ये वर्दी वाली बेटियां बढ़ा रहीं बिहार का मान, कभी पिता की अर्थी को दिया था कंधा, अब उन पर सज रहे सितारे

आशीष शुक्ल, पटना। छह बहनें। पिता की छह लाडली बिटिया। कोई भाई नहीं। रस्म-रिवाज, जहां समाज ढूंढ़ता है बेटों को। यह परिस्थिति इस घर में भी आई। पिता का निधन हो गया। बेटियां कंधे पर उठाकर उनकी अंतिम यात्रा को चल पड़ीं। इनमें पूजा ने मुखाग्नि दी। मुंडन की

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आशीष शुक्ल, पटना। छह बहनें। पिता की छह लाडली बिटिया। कोई भाई नहीं। रस्म-रिवाज, जहां समाज ढूंढ़ता है बेटों को। यह परिस्थिति इस घर में भी आई। पिता का निधन हो गया। बेटियां कंधे पर उठाकर उनकी अंतिम यात्रा को चल पड़ीं। इनमें पूजा ने मुखाग्नि दी। मुंडन की एक रस्म होती है। इस बेटी ने तत्क्षण अपने सिर के सारे बाल उतरवा दिए। समाज में बेटे को सौंपा गया दायित्व अदा करती बेटी, इसलिए तो कहते हैं- लक्ष्मी मेरी लाडो।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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