निर्देशक: रोहित शेट्टी स्टार कास्ट: अजय देवगन, करीना कपूर, रणवीर सिंह, दीपिका पादुकोण, अक्षय कुमार, जैकी श्रॉफ, टाइगर श्रॉफ, रवि किशन, श्वेता तिवारी, दया और अर्जुन कपूर आदि. कहां देख सकते हैं: थिएटर्स में स्टार रेटिंग: 3.5
रोहित शेट्टी ने लगता है फिल्म बनाने से पहले ही तय करना था कि फिल्म चाहे क्रिसमस पर बनकर पूरी हो, लेकिन रिलीज दिवाली पर ही करना है. इसलिए डिसक्लेमर में ही लिख दिया गया था कि फिल्म रामायण से प्रेरित है लेकिन किसी पात्र को देवताओं से जोड़ने की कोशिश ना करें. हालांकि पूरी मूवी में वो खुद यही करते दिखाई दिए हैं, जब भी अजय देवगन पर्दे पर आते हैं, जोर से नारा लगता है ‘जय श्री राम’. शायद तभी रोहित, करीना और अजय दो लेकर दिल्ली लाल किले की रामलीला में रावण दहन के लिए भी स्पेशल तौर पर आए.
‘सिंघम अगेन’ की कहानी: कहानी उसी पुराने सिंघम की है, लेकिन नए तरीके से रामायण की थीम पर बुनी गई है. कोशिश की गई है कि जितने दिन रामलीला चलती है, उतने ही दिन में फिल्म की कहानी पूरी हो जाए. इसके लिए सिंघम (अजय देवगन) की पत्नी के तौर पर संस्कृति मंत्रालय में काम करने वाली पत्नी अवनी (करीना कपूर) एक खास रामलीला का आयोजन कर रही हैं, जिसमें उन जगहों पर जाकर भी शूट किया गया है, जो रामायण की कहानी में उल्लेखित हैं. उससे दो साल पहले सिंघम कश्मीर में एसओजी हैड के तौर पर तैनात हैं, जहां वो ओमर शरीफ (जैकी श्रॉफ) को गिरफ्तार कर लेते हैं. यानी कहानी रोहित शेट्टी की ‘सूर्यवंशी’ से ही आगे बढ़ाई जाती है.
लेकिन अब सिंघम को गृहमंत्री देश के चुनिंदा मजबूत आईपीएस ऑफिसर्स की ब्रिगेड के साथ ‘शिवा स्क्वैड’ का कप्तान नियुक्त कर चुके हैं. कुछ ड्ग्स स्मगलर्स की गिरफ्तारी से पता चलता है कि उनका बॉस डेंजर लंका (अर्जुन कपूर) है, जिसके साथी गिरफ्तार होते ही वह मदुरई के पुलिस स्टेशन में आग लगाकर 15 पुलिस वालों का गला काट देता है. बाद में उसका कनेक्शन ओमर शरीफ से निकलता है, और वही इस कहानी का रावण भी है. कहानी उसी के बदले और उससे निपटने की है.
रामायण की थीम चूंकि रामायण की थीम है, सो कहानी में सीता अपहरण भी है, तो जटायु का प्रतिरोध भी, लक्ष्मण रेखा भी है, तो लक्ष्मण भी, हनुमान का किरदार लंका में आग भी लगाता है तो पूंछ के सिंहासन पर बैठने जैसा सीन भी है. कुल मिलाकर सांकेतिक रूप से पूरी फिल्म को ‘रोहित शेट्टी की रामायण’ सा रच दिया गया है.
रोहित शेट्टी की पूरी नजर राम भक्तों पर ही थी हालांकि रोहित शेट्टी की पूरी नजर राम भक्तों पर ही थी, तभी कश्मीर में जहां ओमर शरीफ को पीटते वक्त शिव श्रोतम का पाठ बैकग्राउंड में चलाया गया तो ये डायलॉग भी एक कश्मीरी युवा से कहलवाया गया कि, ‘’पत्थर मारना ओल्ड फैशन है, ये नए भारत का नया कश्मीर है’. अजय देवगन भी गृहमंत्री से बोलते हैं कि, “दो बार पहले भी तो घुस चुके हैं सर, बजरंग बली का नाम लेकर तीसरी बार भी घुस जाएंगे”. यहां इशारा स्रर्जिकल स्ट्राइक की तरफ था. रणवीर सिंह भी कहते हैं कि “वाह टेक्नोलॉजी...ये आत्मनिर्भर भारत है”, वो एक एक इमोशनल डायलॉग भी बोलते हैं, सीता लंका से अगर बिना राम के लौटी तो दीवाली फिर दीवाली सी कहां रह जाएगी”. करीना भी अपने किरदार में घुसकर रामायण को ऐतिहासिक बताने की पैरवी करती रहती हैं,
रावण वध के लिए मूवी में भगवा झंडे का इस्तेमाल पूरी फिल्म में जहां रामायण से जुड़े स्थान उसी तरह दिखाए गए हैं, जैसे रामसेतु में थे, साथ ही फिल्म की कहानी के सींस के साथ साथ स्टेज पर चल रही रामलीला के सींस से भी लगतार जोड़कर दिखाया गया है. ऐसे में राम भक्तों को सबसे ज्यादा एक्साइटमेंट तब हो सकता है जब रावण वध के लिए मूवी में भगवा झंडे का प्रयोग किया जाता है. पूरा का पूरा ध्वज दंड सीन में पार. इधर लेडी सिंघम के तौर पर दीपिका की लांचिंग भी एक शानदार डायलॉग से की गई है, वो एक गुंडे से कहती हैं, “तू इस दुनिया एक औरत की वजह से ही आया था, कुछ ऐसा मत करना कि जाने की वजह भी औरत ही बन जाए.”
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'सिंघम अगेन' में खलती है ये कमी हालांकि एक बात अखरती है कि कहानी रामायण की है, लेकिन पांडवों की तरह एक अदने से रावण या दुर्योधन के मुकाबले पांच पांच हीरो और दो दो बड़ी हीरोइंस मैदान मैं उतार दी गई हैं. अजय देवगन, अक्षय कुमार, रणवीर सिंह, टाइगर श्रॉफ और दीपिका जो एक तरह से पांचवे हीरो के तौर पर ही थीं. ये अलग बात है कि मूवी के आखिर में सलमान खान भी पांचवे हीरो की कमी पूरी करते दिखेंगे. ऐसे में अर्जुन कपूर को कितना भी खतरनाक दिखा लो, थोड़ी देर बाद अर्जुन कपूर कोई अन्य किरदार नहीं बल्कि अर्जुन कपूर ही दिखने लगते हैं. सो बहुत लोगों को ये बात अखर सकती है.
ठहाके भी लगाएंगे यूं ये मूवी दिवाली की छुट्टियों में परिवार सहित देखे जाने वाली मूवी है, पैसा वसूल मूवी है, आप दिमाग ना लगाएं कि इंस्पेक्टर को आईपीएस की तरह पूरे देश में कैसे ट्रांसफर किया जा रहा है आदि,, तो आपको भरपूर मजा आएगा. हालांकि अब वो डीसीपी बन चुके हैं, एक झलक सूर्यवंशी में मिली ही थी. पूरी मूवी में ज्यादातर समय आप ठहाके लगाते दिखेंगे. शुरू में तो ये भी लगा था कि इस बार क्या सिंघम कश्मीर में ही गुंडों या आतंकियों से लड़ेगा, लेकिन बाद में कहानी मुंबई होते हुए श्रीलंका पहुंच जाती है.
दिमाग लगाने की कतई कोशिश ना करें मूवी के साथ सबसे बेहतर ये है कि ये अपने पेस से कॉमेडी और एक्शन की डबल डोज के साथ चलती रहती है और आप बोर नहीं होते, बीच बीच में बड़े सितारे लांच होते रहते हैं, इसलिए जित्रासा भी बनी रहती है कि अब क्या होगा? कश्मीर और श्रीलंका व तमिलनाडु की सिनेमेटोग्राफी भी अपना असर छोड़ती है. अजय देवगन पहले से बेहतर लगे हैं. करीना भी. हालांकि अक्षय थोड़ा निराश करते हैं, रणवीर सिंह, टाइगर और दीपिका के फिल्म में तड़के की तरह हैं. अर्जुन कपूर थाने वाले सीन में कमाल के खतरनाक लगे हैं. मूवी में फालतू गाने डालने से बचा गया है. इस मूवी को फैमिलीज को साथ देखने में आनंद आएगा. सो ऐसे में मनोरंजन के नाम पर आप इस मूवी को आधा अंक और भी दे सकते हैं. लेकिन दिमाग लगाने की कतई कोशिश ना करें, जैसा कि रोहित शेट्टी की फिल्मों का नियम है.
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