अनुराग अग्रवाल, चंडीगढ़। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को राजनीति का चाणक्य ऐसे ही नहीं कहा जाता। उनमें कुछ तो बात है, जो हारी हुई बाजी को जीत में पलटने का हुनर रखते हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अमित शाह ने ही नायब सैनी को भाजपा का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था।
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत के समर्थक नौ विधायकों द्वारा उन्हें मुख्यमंत्री बनाने तथा अंबाला छावनी से सातवीं बार विधायक चुने गए पूर्व गृह मंत्री अनिल विज के स्वयं सीएम पद की दावेदारी ठोंकने के बाद भाजपा को लगा कि विधायक दल की बैठक में कुछ गड़बड़ हो सकती है। इसलिए नायब सैनी की राह की तमाम बाधाएं दूर करने को अमित शाह ने स्वयं मोर्चा संभाला और पर्यवेक्षक बनकर हरियाणा आए।
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