LIVE- यूपी का मदरसा कानून संविधान के दायरे में, सुप्रीम कोर्ट ने पलटा हाई कोर्ट का फैसला

आज की ताजा खबर (05 नवंबर 2024) लाइव: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 'संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने के कारण किसी कानून को गिराया नहीं जा सकता. ऐसा करके ह

4 1 5
Read Time5 Minute, 17 Second

आज की ताजा खबर (05 नवंबर 2024) लाइव: सुप्रीम कोर्ट ने यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी. चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि 'संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन करने के कारण किसी कानून को गिराया नहीं जा सकता. ऐसा करके हाईकोर्ट ने गलती की है.'

एक और अहम फैसले में, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी व्यक्ति के प्रत्येक संसाधन को समुदाय का भौतिक संसाधन नहीं माना जा सकता. 9 जजों की संविधान पीठ ने मंगलवार को 7-1 से यह फैसला दिया. जस्टिस बीवी नागरत्ना अपने साथी जजों से काफी हद तक सहमत नजर आईं. लेकिन, जस्टिस सुधांशु धूलिया ने बाकी जजों से असहमति जताई. SC ने कहा कि राज्य के बजाय समुदाय शब्द का प्रयोग कुछ निजी संसाधनों के उपयोग का संकेत देता है. सीजेआई ने कहा कि हम स्पष्ट करते हैं कि न केवल उत्पादन के साधन बल्कि सामान भी अनुच्छेद 39(बी) के दायरे में आते हैं.

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित गायिका शारदा सिन्हा की तबीयत के बारे में जानकारी ली. उन्होंने सिन्हा के बेटे अंशुमान सिन्हा को फोन किया और उनके इलाज के लिए हर तरह की सहायता का आश्वासन दिया. अंशुमान सिन्हा ने पुष्टि की कि उनकी मां वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं.

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

MP: सरकारी नौकरियों में महिलाओं को अब मिलेगा 35-प्रतिशत- आरक्षण, मेडिकल कॉलेजों में भर्ती की आयु सीमा बढ़ी

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now