LIVE- BRICS समिट के लिये PM मोदी रूस रवाना, चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग से कर सकते हैं मुलाकात

4 1 7
Read Time5 Minute, 17 Second

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज BRICS समिट के लिये दो दिवसीय (22-23 अक्टूबर) दौरे पर रूस के कजान शहर रवाना होंगे. BRICS सम्मेलन के साथ ही पूरी दुनिया की नजर इस बात पर भी टिकी हुई है कि रूस में पीएम मोदी की किन देशों के प्रमुख के साथ द्विपक्षीय बैठक होगी.

रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने कहा है कि पीएम मोदी कजान में BRICS सदस्य देशों के समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. आज तक के साथ विशेष बातचीत में विनय कुमार ने कहा,'इस सम्मेलन में आर्थिक सहयोग, जलवायु परिवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने पर जोर होगा.'

क्या चीन के साथ होगी द्विपक्षीय वार्ता?

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के साथ संभावित बैठकों के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन द्विपक्षीय बैठकों के एजेंडे पर भी काम चल रहा है. उन्होंने कहा,'पीएम मोदी की द्विपक्षीय बैठकों पर विचार किया जा रहा है.'

रूस में भारतीय राजदूत विनय कुमार ने कहा,'इसके लिये अभी इंतजार करना होगा कि कौन सी बैठकें अंत में तय होती हैं. यह बैठक रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 20 महीनों से चल रहे युद्ध के साथ-साथ मिडिल ईस्ट में बिगड़ते संघर्ष के बीच हो रही है.'

Advertisement

इस समझौते के बाद बढ़ी वार्ता की उम्मीद

बता दें कि एक दिन पहले ही भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) पर अपने सैनिकों को पीछे हटाने और फिर से पेट्रोलिंग शुरू करने के लिए एक नए समझौते पर पहुंच गये हैं. कथित तौर पर यह समझौता देपसांग और डेमचोक इलाकों में पेट्रोलिंग से संबंधित है. इस जानकारी के सामने आने के बाद ही पीएम मोदी और शी जिनपिंग की द्विपक्षीय वार्ता की उम्मीद और बढ़ गई है.

जंग के बीच समाधान को लेकर होगी बात!

बातचीत के दौरान कुमार ने कहा,'शांति और संघर्ष समाधान के लिए भारत एक मजबूत वकील की भूमिका में है. इस मुद्दे पर चर्चा और बातचीत हुई है. भारत का हमेशा से यह मानना ​​रहा है कि संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का समाधान खोजने की जरूरत है. अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन आश्चर्य नहीं होगा अगर इस मुद्दे पर भी चर्चा की जाए.'

रूसी सेना में भारतीयों के मुद्दे पर कही ये बात

रूस-यूक्रेन जंग में शामिल होने के लिए गुमराह किए गए भारतीय नागरिकों के मुद्दे पर पूछे जाने पर कुमार ने कहा,'पीएम मोदी ने खुद इस मुद्दे पर राष्ट्रपति पुतिन से कई बार बात की है. रूसी सेना में भर्ती हुए ज्यादातर भारतीय नागरिकों को रिहा कर दिया गया है. हमारे हिसाब से 16-17 मामले लंबित हैं, जिन पर हम काम कर रहे हैं. यह मुद्दा समाधान की ओर बढ़ रहा है.'

Advertisement

BRICS के सदस्य देशों के साथ इन्हें मिला निमंत्रण

रूस (मेजबान), ब्राजील, चीन, मिस्र, इथियोपिया, भारत, ईरान, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, यूएई, अल्जीरिया, आर्मेनिया, अजरबैजान, बहरीन, बेलारूस, बोलीविया, कांगो, क्यूबा, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओस, मलेशिया, मॉरिटानिया, मेक्सिको, मंगोलिया, मोरक्को, निकारागुआ, श्रीलंका, ताजिकिस्तान, थाईलैंड, टर्की, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान, वेनेजुएला, वियतनाम, सर्बिया, फिलिस्तीन.

2006 में बना था ब्रिक्स

ब्रिक्स की स्थापना सितंबर 2006 में हुई थी और इसमें मूल रूप से ब्राजील, रूस, भारत और चीन (ब्रिक) शामिल थे. सितंबर 2010 में दक्षिण अफ्रीका को पूर्ण सदस्य के रूप में स्वीकार किए जाने के बाद इसका नाम बदलकर ‘ब्रिक्स’ कर दिया गया.ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के साथ ब्रिक्स वैश्विक अर्थव्यवस्था के एक चौथाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है और यह वर्षों से वैश्विक आर्थिक विकास का एक प्रमुख प्रेरक रहा है.

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

अब बिहार के उत्पादों की विदेशों में होगी धमक, हो जाएंगे मालामाल! ड्राईपोर्ट कंटेनर डिपो से रूस भेजी गई पहली खेप

संवाद सूत्र, बिहटा (पटना)। बिहार के औद्योगिक विकास को निर्यात के नए युग की शुरुआत हुई है। राज्य में उपजाऊ जमीन और विभिन्न उत्पाद तो हैं, लेकिन आयात-निर्यात में समस्या थी। अब बिहार से अंतरराष्ट्रीय व्यापार बढ़ाने के लिए आधारभूत संरचना से जुड़ी मुश

आपके पसंद का न्यूज

Subscribe US Now