दिल्ली में 5000 करोड़ का ड्रग्स कारोबार और दुबई में बैठे बसोया ने ऐसे रचा था पूरा मायाजाल

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एक नहीं, दो नहीं, तीन नहीं बल्कि पूरे पांच हजार करोड़ रुपये काड्रग्सकारोबार देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा था और किसी को इसकी खबर तक नहीं थी. अब ड्रग्स के इस इंटरनेशनल रैकेट का जोपर्दाफाश हुआ है उसकी कहानीआपको चौंका देगा.

दरअसल दिल्ली में काफी बड़े पैमाने पर चल रहे म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स के कारोबार के तार अब दुबई से जुड़ गए हैं. कारोबार तो देश की राजधानी दिल्ली में चल रहा था लेकिन इसे कंट्रोल दुबई में बैठा एक शख्स कर रहा थाजिसका नाम वीरेंद्र बसोया है.

वीरेंद्र बसोया का राजनीतिक रसूख

राजनीतिक रसूख रखने वाले इस इंटरनेशनल ड्रग्स रैकेट के मुखिया वीरेंद्र बसोया के खिलाफ ये खुलासा उन आरोपियों की गिरफ्तार के बाद हुआ है जिन्हें पुलिस ने दबोचा था. आपको जानकर हैरानी होगी की बसोया के इसे काले साम्राज्य का नेटवर्क लंदन से लेकर दुबई तक कई देशों में फैला हुआ था.

अभी तक जो जांच हुई है उसमें पुलिस को पता चला है कि साउथ दिल्ली के सरोजनी नगर का रहने वाले वीरेंद्र बसोया इस रैकट का सरगना है और वो दुबई में बैठकर आराम से भारत मेंड्रग्स के धंधे को कंट्रोल कर रहा है.

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2023 में पहली बार सामने आया था नाम

ड्रग्स के इस काले कारोबार में वीरेंद्र बसोया का नाम पहली बार उस वक्त सामने आया था जब साल 2023 में पुणे पुलिस ने 3 हजार करोड़ की म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स पकड़ी थी, उस ड्रग्ससिंडीकेट में भी वीरेंद्र बसोया की बेहद अहम भूमिका थी.

पूर्व विधायक की बेटी बनी बसोया की बहू

उस वक्त जब पुणे पुलिस ने उसके नाम का खुलासा किया तो वीरेंद्र बसोया दिल्ली से दुबई भाग गया था. आप उसके रसूख का अंदाजा इस बातसे ही लगा सकते हैं कि वीरेंद्र बसोया की बहू एक पूर्व विधायक की बेटी है जिसकी शादी दिल्ली के फार्म हाउस में हुई थी.

हर डिलीवरी पर चार करोड़

ड्रग्स के इस बड़े रैकेट में गिरफ्तार तुषार गोयल और वीरेंद्र बसोया एक दूसरे के करीबी हैं. बसोया ने ड्रग्स की डील में हर डिलीवरी पर तुषार को 4 करोड़ रुपए देने की बात कही थी. अब इस ड्रग्स सिंडीकेट का पता चलने के बाद दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के रडार पर मुंबई, पुणे समेत कई राज्यों के ड्रग्समाफिया हैं. इस मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक कुल पांच गिरफ्तारी की है जिसमें एक अमृतसर से, जबकि तुषार समेत बाकी चार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है.

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बसोया को वापस देश लाने की तैयारी में दिल्ली पुलिस

अब पुलिस इस पूरे मॉड्यूल को खत्म करने के लिए विदेश में बैठे ड्रग्स गैंग के सरगना वीरेंद्र बसोया को देश वापस लाना चाहती है जिसके लिए अधिकारी गृह मंत्रालय के संपर्क में हैं. अब आप ये भी जान लीजिए की आखिर म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स क्या होता है.

म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स क्या होता है ?

म्याऊं-म्याऊं ड्रग्स का असली नाम मेफेड्रोन (Mephedrone) है, जो एक सिंथेटिक पदार्थ है और इसे नशीली दवाओं के रूप में उपयोग किया जाता है. इसे म्याऊं-म्याऊं इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसका नशा करने वालों पर तीव्र और हल्की उत्तेजना का प्रभाव पड़ता है. यह ड्रग्सहेरोइन और कोकीन की तुलना में सस्ता है, लेकिन इसकी नशे की क्षमता बहुत अधिक होती है.


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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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