बंबीहा-कौशल गैंग, लकी पटियाल, नीरज बवाना... ये गैंगस्टर हैं लॉरेंस विश्नोई के जानी दुश्मन

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मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद हड़कंप मचा हुआ है. इस हत्याकांड में लॉरेंस विश्नोई का नाम सामने आया है. लॉरेंस विश्नोई से जुड़े कई किस्से सामने आ रहे हैं. जेल में बैठकर जिस तरह से विश्नोई बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम दे रहा है उससे हर ओर कोई हैरान है. विश्नोई का अगला टारगेट कौन होगा इसको लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन कई ऐसी गैंग भी हैं जिनके लिए लॉरेंस विश्नोई उनका दुश्मन नंबर-1 है.

बंबीहा गैंग मानता है विश्नोई को दुश्मन नंबर-1

लॉरेंस विश्नोई और बंबीहा गैंग की दुश्मनी के चर्चे आम है.बंबीहा गैंग के कई सदस्यों को लॉरेंस विश्नोई अपना दुश्मन नंबर-1 मानता है. कहा जाता है कि बंबीहा गैंग की कमान सुखप्रीत सिंह बुड्ढा के पास है. लॉरेंस अपने साथी अमित शरण की हत्या के लिए सुखप्रीत को जिम्मेदार मानता है.

लकी पटियाल भी लिस्ट में शामिल...

लकी पटियाल और लॉरेंस की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है. दोनों एक दूसरे को लेकर आग उगलते रहे हैं. लॉरेंस लकी पटियाल को मिड्डूखेड़ा की हत्या का जिम्मेदार मानता है. रिपोर्ट्स के अनुसार, लॉरेंस ने पूछताछ में कहा था कि वह लकी पटियाल से बदला जरूर लेगा.

कौशल गैंग...

कौशल चौधरी से लॉरेंस बिश्नोई की दुश्मनी किसी से छिपी नहीं है. लॉरेंस मिड्डूखेड़ा की हत्या में शामिल हत्यारों को हथियार सप्लाई करने का जिम्मेदार कौशल को ही मानता है. इसके बाद से ही लॉरेंस ने तय कर लिया था कि वो कौशल चौधरी को नहीं छोड़ेगा. वहीं, मूसेवाला हत्याकांड के बाद कौशल ने भी लॉरेंस को लेकर धमकी दी थी. कौशल ने कहा था कि वो लॉरेंस को नहीं छोड़ेगा.

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नीरज बवाना से है लॉरेंस की दुश्मनी

बताते हैं कि नीरज बवाना भी बंबीहा गैंग से जुड़ा था. जिसकी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से दुश्मनी है. नीरज बवाना (दिल्ली), कौशल चौधरी (गुरुग्राम), सुनील उर्फ टिल्लू ताजपुरिया (आउटर दिल्ली) गैंग बंबीहा ग्रुप के दोस्त हैं. बताया जाता है कि बंबीहा गैंग से मूसेवाला का संपर्क था. इसलिए उनके विरोधी बिश्नोई गैंग ने सिद्धू की हत्या करवाई. मूसेवाला की हत्या के बाद नीरज बवाना ने भी लॉरेंस के हत्या की कसम खाई है.

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जग्गू भगवानपुरिया भी मानता है अपना दुश्मन

जग्गू भगवानपुरिया 2015 से जेल में बंद है. उसपर तस्करी समेत कई आरोप हैं. बताते हैं कि मूसेवाला हत्याकांड में जग्गू का नाम सामने आया था. पुलिस ने उससे पूछताछ भी की थी. बताते हैं कि इस पूछताछ के दौरान जग्गू ने लॉरेंस और गोल्डी बराड़ से जुड़ी कुछ जानकारियां साझा कर दी थीं. इसके बाद से लॉरेंस और उसके रिश्ते में खटाल आ गई.

कैसे क्राइम में आया लॉरेंस

छात्र राजनीति से क्राइम की दुनिया तक इंटरनेट पर लॉरेंस बिश्नोई के बारे में जो जानकारी मौजूद है, उसके मुताबिक वो 12 फरवरी 1993 को पैदा हुआ था. उसके पिता हरियाणा पुलिस में सिपाही थे. पांच साल में ही उन्होंने रिटायरमेंट ले लिया और खेती-बाड़ी शुरू कर दी. लॉरेंस बिश्नोई का असली नाम सतविंदर सिंह बताया जाता है. उसके माता-पिता चाहते थे कि वो गांव से बाहर निकले, इसलिए चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल में उसका एडमिशन कराया गया.

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लॉरेंस को एथलेटिक्स में इंट्रेस्ट था, इसलिए वो पंजाब यूनिवर्सिटी भी आने-जाने लगा. 2007 में उसने लॉ की पढ़ाई के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, 2008 में पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्र संघ के चुनाव में लॉरेंस का दोस्त रॉबिन बराड़ खड़ा हुआ. तब सामने खड़े उम्मीदवार को धमकाने के मकसद से लॉरेंस ने अपने दोस्त की लाइसेंसी रिवॉल्वर से उसे गोली मार दी.

पुलिस ने लॉरेंस और उसके दोस्तों के खिलाफ अटेम्प्ट टू मर्डर का केस दर्ज किया. इस कारण लॉरेंस को दो महीने जेल में बिताने पड़े. उसके जेल में रहने के कारण रॉबिन चुनाव हार गया. जेल से बाहर आने के बाद लॉरेंस ने जीते हुए उम्मीदवार के भाई पर गोली चला दी और उस पर अटेम्प्ट टू मर्डर का एक और केस दर्ज हो गया. जेल में रहते हुए वो कई अपराधियों से मिला और यहीं से क्राइम की दुनिया में उसकी एंट्री हुई.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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