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बेरूत: लेबनान के चरमपंथी समूह हिजबुल्लाह ने अपना नए प्रमुख के नाम का ऐलान कर दिया है। नईम कासिम को ईरान समर्थित समूह का महासचिव चुना गया है। वह सितम्बर में मारे गए हिजबुल्लाह के पूर्व नेता हसन नसरल्लाह की जगह लेगा। समूह ने बयान में बताया कि हिजबुल्लाह की निर्णय लेने वाली ‘शूरा परिषद’ ने तीन दशक से अधिक समय तक नसरल्ला के उपनेता रहे कासिम को नया महासचिव चुना है। हिजबुल्लाह ने नसरल्ला की नीतियों को तब तक जारी रखने का संकल्प लिया, जब तक जीत हासिल नहीं हो जाती। स्कूल टीचर से अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी बनने की नईम कासिम की कहानी दिलचस्प है।
इजरायल के डर से छोड़ा बेरूत
नईम कासिम ने इजरायल के हमले के डर से 5 अक्तूबर 2024 को बेरूत छोड़ दिया था। उसे ईरान के विदेश मंत्री के विमान से ले जाया गया था। उसे ईरान में सुरक्षित ठिकाने पर रखा गया है। नसरल्लाह के मारे जाने के बाद से कासिम ने तीन बार वीडियो संबोधन दिया था। विश्लेषकों का कहना है कि तीसरा संबोधन उसने ईरान से दिया था।
केमिस्ट्री टीचर से हिजबुल्लाह चीफ तक
कासिम का जन्म 1953 में दक्षिणी लेबनान के शिया बहुल कफार किला गांव में हुआ था। 1970 के दशक में कासिम, लेबनान में शियाओं के अमल आंदोलन का हिस्सा बना था। अमल का काम शियाओं के अधिकारों के लिए लड़ना था। 1977 में उसने लेबनान यूनिवर्सिटी से रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। कासिम ने छह साल तक हाई स्कूल में केमिस्ट्री भी पढ़ाई। कासिम दशकों से बेरूत में धार्मिक शिक्षा देता आ रहा है।
तीन दशक बाद बदला हिज्बुल्लाह का नेता
71 वर्षीय नईम कासिम हिज्बुल्लाह में मुखिया रहे नसरल्लाह का सहायक और नंबर-2 की पोजिशन पर था, जो समूह के कार्यवाहक नेता के रूप में काम कर रहा था। हालांकि, उसका नाम संगठन के महासचिव की रेस में पहले नहीं था। हिजबुल्लाह चीफ की रेस में नईम से पहले हाशेम सैफिद्दीन का नाम चल रहा था, जो नसरल्लाह का ममेरा भाई था। अक्तूबर की शुरुआत में वह भी इजरायली हमले में मारा गया।इजरायल के डर से छोड़ा बेरूत
नईम कासिम ने इजरायल के हमले के डर से 5 अक्तूबर 2024 को बेरूत छोड़ दिया था। उसे ईरान के विदेश मंत्री के विमान से ले जाया गया था। उसे ईरान में सुरक्षित ठिकाने पर रखा गया है। नसरल्लाह के मारे जाने के बाद से कासिम ने तीन बार वीडियो संबोधन दिया था। विश्लेषकों का कहना है कि तीसरा संबोधन उसने ईरान से दिया था।केमिस्ट्री टीचर से हिजबुल्लाह चीफ तक
कासिम का जन्म 1953 में दक्षिणी लेबनान के शिया बहुल कफार किला गांव में हुआ था। 1970 के दशक में कासिम, लेबनान में शियाओं के अमल आंदोलन का हिस्सा बना था। अमल का काम शियाओं के अधिकारों के लिए लड़ना था। 1977 में उसने लेबनान यूनिवर्सिटी से रसायन विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। कासिम ने छह साल तक हाई स्कूल में केमिस्ट्री भी पढ़ाई। कासिम दशकों से बेरूत में धार्मिक शिक्षा देता आ रहा है।1991 में हिज्बुल्लाह का डिप्टी बना
1980 के दशक की शुरुआत में कासिम हिज्बुल्लाह के आंदोलन के साथ जुड़ा और संगठन की स्थापना करने वाले संस्थापक सदस्यों में शामिल रहा। वह 1991 में हिज्बुल्लाह का डिप्टी सेक्रटरी जनरल बना था। वह हिजबुल्लाह की शूरा परिषद का सदस्य भी है। लेबनानी के बजाय अरबी बोलता है। कासिम के छह बच्चे हैं।
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