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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कुछ राजनेताओं की ओर से पुराने बारापुला पुल इलाके में मद्रासी कैंप के निवासियों को दिए गए बेदखली नोटिस के खिलाफ आंदोलन और विरोध करने पर आपत्ति जताई। ऐसा इसलिए क्योंकि मामला पहले से ही अदालत में लंबित है। हाईकोर्ट ने कहा कि अगर अतिक्रमण के कारण प्रोजेक्ट फेल हो जाता है, तो शहर में फिर से बाढ़ आएगी। अदालत ने इसे बहुत दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। पानी को यमुना नदी में बहने नहीं दिया जा रहा है।हाईकोर्ट ने क्या कहा
हाईकोर्ट ने कहा कि राजनेताओं का इरादा केवल चुनाव जीतना है। उन्हें शहर के बुनियादी ढांचे और स्थिति को सुधारने की कोई चिंता नहीं है। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जंगपुरा में झुग्गी बस्ती के निवासियों को बेदखली का नोटिस मिला है। इस नोटिस के कुछ दिनों बाद, आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं ने इन लोगों से मुलाकात की। उन्हें समर्थन देने का वादा किया। दोनों दलों ने बेदखली नोटिस के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।
क्या है पूरा मामला
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि यमुना में पानी के प्रवाह के लिए अतिक्रमण को हटाना होगा। ऐसा नहीं किए जाने से शहर को फिर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। पीठ ने कहा, 'अगर पानी को यमुना तक नहीं पहुंचने दिया गया और अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो शहर में एक और बाढ़ के लिए तैयार रहें। अगर वे चाहें तो नाव खरीद सकते हैं। शहर को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।'
हाईकोर्ट ने क्या कहा
हाईकोर्ट ने कहा कि राजनेताओं का इरादा केवल चुनाव जीतना है। उन्हें शहर के बुनियादी ढांचे और स्थिति को सुधारने की कोई चिंता नहीं है। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के जंगपुरा में झुग्गी बस्ती के निवासियों को बेदखली का नोटिस मिला है। इस नोटिस के कुछ दिनों बाद, आम आदमी पार्टी और बीजेपी नेताओं ने इन लोगों से मुलाकात की। उन्हें समर्थन देने का वादा किया। दोनों दलों ने बेदखली नोटिस के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया।क्या है पूरा मामला
कोर्ट में सुनवाई के दौरान, अदालत ने कहा कि यमुना में पानी के प्रवाह के लिए अतिक्रमण को हटाना होगा। ऐसा नहीं किए जाने से शहर को फिर बाढ़ का सामना करना पड़ेगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस तुषार राव गेडेला की पीठ ने सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की। पीठ ने कहा, 'अगर पानी को यमुना तक नहीं पहुंचने दिया गया और अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो शहर में एक और बाढ़ के लिए तैयार रहें। अगर वे चाहें तो नाव खरीद सकते हैं। शहर को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।'नेताओं के रवैये से नाखुश हाईकोर्ट
पीठ ने कहा कि अगर प्रशासन इस मुद्दे को हल करना चाहता है तो यह पांच मिनट का काम है। हालांकि, वो इसे हल करने के बजाय, वे वहां राजनीतिक आंदोलन कर रहे हैं। अगर इरादा नहीं है तो आप इसे अगले 50 वर्षों में भी हल नहीं कर सकते। इसी मुद्दे को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बेदखली नोटिस के खिलाफ आंदोलन कर रहे राजनेताओं के रवैये पर नाखुशी जताई है।
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