5600 करोड़ के ड्रग्स रैकेट के किंगपिन संग कांग्रेस नेताओं की तस्वीरें, BJP के आरोपों पर पार्टी ने दी ये सफाई

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कांग्रेस पार्टी ने दिल्ली के सबसे बड़े ड्रग भंडाफोड़ के कथित सरगना तुषार गोयल के साथ किसी भी तरह के संबंध होने से इनकार किया है. अपराधी तुषार गोयल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अक्टूबर 2022 में ही दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस आरटीआई विभाग से हटा दिया गया था. 17 अक्टूबर 2022 के बाद से तुषार गोयल कभी-भी युवा कांग्रेस संगठन के नहीं जुड़ा है. पुलिस ने इस मामले में तुषार समेत अंतरराष्ट्रीय गिरोह के तीन अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है.

दरअसल, बुधवार को दक्षिणी दिल्ली में की गई छापेमारी में 5,600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 500 KG से अधिक कोकीन और 40 KG हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त करने के बाद मुख्य आरोपी तुषार गोयल को गिरफ्तार किया था.

बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा

इसी मामले को लेकर गुरुवार को BJP ने एक्स पर कुछ पुरानी तस्वीरें साझा करते हुए युवा कांग्रेस पर कटाक्ष कर लिखा, देश के युवाओं को सीधे नशे में धकेलने वाले इतने बड़े ड्रग्स कांड के आरोपी, तुषार गोयल, 'इंडियन यूथ कांग्रेस' के RTI सेल के चीफ के साथ कांग्रेस के आधिकारिक पदाधिकारियों का सीधा संबंध दिखाता है कि अगर इन्हें थोड़ी सी भी शक्ति मिली, तो ये देश को किस गर्त में धकेल देंगे... ऐसे खतरनाक इरादे रखने वाली कांग्रेस से सावधान रहे, सतर्क रहें!

कांग्रेस ने बीजेपी पर किया पलटवार

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कांग्रेस ने बीजेपी की इस पोस्ट पर पलटवार करते हुए एक्स पर लिखा, झूठ, प्रपंच के आधार पर देश को गुमराह करना बंद करें, क्योंकि ये कानूनन अपराध है और इंडिया यूथ कांग्रेस सेल द्वारा जल्द ही कानूनन इसका जवाब दिया जाएगा.

यूथ कांग्रेस ने आगे बीजेपी पर कुछ फैक्स छिपाने का आरोप लगाते हुए एक्स पर लिखा, अपराधी तुषार गोयल को पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अक्टूबर 2022 में ही दिल्ली प्रदेश युवा कांग्रेस आरटीआई विभाग से हटा दिया गया था. 17 अक्टूबर 2022 के बाद, उक्त तुषार गोयल कभी भी युवा कांग्रेस संगठन के साथ किसी भी क्षमता में कभी नहीं जुड़ा रहा.

दिल्ली पुलिस के हवाले से मीडिया में जारी जानकारी का हवाला देते हुए कहा, ''तुषार गोयल ने खुद स्वीकार किया है कि वह 2021-22 के बाद कभी भी युवा कांग्रेस से जुड़े नहीं थे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी और बीजेपी आईटी सेल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तथ्यों को छिपाते हुए उन्हें युवा कांग्रेस का वर्तमान पदाधिकारी बताया गया. जो स्पष्ट रूप से भारतीय युवा कांग्रेस संगठन की छवि को धूमिल करने का कुंठित प्रयास है, जिसके खिलाफ हम कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य हैं.

युवा कांग्रेस ने तर्क दिया कि हमारे नेताओं के साथ उक्त अपराधी की तथाकथित तस्वीरें दिखाते समय आप लोगों ने जानबूझकर तुषार गोयल की भाजपा नेताओं के साथ तस्वीरें छिपाईं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि यह पूरी कहानी हरियाणा चुनाव को देखते हुए गढ़ी गई थी.

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यह इंगित करते हुए कि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अधीन है, पार्टी ने उससे “अपराधी” को कड़ी से कड़ी सजा देने और चुनिंदा और गलत तथ्यों के आधार पर इस फर्जी अभियान को नहीं चलाने का आग्रह किया. कांग्रेस ने कहा, "क्योंकि हमारा संगठन कभी भी आप लोगों की तरह बलात्कारी बृजभूषण जैसे अपराधियों का बचाव नहीं करता है."

इससे पहले गोयल ने कथित तौर पर पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि उन्होंने 2022 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के लिए आरटीआई सेल के अध्यक्ष के रूप में काम किया था. जांच टीम को ये भी पता चला कि आरोपी के पास एक सोशल मीडिया अकाउंट भी था, जहां उसने अपने नाम के साथ आरटीआई अध्यक्ष का पद जोड़ रखा था. ये जानकारी बाहर आने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.

चार आरोपी गिरफ्तार

वहीं, दिल्ली पुलिस ने बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त करने के सिलसिले में तुषार गोयल समेत हिमांशु कुमार, औरंगजेब सिद्दीकी और भरत कुमार जैन चार लोगों को गिरफ्तार किया था.

पुलिस के अनुसार, कोकीन को विभिन्न राज्यों से सड़क के रास्ते से दिल्ली में तस्करी कर लाया गया था, जबकि गांजा की उत्पत्ति थाईलैंड के फुकेत से हुई थी. आरोपियों ने कथित तौर पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जांच से बचने के लिए क्रिप्टो करेंसी का इस्तेमाल किया था.

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जांच से जुड़े सूत्रों ने कोकीन की खेप के पीछे दुबई स्थित एक प्रमुख व्यवसायी की संलिप्तता का संकेत के बारे में जानकारी दी है. जिसके बारे में जांचकर्ताओं का मानना है कि इसे राजधानी में हाई-प्रोफाइल पार्टियों में सप्लाई किया जा रहा था.

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “ड्रग कार्टेल का सरगना पश्चिम एशियाई देश से भारत में अपना अभियान चला रहा है.” उन्होंने कहा कि ड्रग सिंडिकेट में शामिल सभी संदिग्धों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के कोशिश जारी है.

मामला नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दर्ज किया गया है और रिकॉर्ड-सेटिंग ड्रग भंडाफोड़ के पीछे पूरे नेटवर्क की जांच जारी है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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