6 महीने में ही 26 से महज 9 पर आ गया इंडिया गठबंधन, ऐसे कैसे होगा मोदी से मुकाबला?

INDI Alliance In Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. हालांकि, केंद्र में विपक्षी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने वाली और प्रदेश के चुनाव में एनसी के स

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INDI Alliance In Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर के नए मुख्यमंत्री के रूप में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. हालांकि, केंद्र में विपक्षी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व करने वाली और प्रदेश के चुनाव में एनसी के साथ लड़ने वाली कांग्रेस उमर अब्दुल्ला सरकार का हिस्सा नहीं बनी. कांग्रेस ने सरकार को बाहर से समर्थन करने का फैसला लिया है.

श्रीनगर में डल झील के किनारे इंडिया गठबंधन का बड़ा शक्ति प्रदर्शन

श्रीनगर में डल झील के किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर में आयोजित उमर अब्दुल्ला सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में इंडिया ब्लॉक का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिला. लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती समेत कई सियासी दलों के नेताओं ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है.

उमर अब्दुल्ला सरकार से कांग्रेस बाहर, पीडीपी ने दिलाई वादों की याद

दूसरी ओर, कांग्रेस पार्टी के उमर अब्दुल्ला सरकार में शामिल नहीं होने और शपथ ग्रहण समारोह में अतिथि के तौर पर कम साथी दलों के प्रतिनिधित्व ने इंडिया गठबंधन की सियासी ताकत और एकजुटता पर सवाल भी खड़े किए हैं. क्योंकि, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शपथ के बाद मीडिया से बातचीत में नेशनल कांफ्रेंस सरकार को चुनावी वादे की याद दिलाई. उसे पूरा करने की मांग सामने रख दी.

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनी हुई सरकार, कई बड़ी खासियतें

जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस होने, अनुच्छेद 370 हटने, लद्दाख को अलग करने, केंद्रशासित प्रदेश बनने और नए परिसीमन के बाद में पहली चुनी हुई सरकार में नौशेरा से भाजपा के रविंदर रैना को हराने वाले सुरिंदर चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है. उमर अब्दुल्ला सरकार में जम्मू और कश्मीर दोनों क्षेत्रों से दो-दो मंत्री बनाए गए. इनमें एक महिला मंत्री भी शामिल हैं. अब्दुल्ला ने सीएम बनते ही उनकी आवाजाही के समय ट्रैफिक धीमा करने की कार्रवाई पर रोक लगा दी.

अब्दुल्ला का बेहतरीन सियासी वक्त, किन प्रमुख नेताओं को बुलावा?

उमर अब्दुल्ला के इस बेहतरीन सियासी वक्त में इंडिया गठबंधन में शामिल कई साथी दलों को न्योता नहीं दिए जाने की बात भी चर्चा में आई है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी (विपक्ष के नेता, कांग्रेस), मलिकार्जुन खड़गे (अध्यक्ष, कांग्रेस), ममता बनर्जी (मुख्यमंत्री, पश्चिम बंगाल), शरद पवार (अध्यक्ष, एनसीपी), अखिलेश यादव (अध्यक्ष, सपा), लालू प्रसाद यादव (राजद), एमके स्टालिन (डीएमके), उद्धव ठाकरे (शिवसेना), हेमंत सोरेन (झामुमो), महबूबा मुफ्ती (पीडीपी), भगवंत मान (मुख्यमंत्री, पंजाब) और अरविंद केजरीवाल (आप) जैसे नेताओं को प्रमुखता से न्योता भेजा गया था.

इंडिया गठबंधन के सभी सहयोगियों को न्योता, दिखी दोहरी चुनौती

दरअसल, समारोह में शामिल होने के लिए इंडिया ब्लॉक के सभी सहयोगियों को न्योता भेजे जाने की बात कही थी. लोकसभा चुनाव में मिली हल्की कामयाबी और हरियाणा में मिली हार के बाद कांग्रेस इसे इंडिया गठबंधन की ताकत और एकजुटता दिखाने के बड़े अवसर के रूप में देख रही थी. लेकिन इस समारोह में उनका प्रदर्शन कमजोर पड़ता दिखा. इसके बाद अब इंडिया ब्लॉक के सामने आने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर दोहरी सियासी चुनौती आती दिखी.

उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रमण समारोह में इंडिया के कई नेता मौजूद

अब्दुल्ला के न्योते पर समारोह में इंडिया ब्लॉक के कई नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, नेशनल कॉन्फ्रेस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव, पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, सीपीआई नेता डी राजा, एनसीपी (शरद पवार) की राज्यसभा सांसद सुप्रिया सुले, डीएमके सांसद कनिमोझी, सीपीएम नेता प्रकाश करात समेत कई बड़े नेताओं ने समारोह में मुस्कराती हुई तस्वीर खिंचवाई.

उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह में 26 की जगह महज 9 पार्टी

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरी बार कार्यभार संभालने जा रहे उमर अब्दुल्ला के साथ खड़ा महज नौ सदस्य संख्या वाला इंडिया गठबंधन छह महीने पहले लोकसभा चुनाव के समय 26 छोटे-बड़े सियासी पार्टियों का गठबंधन था. इनमें से कई दलों के नेता या पारंपरिक तौर पर दलों में दूसरी पंक्ति के प्रतिनिधि नदारद दिखे. ये राजनीतिक दल कई राज्यों से आते हैं. झारखंड, महाराष्ट्र जैसे चुनावी राज्यों और बिहार समेत कई राज्यों के राजनीतिक दल जैसे राजद, झामुमो, शिवसेना वगैरह के प्रतिनिधि को लोग तस्वीरों में तलाश रहे थे.

इंडिया गठबंधन की चर्चाओं पर उमर अबदुल्ला ने सफाई में क्या कहा?

इंडिया गठबंधन की इन्हीं चर्चाओं को भांपते हुए उमर अब्दुल्ला ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि कांग्रेस कैबिनेट से बाहर नहीं है. यह उन्हें तय करना है और हम उनके साथ चर्चा कर रहे हैं. अभी मैं मंत्रिपरिषद में सभी 9 पदों को नहीं भरूंगा. क्योंकि हम कांग्रेस के साथ बातचीत कर रहे हैं. एनसी और कांग्रेस के बीच सब कुछ ठीक है. अन्यथा खड़गे जी, राहुल जी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता यहां नहीं आते. उनकी उपस्थिति इस बात का संकेत है कि गठबंधन मजबूत है और हम (राज्य के) लोगों के लिए काम करेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे और सपा प्रमुख अखिलेश ने किया सियासी बचाव

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'मैं यहां उमर अब्दुल्ला को बधाई देने आया हूं. हमें खुशी है कि हमारा गठबंधन सहयोगी सीएम बना और लंबे समय के बाद यहां लोकतंत्र स्थापित हुआ है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यहां राज्य का दर्जा बहाल हो.' वहीं, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, (यहां सरकार बनाना) महत्वपूर्ण था और अधिकार मिलना उससे भी ज्यादा जरूरी है. कई राजनीतिक दलों के प्रमुखों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उमर अब्दुल्ला को बधाई देने का सियासी रस्म पूरा किया.

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इंडिया गठबंधन पर नहीं दिखे कई सहयोगी दलों के नेता या प्रतिनिधि

दूसरी ओर, इंडिया गठबंधन में प्रमुख 26 सियासी दलों में कई दल उमर अब्दुल्ला के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान हुए शक्ति प्रदर्शन में नहीं दिखा. हालांकि, वीकीपीडिया पर इंडिया गठबंधन के पेज के मुताबिक, इस अलायंस में कांग्रेस, माकपा, आप, सपा, द्रमुक, शिवसेना (यूबीटी), राकांपा (शरद पवार),झामुमो, राजद,तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, भाकपा माले,जम्मू और कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस, वीसीके, आईयूएमएल, आरएसपी, एम द्रमुक, एफाईएफबी,केसी (एम), रालोपा, केसी, पीडब्ल्यूपीआई, पीडीपी, एमेमके, केएमडीके, आरडी,एजेपी, एजीएम, बीजपीएम, एमएनएम, जीएफपी, जेडएनपी, एमपीसी, एमडी, आरएलपी, एचपी,पीएलपी, जेडीए, एसजीपी, आईएनएल कुल 39 दलों के नाम दर्ज हैं.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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