स्नैपचैट के जरिए संपर्क, कत्ल से पहले शूटरों से बातचीत... बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अनमोल बिश्नोई कनेक्शन की कहानी

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एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस की जांच कर रही मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक नया खुलासा किया है. इसके मुताबिक इस वारदात को अंजाम देने वाले तीनों शूटर गुरमैल सिंह, धर्मेंद्र कश्यप और शिवकुमार गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई के साथ लगातार संपर्क में थे. वो स्नैपचैट के जरिए उससे बातचीत कर रहे थे. पुलिस ने इस साजिश से जुड़े कुल 10 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है. इनमें से साजिश में शामिल लोगों के पास से कुल 4 फोन मिले हैं. इन फोन से भी इस बात की तस्दीक होती है कि शूटर कत्ल से पहले अनमोल के साथ स्नैपचैट के जरिए संपर्क में थे.

क्राइम ब्रांच सूत्रों के मुताबिक जिन 3 शूटरों को ये काम अंजाम देना था, ये तीनों ही अलग-अलग वक्त में अनमोल बिश्नोई से स्नैपचैट पर बात कर रहे थे. ये पहला ऐसा सबूत है जो ये साबित करता है कि बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शूटर सीधे लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई के संपर्क में थे. हालांकि मुंबई पुलिस को ये बात चौंकाती नहीं है. क्योंकि इसी साल अप्रैल में सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर जो शूटआउट हुआ था उसमें भी अनमोल बिश्नोई वांटेड है. अब तक की पूछताछ के बाद अब ये तस्वीर भी साफ हो गई है कि बाबा सिद्दीकी पर गोली चलाने वालों में मुख्य भूमिका शिवकुमार ने निभाई थी.

क्राइम ब्रांच के मुताबिक गोली चलाने वाले तीन शूटरों के अलावा पुणे से गिरफ्तार परवीन लोनकार भी अनमोल बिश्नोई के साथ सीधे संपर्क मे था. इसी बीच नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी यानि एनआईए ने लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई के सिर पर 10 लाख रुपए के इनाम का ऐलान कर दिया है. एनआईए ने ये कदम सलमान खान के घर गैलेक्सी पर गोली चलाने के मामले और अब बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में शूटरों के साथ अनमोल बिश्नोई के संपर्क में रहने के सबूत सामने आने के बाद उठाए हैं. हालांकि, अनमोल बिश्नोई की एनआई को पहले से ही तलाश है. सिद्दू मूसेवाला मर्डर केस के बाद से ही वो फरार हो गया था.

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पहले उसके केनिया में देखे जाने की खबर आई थी. लेकिन फिर दो साल पहले अप्रैल 2023 मे अमेरिकी राज्य कैलिफॉर्निया के बेकर्सफील्ड में अनमोल बिश्नोई एक कार्यक्रम में दिखा था. पंजाबी सिंगर औजला और शेरीमान के इस कार्यक्रम में अनमोल की स्टेज पर सेल्फी लेती हुई तस्वीरें सोशल मीडिया पर सामने आई थी. हालांकि अनमोल के सोशल मीडिया पर डाले गए कई पोस्ट खासकर फेसबुक पर जो डाले गए थे. जब उसके आईपी एड्रेस की पड़ताल हुई तो पता चला आईपी एड्रेस पुर्तगाल का है. फिलहाल उसके बारे में यही खबर है कि वो अमेरिका मे ही छुपकर रह रहा है और अक्सर कनाडा आता जाता रहता है.

Baba Siddiqui Murder

एनआईए के मुताबिक सिद्दू मूसेवाला के मर्डर के बाद पुलिस से बचने के लिए लॉरेंस ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई को फर्जी पासपोर्ट के जरिए नेपाल के रास्ते दुबई, फिर दुबई से कीनिया और वहां से अमेरिका भेज दिया. सिद्दू मूसेवाला और सलमान खान के घर गैलेक्सी पर शूटआउट समेत अनमोल बिश्नोई पर कुल 11 मुकदमें दर्ज हैं. देश से भागने से पहले अनमोल एक मर्डर केस में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद था. 7 अक्टूबर 2021 को उस केस में जमानत मिलने के बाद वो बाहर आया. उसके बाद फिर कभी कानून के हाथ नहीं लगा. इसके बाद ही उसके सिर पर 10 लाख रुपए का ऐलान किया गया था.

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दरअसल, एनआई ने पंजाब, हिरयाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और चंडीगढ़ के अलग-अलग ठिकानो पर रेड मारकर वहां से बड़ी मात्रा में हथियार, कैश और कुछ डिजिटल सबूत बरामद किए थे. इन सबूतों से बैंड बब्बर खालसा इंटरनेशनल और लॉरेंस गैंग सिंडिकेट के कनेक्शन की जानकारी मिली थी. इन्हीं सबूतो में अनमोल बिश्नोई के खिलाफ भी तमाम अहम सूबत मिले थे. उधर दूसरी तरफ बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में अब भी पुलिस बाकी बचे चार फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है. इस बीच गिरफ्तार किए गए बाकी चार आरोपियों से क्राइम ब्रांच की पूछताछ में कई नए खुलासे हुए हैं.

तीन में से दो शूटरों गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप ने बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले करीब 15 दिनों तक यूट्यूब पर वीडियो देखकर गोली चलाने की प्रैक्टिस की थी. इसके लिए दोनों पिस्टल में बिना मैगजीन डाले ही ट्रिगर दबाने और निशाना लगाने की प्रैक्टिस कर रहे थे. पकड़े गए आरोपियों के पास से शूटआउट में इस्तेमाल दो पिस्टल भी बरामद कर लिए गए हैं. पूछताछ के दौरान ये भी खुलासा हुआ है कि शूटरों ने 12 अक्टूबर को बाबा सिद्दीकी को गोली मारने से पहले कम से कम 10 बार और भी ऐसी ही कोशिश की थी. इस दौरान वो कई ऐसी जगह पर पहुंचे जहां बाबा सिद्दीकी मौजूद थे.

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Baba Siddiqui Murder

लेकिन उन्हें गोली चलाने का मौका नहीं मिल पाया. वजह ये थी कि कभी बाबा सिद्दीकी अपने समर्थकों से घिरे थे, कभी उनके आसपास सुरक्षा घेरा मजबूत था तो कभी शूटरों को वारदात के लिए खुली जगह नहीं मिली. इसी के बाद रेकी के दौरान उन्होंने तय किया कि बाबा सिद्दीकी को वो उनके बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर ही गोली मारेंगे, क्योंकि जीशान के ऑफिस के बाहर काफी खुला एरिया था. वहां से भागने के कई रास्ते थे. मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच बाबा सिद्दीकी के कत्ल के सिलसिले में गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप को वारदात वाली रात ही मौके से गिरफ्तार कर चुकी थी.

तीसरा आरोपी परवीन लोनकार पुणे से पकड़ा गया. इन तीनों से पूछताछ के बाद साजिश में शामिल एक और शख्स का नाम सामने आया. हरीश कुमार निषाद, जो पुणे में ही परवीन के तबेले के बराबर में कबाड़ की दुकान चलाता है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक परवीन ने ही निषाद को 60 हजार रुपए दिए थे. एक पुरानी बाइक खरीदने के लिए. इसी बाइक से शूटरों को बाबा सिद्दीकी की रेकी करनी थी. पुणे में ही पुरानी बाइक खरीदने के बाद निषाद वही बाइक खुद से चलाता हुआ मुंबई पहुंचा था. मुंबई में उसने कुर्ला में ठहरे हुए शूटरों को ये बाइक सौंप दी. पुलिस ने कुर्ला के उसी घर से ये बाइक बरामद कर ली है.

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हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी के बावजूद दो चीजे ऐसी हैं जो अब भी मुंबई पुलिस को खटक रही हैं. पकड़े गए दो आरोपियों के पुराने तार बेशक लॉरेंस गैंग से जुड़ रहे हों. लेकिन खुद लॉरेंस गैंग बाबा सिद्दीकी के कत्ल में शामिल है, ऐसा कोई सबूत अब भी मुंबई पुलिस के हाथ नहीं लगा है. एक जीशान और दूसरे शुभम लोनकर का पहले बेशक लरेंस गैंग से संपर्क रहा है लेकिन जिन तीन शूटरों ने इस काम को अंजाम दिया, उनका लॉरेंस से कोई रिश्ता अब तक साबित नहीं हो पाया है. जिस पोस्ट को लेकर ये दावा किया गया कि कत्ल की जिम्मेदारी लॉरेंस गैंग ने ली है, उसको लेकर भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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