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नई दिल्ली: कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया। पहली बार प्रियंका कोई चुनाव लड़ रही हैं। वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। प्रियंका के नामांकन प्रक्रिया के दौरान पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जो मां-बेटी के रिश्ते का अहसास करा रही हैं। तस्वीरों में सोनिया गांधी अपनी बेटी प्रियंका को टुक-टुक निहार रही हैं। मानो बोर्ड एग्जाम से पहले कोई साधारण परिवार की मां अपनी बेटी को दिल ही दिल कामयाबी की दुआएं दे रही हों।हालांकि चेहरे की झर्रियों के बीच हल्का सा तनाव भी सोनिया के चेहरे पर दिख रहा था। तनाव होना लाजिमी भी है, क्योंकि सोनिया को सियासत ने बहुत जख्म दिए हैं। पति और सास की दर्दनाक मौत का मंजर आज भी उन्हें सताता होगा। दरअसल सोनिया गांधी ने पति और सास को उस वक्त खोया, जब उन्हें उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। अब परिवार की एक और बेटी प्रियंका सियासत में एंट्री करने जा रही हैं। प्रियंका गांधी में उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है। कहते हैं कि सियासी परिवारों का सारा जीवन सार्वजनिक होता है। लेकिन कुछ पल ऐसे होतें हैं जब रिश्तों का अहसास उमड़कर सामने आ जाता है। आज ऐसा ही नजारा प्रियंका के नामांकन के वक्त दिखाई दिया। गांधी परिवार की बेटी प्रियंका का राजनीतिक सफर कांग्रेस के लिए अहम है। मां सोनिया गांधी के मौन के पीछे बेटी के लिए ढेर सारी दुआएं छिपी हुई हैं।
राहुल गांधी ने वायनाड की जनता से प्रियंका गांधी का समर्थन करने की अपील की और कहा कि वायनाड से उनकी बहन के निर्वाचन के बाद यह देश का इकलौता ऐसा निर्वाचन क्षेत्र होगा जिसके संसद में एक नहीं, बल्कि दो सांसद होंगे। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सदस्य ने कहा कि वह वायनाड के अनौपचारिक रूप से सांसद बने रहेंगे। वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कलपेट्टा में सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है।
नामांकन के बाद क्या बोलीं प्रियंका?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने बुधवार को वायनाड लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल किया। इस मौके पर खुद को स्थानीय लोगों के परिवार का हिस्सा बताते हुए कहा कि वह उनके स्नेह को संजोकर आगे बढ़ेंगी और इस क्षेत्र की प्रगति के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने राजनीतिक अनुभव की कमी के आरोपों को लेकर विरोधियों को जवाब भी दिया और कहा कि उनके पास राजनीति में 35 साल का अनुभव है क्योंकि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ 17 साल की उम्र में पहली बार चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुई थीं।
भाई राहुल ने बहन प्रियंका के लिए की ये अपील
राहुल गांधी ने वायनाड की जनता से प्रियंका गांधी का समर्थन करने की अपील की और कहा कि वायनाड से उनकी बहन के निर्वाचन के बाद यह देश का इकलौता ऐसा निर्वाचन क्षेत्र होगा जिसके संसद में एक नहीं, बल्कि दो सांसद होंगे। उत्तर प्रदेश के रायबरेली से लोकसभा सदस्य ने कहा कि वह वायनाड के अनौपचारिक रूप से सांसद बने रहेंगे। वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने से पहले कलपेट्टा में सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि वह 1989 में अपने पिता राजीव गांधी के साथ चुनाव प्रचार में शामिल हुईं थीं, उसके बाद से 35 वर्षों में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी, अपने भाई राहुल गांधी और पार्टी के अन्य सहयोगियों के लिए प्रचार किया है।राहुल ने वायनाड सीट से दिया था इस्तीफा
राहुल गांधी ने दो सीटों से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। हालांकि, बाद में उन्होंने रायबरेली की सीट को चुना और वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया। सीपीआई ने इस सीट से सत्यन मोकेरी को मैदान में उतारा है। वे साल 2014 के आम चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे थे। जबकि बीजेपी ने यहां से नव्या हरिदास को टिकट दिया है। इससे पहले साल 2019 के आम चुनाव में राहुल गांधी ने वायनाड सीट से 4.60 लाख के अंतर से जीत हासिल की थी। वायनाड निर्वाचन क्षेत्र में तीन जिले आते हैं, जिनमें वायनाड, मलप्पुरम और कोझीकोड शामिल है।
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