इजरायली सेना का 98वां डिवीजन, जिसने लेबनान को किया धुआं-धुआं, नाम सुन कांपता है हिजबुल्लाह!

तेल अवीव: इजरायली सेना यानी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने पिछले दो हफ्तों में लेबनान को धुआं-धुआं कर दिया है। इन हमलों का सबसे ज्यादा असर दक्षिणी लेबनान और राजधानी बेरूत में देखा जा रहा है। दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले करने के बाद इजरायली सेना

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तेल अवीव: इजरायली सेना यानी इजरायल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने पिछले दो हफ्तों में लेबनान को धुआं-धुआं कर दिया है। इन हमलों का सबसे ज्यादा असर दक्षिणी लेबनान और राजधानी बेरूत में देखा जा रहा है। दक्षिणी लेबनान में हवाई हमले करने के बाद इजरायली सेना का ग्राउंड ऑपरेशन जारी है। इस ऑपरेशन की कमान इजरायल डिफेंस फोर्सेज के 98वें डिवीजन को सौंपा गया है। चंद दिनों पहले ही आईडीएफ ने 98वें फायर डिवीजन के सैनिकों की फुटेज जारी की थी। आईडीएफ की इस यूनिट को काफी खतरनाक माना जाता है।

IDF का 98वां डिवीजन कितना शक्तिशाली


98वें 'हाएश' (हिब्रू-'आग') पैराट्रूपर्स डिवीजन की स्थापना 1974 में योम किप्पुर युद्ध के बाद की गई थी। इसका उद्देश्य लेबनान और सीरिया से आने वाले खतरों से इजरायल की सीमाओं की रक्षा करना था। यह एलीट रिजर्व इन्फेंट्री डिवीजन इजरायली सेना का हिस्सा है। इसमें और इसमें इन्फेंट्री, ऑर्मर्ड और आर्टिलरी यूनिट के साथ-साथ पैराट्रूपर्स ब्रिगेड और कमांडो ब्रिगेड सहित कई ब्रिगेड शामिल हैं।

पहले भी लेबनान को तबाह कर चुका है यह डिवीजन


आईडीएफ के 98वें डिवीजन को गाजा पट्टी से ट्रांसफर कर लेबनान की सीमा पर फिर से तैनात किया गया था। यह डिवीजन अक्टूबर 2023 से गाजा पट्टी में ऑपरेशन कर रहा था। इस डिवीजन ने 1982 में प्रथम लेबनान युद्ध और 2006 में द्वितीय लेबनान युद्ध में भाग लिया, जिसमें इसके सैनिकों ने बेरूत और उसके दक्षिणी उपनगरों में लड़ाई में शामिल होने के साथ-साथ सैदा शहर को भी घेर लिया था।

98वें डिवीजन पर लगे हैं गंभीर आरोप


लेबनान में हुए युद्धों के दौरान कथित उत्पीड़न की घटना की जांच करने वाले इजरायली काहेन आयोग के अनुसार, प्रथम लेबनान युद्ध के दौरान, 98वां डिवीजन सबरा और शतीला फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों को घेरने में शामिल था। इस दौरान लेबनानी काटेब यूनिट के लड़ाकों (दक्षिणपंथी ईसाई बलों) ने दोनों शिविरों में जातीय नरसंहार को अंजाम दिया था। 16-18 सितंबर, 1982 के दौरान हुए नरसंहार के परिणामस्वरूप, लगभग 800 नागरिकों की जान चली गई थी।

हिजबुल्लाह के खिलाफ लड़ रहा यह डिवीजन


2006 के दूसरे लेबनान युद्ध में भी डिवीजन के काम की आलोचना हुई थी, क्योंकि जज एलियाहू विनोग्राद के नेतृत्व में इजरायल सरकार द्वारा नियुक्त आयोग ने निष्कर्ष निकाला था कि 98वीं ने अपने परिचालन कार्यों को पूरी तरह से अंजाम नहीं दिया। हालांकि, इजरायल सरकार ने आयोग की रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया। यह डिवीजन एक बार फिर लेबनान की जमीन पर हिजबुल्लाह के खिलाफ जंग लड़ रही है।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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