युद्ध नहीं, बातचीत... पीएम मोदी ने कजान में दो शब्दों से रूस समेत पूरी दुनिया को दे दिया भारत का बुद्ध वाला संदेश

नई दिल्ली: रूस के कजान शहर में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन, भारत, यूएई जैसे कई बड़े देशों ने हिस्सा लिया है। सम्मेलन में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों पर चिंता जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा

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नई दिल्ली: रूस के कजान शहर में चल रहे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में चीन, भारत, यूएई जैसे कई बड़े देशों ने हिस्सा लिया है। सम्मेलन में संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक चुनौतियों पर चिंता जाहिर की। पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों का सामना कर रही है।
हमारी बैठक ऐसे समय में हो रही है जब दुनिया युद्धों, संघर्षों, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद जैसी कई चुनौतियों से घिरी हुई है। दुनिया में उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम विभाजन की बात हो रही है और प्रौद्योगिकी के युग में, साइबर सुरक्षा, डीप फेक, दुष्प्रचार जैसी नई चुनौतियां सामने आई हैं।

पीएम मोदी ने इस खास मुद्दे पर दिया जोर

मोदी ने जोर देकर कहा कि ब्रिक्स को इन सभी चुनौतियों का सामना करने में रचनात्मक भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को एक ऐसे समूह के रूप में देखा जाना चाहिए जो जनहित में काम करता है, न कि विभाजनकारी ताकत के रूप में। हम ऐसी स्थिति में जहां ब्रिक्स से कई उम्मीदें हैं। मेरा मानना है कि एक विविध और समावेशी मंच के रूप में ब्रिक्स सभी मुद्दों पर सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। हमारा दृष्टिकोण जन-केंद्रित रहना चाहिए। हमें दुनिया को यह संदेश देना चाहिए कि ब्रिक्स एक विभाजनकारी नहीं बल्कि एक जनहित समूह है।


'हम बातचीत का समर्थन करते हैं युद्ध का नहीं'

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने शांति और कूटनीति के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को एक सुरक्षित और समृद्ध भविष्य के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम बातचीत और कूटनीति का समर्थन करते हैं, युद्ध का नहीं और, जिस तरह हमने मिलकर कोविड जैसी चुनौती को हराया, उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी के लिए सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य के लिए नए अवसर पैदा करने में पूरी तरह सक्षम हैं। इसी तरह, हमें साइबर सुरक्षा, सुरक्षित और भरोसेमंद AI के लिए वैश्विक नियमों के लिए काम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि भारत नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है, लेकिन यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि सभी फैसले सर्वसम्मति से लिए जाएं और संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाए। उन्होंने कहा कि भारत ब्रिक्स भागीदार देश के रूप में नए देशों का स्वागत करने के लिए तैयार है। इस संबंध में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए और ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए।



प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों और विश्व व्यापार संगठन (WTO) जैसी वैश्विक संस्थाओं में सुधार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स का उद्देश्य इन संस्थानों को बदलना नहीं, बल्कि उन्हें और अधिक समावेशी और प्रभावी बनाना है। मोदी ने कहा कि हमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, बहुपक्षीय विकास बैंकों, विश्व व्यापार संगठन जैसे वैश्विक संस्थानों में सुधार के लिए समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। ब्रिक्स के प्रयासों को आगे बढ़ाते समय, हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इस संगठन की छवि ऐसी न हो कि हम वैश्विक संस्थानों में सुधार नहीं करना चाहते बल्कि उन्हें बदलना चाहते हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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