थी और जांच शुरू कर दी थी. पुलिस को महिला से इतना पता चला था कि तीन लोग थे और एक ऑटो था. आरोपियों को पकड़ने के लिए साउथ ईस्ट जिला पुलिस के डीसीपी रवि कुमार ने 10 टीम में बनाई. पुलिस टीम सबसे पहले सराय काले खां से लेकर के 10 किलोमीटर की रेंज में रिंग रोड के सभी सीसीटीवी कैमरा की फुटेज की जांच की. पुलिस ने करीब 700 कैमरों की फुटेज की जांच की तो उन्हें 150 ऐसे ऑटो नजर आए जो संदिग्ध हो सकते थे. इसके बाद पुलिस ने मैन्युअल एक-एक ऑटो चालक के घर जाकर जांच करनी शुरू की और फिर 21 दिनों के बाद दिल्ली पुलिस की टीम आरोपियों की पहचान की बल्कि उन तीनों को गिरफ्तार किया और उस ऑटो को भी जब्त कर लिया.
कौन है पीड़िता, जिसके साथ की गई दिल्ली में दरिंदगी?
34 साल की पीड़ित महिला ओडिशा के पुरी की रहने वाली है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता सामाजिक क्षेत्र में आठ वर्षों से अधिक से जुड़ी हुई है. पीड़िता शोधकर्ता है. भुवनेश्वर के उत्कल संस्कृति विश्वविद्यालय से सामाजिक कार्य में मास्टर डिग्री प्राप्त करने के बाद उसने कई संगठनों में सक्रिय रूप से योगदान दिया है. पीड़िता ने एचआईवी/एड्स के साथ रहने के लिए कलिंगा नेटवर्क में रिसर्च फेलो के रूप में भी काम किया है.
इसके अलावा स्वच्छता जागरूकता के लिए महिला शक्ति में सामुदायिक नेता और पुरी के वन स्टॉप सेंटर में काउंसलर के रूप में भी काम कर चुकी है. पुलिस के मुताबिक, पीड़िता अपने परिवार को बताए बिना 9 मई 2024 को दिल्ली चली आई थी और इस संबंध में उसके माता-पिता ने 9 जून 2024 को पुलिस स्टेशन कुंभारपाड़ा, पुरी, ओडिशा में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी.
आरोपी नेबताया- कैसे दिया वारदात को अंजाम
आरोपी प्रमोद ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वो शराब के नशे का आदी है. 10 अक्टूबर की रात जब वो रोजाना की तरह दुकान बंद करके बाहर निकला तो उसकी नजर दुकान के पास में सड़क किनारे बैठी महिला पर पड़ी. उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं लगी तो प्रमोद ने तुरंत इसका फायदा उठाने की साजिश रची. इसी दौरान पुरानी दिल्ली इलाके में भीख मांगने वाला मोहम्मद शमशुल भी वहां पहुंचा. शमशुल को भी शराब की लत है. इसके बाद ये दोनों पीड़िता को खींचकर एक खाली जगह पर ले गए और वहां पर उसके साथ रेप किया तभी ऑटो ड्राइवर प्रभु महतो की नजर उस पर पड़ गई और उसने भी न सिर्फ उसी जगह पर पीड़िता के साथ रेप किया बल्कि इसके बाद उसने अपने ऑटो में पीड़िता को जबरन बिठाया फिर उसके साथ रेप किया और फिर ऑटो में बिठाकर उसे काले खां की तरफ ले गया और सड़क के किनारे फेंककर फरार हो गया.
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