इन स्पेशल छात्रों को भी मिलेगा MBBS में एडमिशन, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- NMC अपने नियम बदले

4 1 6
Read Time5 Minute, 17 Second

सुप्रीम कोर्ट ने 40-45% बोलने और भाषा द‍िव्यांगता (Speech and Language Disability) वाले उम्मीदवारोंको MBBS में प्रवेश लेने का हकदार माना है. अपने एक आदेश में सर्वोच्च न्यायालय ने इसके पीछे की वजह भी बताई है. जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि बेंचमार्क विकलांगता का अस्तित्व ही किसी उम्मीदवार को MBBS कोर्स करने से नहीं रोक सकता है. विकलांगता मूल्यांकन बोर्ड द्वारा एक रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए कि उम्मीदवार चिकित्सा शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि एनएमसी (नेशनल मेडिकल कमीशन) के वे नियम, जो सभी प्रकार की विकलांगता वाले उम्मीदवारों को मेडिकल शिक्षा से बाहर करते हैं, बहुत सख्त हैं. अदालत ने एनएमसी को निर्देश दिया है कि वे इन नियमों को बदलें और द‍िव्यांगवर्ग केउम्मीदवारों के लिए अधिक समावेशी और सहायक दृष्टिकोण अपनाएं.

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार, 18 सितंबर को एक उम्मीदवार को, जिसकी वाणी और भाषा से जुड़ी 45% दिव्यांगता है, MBBS पाठ्यक्रम में प्रवेश की अनुमति दी थी. कोर्ट के द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड ने यह कहा था कि वह उम्मीदवार मेडिकल शिक्षा प्राप्त करने में सक्षम है, इसलिए उसे एडमिशन दिया जा सकता है. कोर्ट ने निर्देश दिया कि उम्मीदवार को उस सीट पर एडमिशन दिया जाए, जिसे पहले खाली रखा गया था.

लाइव लॉ के अनुसार, याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा बनाए गए 'ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन रेगुलेशन, 1997' को चुनौती दी थी, जिसमें कहा गया था कि 40% या उससे ज्यादा दिव्यांगता वाले लोग MBBS कोर्स के लिए पात्र नहीं होंगे. उन्होंने तर्क दिया कि यह नियम दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 32 का उल्लंघन करता है और यह भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 19(1)(जी), 21 और 29(2) के खिलाफ है. याचिकाकर्ता ने इस नियम को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की थी.

Advertisement

याचिकाकर्ता ने अदालत के सामने बताया कि उनकी एडमिशन सीट रद्द कर दी गई थी क्योंकि उन्हें 44-45% बोलने और भाषा संबंधी दिव्यांगता है. उन्होंने कहा कि उनकी दिव्यांगता से उनकी पढ़ाई में कोई रुकावट नहीं आएगी क्योंकि उन्हें कोई "कार्यात्मक कमी या अयोग्यता" नहीं है. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि केंद्रीकृत एडमिशन प्रक्रिया (CAP) के पहले राउंड के परिणाम 30 अगस्त को घोषित होने वाले हैं, जबकि हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई 19 सितंबर तक टाल दी. और अब सुप्रीम

Live TV

\\\"स्वर्णिम
+91 120 4319808|9470846577

स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.

मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Laptops | Up to 40% off

अगली खबर

दिल्ली से शिकागो जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट कनाडा डायवर्ट, बम की मिली थी धमकी

News Flash 15 अक्टूबर 2024

दिल्ली से शिकागो जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट कनाडा डायवर्ट, बम की मिली थी धमकी

Subscribe US Now