और हलचल बढ़ेगी या आएगा शांतिकाल? अमेरिका और दुनिया के लिए कैसा होगा ट्रंप 2.0 कार्यकाल

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अमेरिका ने नया राष्ट्रपति चुन लिया है. डोनाल्ड ट्रंप देश के 47वें राष्ट्रपति होंगे. उन्होंने 2020 में जो बाइडेन के हाथों हार के बाद एक बार फिर वापसी की है. वह पहली बार 2016 में राष्ट्रपति बने थे. लेकिन उनका यह दूसरा कार्यकाल 2016 के मुकाबले काफी अलग रहने वाला है.

2016 में जब ट्रंप पहली बार चुनकर व्हाइट हाउस पहुंचे थे तो उस समय की वैश्विक स्थितियां अलग थी और अब बिल्कुल अलग हैं. उस समय ट्रंप नौसिखिए की तरह व्हाइट पहुंचे थे लेकिन इस बार वह अनुभव और अधिक आक्रामकता के साथ सरकार चलाने का इरादा रखे हुए हैं. ऐसा भी कहा जा रहा है कि राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी कार्यकाल होने की वजह से ट्रंप बेहद आक्रामकता के साथ काम करने वाले हैं.

ट्रंप 2024 में ज्यादा ताकतवार कैसे बने?

2024 के राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप की यह जीत उनकी अब तक की सबसे बड़ी जीत है. उन्होंने 2016 के मुकाबले इस बार अधिक वोटों से अपने प्रतिद्वंद्वी को मात दी है. लेकिन इससे भी बड़ा प्लस प्वॉइन्ट अमेरिकी सीनेट में बहुमत हासिल करना है.

राष्ट्रपति चुनाव के साथ-साथ अमेरिकी कांग्रेस यानी संसद का भी चुनाव हुआ था. अमेरिकी कांग्रेस दो हिस्सों में बंटा हुआ है- ऊपरी सदन यानी सीनेट और निचला सदन यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स.रिपब्लिकन पार्टी ने अब तक की चुनावी गणना में अमेरिकी सीनेट में बहुमत हासिल कर लिया है. 100 सदस्यों वाली सीनेट में रिपब्लिकन को 52 सीटें मिल चुकी हैं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी को 44 सीटें मिली हैं. इस तरह सीनेट में चार साल में पहली बार रिपब्लिकन पार्टी को बहुमत मिला है.

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अमेरिकी सीनेट की तरह रिपब्लिकन पार्टी को निचले सदन यानी प्रतिनिधि सभा में भी बहुमत मिला है. अब तक की काउंटिंग में प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन पार्टी की 206 सीटें हो गई है जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी 190 सीटों पर है. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि अभी भी वोटों की गिनती जारी है और ये आंकड़ा घट या बढ़ सकता है. लेकिन इतना तो तय है कि ट्रंप सिर्फ राष्ट्रपति नहीं बने हैं बल्कि अमेरिकी संसद में भी उनकी पार्टी ने पकड़ बना ली है.

अमेरिकी संसद की ताकत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह कई बार राष्ट्रपति के फैसलों तक को पलट चुका है. ऐसे में जब ट्रंप को पता है कि अमेरिकी संसद में उनकी पार्टी का वर्चस्व है तो वह अधिक खुले तौर पर फैसले लेने से नहीं हिचकिचाएंगे.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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