भुवनेश्वर के थानों में बॉडी कैमरे से लैस होंगे रिसेप्शनिस्ट, सीधे कंट्रोल रूम को मिलेगा अलर्ट

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ओडिशा में भुवनेश्वर-कटक पुलिस आयुक्तालय ने थाने के रिसेप्शन डेस्क के सभी कर्मियों को पुलिस और आगंतुकों के व्यवहार की जांच करने के लिए बॉडी कैमरा पहनने के लिए कहा है. यहां भरतपुर थाने में पुलिसकर्मियों द्वारा एक महिला के साथ यौन उत्पीड़न और एक सेना अधिकारी को प्रताड़ित करने के बाद यह कदम उठाया गया है. इसके अलावा खंडगिरी थाने में भी एक महिला ने पुलिसकर्मी के साथ दुर्व्यवहार किया था.

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि भुवनेश्वर के कुछ पुलिस स्टेशनों में रविवार को निर्देश लागू कर दिया गया है. जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, पुलिस आयुक्त एस देव दत्ता सिंह ने पुलिस स्टेशन के रिसेप्शन डेस्क के सभी कर्मियों को बॉडी कैमरा पहनने का निर्देश दिया है. पुलिस आयुक्तालय ने रविवार को एक्स पर लिखा कि इससे आगंतुकों के साथ पुलिस के व्यवहार की निगरानी होगी और जवाबदेही आएगी.

पुलिस कर्मियों को विनम्र, सहानुभूतिपूर्ण और अपने व्यवहार में कानून के अनुसार कार्य करने के लिए जागरूक किया गया है. उन्होंने कहा कि इस पहल से पुलिस को कुछ आगंतुकों के व्यवहार को रिकॉर्ड करने में मदद मिलेगी. बॉडी कैमरा सही समय पर पुलिस कंट्रोल रूम को अलर्ट भी भेजेगा. इससे पुलिस रिएक्शन में सुधार होगा. इस ऑडियो विजुअल रिकॉर्डिंग को कम से कम एक महीने तक सुरक्षित रखा जाएगा.

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बताते चलें कि पिछले महीने ओडिशा के भरतपुर थाने के अंदर एक सनसनीखेज घटना सामने आई थी. यहां रोडरेज की शिकायत लेकर पुलिस स्टेशन पहुंचे आर्मी ऑफिसर और उनकी मंगेतर के साथ पुलिस की क्रूरता का केस सामने आया था. महिला ने प्रताड़ना की जो आपबीती बताई, वह हैरान कर देने वाली थी. आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने पुलिस पर हाथ-पैर बांधकर क्रूरता से पीटने का आरोप लगाया था.

इसके साथ ही उसने कहा था कि एक पुलिस अफसर ने उसके पैंट उतारकर प्राइवेट पार्ट दिखाने की बात कही थी. इसके साथ ही उसने रेप की धमकी भी दी थी. पुलिस की क्रूरता झेलने वाले आर्मी ऑफिसर सिख रेजिमेंट का हिस्सा हैं. उनकी मंगेतर भुवनेश्वर में अपना रेस्टोरेंट चलाती हैं. महिला ने बताया, ''रात करीब 1 बजे मैं अपना रेस्टोरेंट बंद करके घर लौट रही थी. तभी कुछ युवकों ने मेरे साथ बदसलूकी की.''

''हमने पुलिस से मदद लेने के बारे में सोचा और सीधे भरतपुर थाने पहुंचे. वहां सिविल ड्रेस में एक महिला कांस्टेबल मौजूद थी. हमने उससे एफआईआर दर्ज करने और बदमाशों को पकड़ने के लिए गश्ती वाहन भेजने की दरख्वास्त की, लेकिन हमारी मदद करने की जगह लेडी कांस्टेबल हमसे दुर्व्यवहार करने लगी. थोड़ी देर बाद कुछ और पुलिसकर्मी भी थाने पहुंचे. हमने उन लोगों से भी शिकायत दर्ज करने के लिए कहा.''

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पीड़ित महिला ने बताया था, ''पुलिसकर्मी भड़क गए. उन्होंने मेरे मंगेतर (आर्मी ऑफिसर) को लॉकअप में डाल दिया. मैंने पुलिसवालों को बताया कि यह गैरकानूनी है. पुलिस सेना के अधिकारी को हिरासत में नहीं रख सकती. मेरे इतना कहते ही दो महिला पुलिसकर्मियों ने मुझे पीटना शुरू कर दिया. उन्होंने जब मेरी गर्दन पकड़ने की कोशिश को तो मैंने उनके हाथ पर काट लिया. इसके बाद उन लोगों ने बुरी तरह से पीटा.''

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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