World Student Day 2024- क्यों एपीजे अब्दुल कलाम के लिए पूरी दुनिया हर साल मनाती है वर्ल्ड स्टूडेंट डे

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हर साल 15 अक्टूबर को वर्ल्ड स्टूडेंट डे मनाया जाता है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जन्मदिन के उपलक्ष्य में समर्पित है. डॉ. कलाम का पूरा जीवन छात्रों और शिक्षा के प्रति समर्पित था, और उन्होंने हमेशा युवाओं को प्रेरित करने का काम किया है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य छात्रों के महत्व और उनकी भूमिकाओं को स्वीकार करना और उन्हें प्रेरित करना है.

डॉ. कलाम का जीवन छात्रों के लिए प्रेरणादायक था. उन्होंने न केवल विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में असाधारण योगदान दिया, बल्कि उन्होंने छात्रों को हमेशा सपने देखने और उन्हें साकार करने के लिए प्रेरित किया. उनका मानना था कि युवा किसी भी राष्ट्र के भविष्य का निर्माण करते हैं और उनका सही मार्गदर्शन करना बेहद जरूरी है.

वर्ल्ड स्टूडेंट डे मनाने का उद्देश्य छात्रों के प्रति समाज की जिम्मेदारी को दर्शाना और शिक्षा के महत्व को उजागर करना है. डॉ. कलाम का संदेश था कि छात्रों को न केवल अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए, बल्कि उन्हें उच्च आदर्शों और मूल्यों से भी प्रेरित होना चाहिए. उन्होंने कहा था कि "शिक्षा का असली उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण और समाज में सकारात्मक योगदान देना भी है."

डॉ. कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था. उन्होंने अपना जीवन विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान में समर्पित किया और भारत के मिसाइल कार्यक्रम के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्हें भारतीय मिसाइल तकनीक के "मिसाइल मैन" के नाम से जाना जाता है. उनके नेतृत्व में भारत ने अग्नि और पृथ्वी जैसी प्रमुख मिसाइलों का सफल परीक्षण किया, जिससे देश की रक्षा प्रणाली को मजबूती मिली. डॉ. कलाम की एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के परमाणु परीक्षणों में उनकी भूमिका थी. 1998 में पोखरण में सफलतापूर्वक किए गए परमाणु परीक्षणों के बाद भारत परमाणु शक्ति संपन्न देशों में शामिल हुआ, जिसमें कलाम की प्रमुख भूमिका थी.

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डॉ. कलाम के प्रेरणादायक ज्ञान- FAIL का मतलब असफलता नहीं

डॉ. कलाम ने छात्रों को हमेशा प्रोत्साहित किया और उन्हें बहुमूल्य ज्ञान दिया. उनका कहना था कि "अगर आप असफल होते हैं, तो कभी हार न मानें क्योंकि F.A.I.L. का अर्थ है 'सीखने में पहला प्रयास (First Attempt In Learning)' अंत अंत नहीं है (End is not the end), दरअसल ई.एन.डी. का अर्थ है 'प्रयास कभी नहीं मरता.' यदि आपको जवाब में 'NO' मिलता है, तो याद रखें कि एन.ओ. का अर्थ है 'नेक्स्ट अपॉर्चुनिटी' तो, आइए पोजिटिव सोच बनाए रखें." पिछले कुछ सालों से असफलता की वजह से या फेल होने के डर से जिंदगी को ही हार समझ रहे हैं. खासकर राजस्थान के कोटा में छात्र आत्महत्या एक बड़ी समस्या बन रही है. इस साल सितंबर तक ही 27 छात्रों ने सुसाइड कर लिया है, जिसकी वजह से वहां रहकर प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों का भी मनोबल टूट रहा है. ऐसे में डॉ. अब्दुल कलाम का यह विचार उन्हें नई सोच, नई राह और नई जिंदगी देने वाला है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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