ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है. इस बीच लोगों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या ईरान परमाणु बम बनाने के करीब है? इस मसले पर इंडिया टुडे और आजतक के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल ने प्रसिद्ध मध्य पूर्व विशेषज्ञ और जॉन्स हॉपकिन्स स्कूल ऑफ एडवांस्ड इंटरनेशनल स्टडीज के वरिष्ठ फेलो प्रोफेसर वली नसर से सवाल किया कि क्या ईरान के पास परमाणु हथियार बनाने की वास्तविक क्षमता है?
इस पर प्रोफेसर नसर ने कहा कि ईरान फिलहाल अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत की स्थिति में है. उसका मौजूदा परमाणु कार्यक्रम आधिकारिक रूप से उसके नागरिक उपयोग के लिए है, लेकिन अगर इजरायल ने इस पर हमला किया, तो यह स्थिति बदल सकती है.' प्रोफेसर नसर ने स्पष्ट किया कि ईरान के परमाणु ठिकानों को बंकर-बस्टर बमों से भी नष्ट करना मुश्किल है, क्योंकि वे भूमिगत और पहाड़ी इलाकों में स्थित हैं.
राहुल कंवल ने एक और सवाल किया कि अगर इजरायल इस पर हमला करता है, तो ईरान की प्रतिक्रिया क्या होगी? इस पर नसर ने बताया कि ईरान न केवल अपने परमाणु कार्यक्रम को और गहराई से छिपा सकता है, बल्कि वह परमाणु अप्रसार संधि से भी बाहर हो सकता है. इसके अलावा वो खुद को परमाणु शक्ति भी घोषित कर सकता है.'
अगर ऐसा हुआ तो तुर्की, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देश भी इस दौड़ में शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा इजरायल के लिए यह सबसे बड़ा रणनीतिक खतरा होगा, क्योंकि इससे पूरे मध्य पूर्व में परमाणु शस्त्रीकरण की दौड़ शुरू हो सकती है.
साथ ही प्रोफेसर नसर ने यह भी बताया कि यदि ईरान परमाणु हथियार बनाने में सफल हो जाता है तो इजरायल के लिए यह स्थिति बेहद खतरनाक होगी. अभी तक इजरायल ने पूरे क्षेत्र में अपना सैन्य प्रभुत्व बनाए रखा है. ऐसे में ईरान का परमाणु शक्ति बनना पूरे क्षेत्र के लिए संतुलन को बदल कर रख देगा.
ईरान का परमाणु कार्यक्रम एक बड़ी चुनौती बन चुका है और इजराइल के लिए यह एक गंभीर खतरा है. अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को और विकसित करता है या परमाणु हथियार बनाने में सफल होता है, तो यह पूरे मध्य पूर्व में अस्थिरता पैदा कर सकता है. इजराइल के पास सीमित विकल्प हैं. अगर वह सैन्य कार्रवाई करता है तो स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
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