दिहाड़ी मजदूर के बेटे की IIT की फीस जमा करेगीयोगी सरकार, ये विभाग उठाएगा पूरा खर्च

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दिहाड़ी मजदूर के बेटे के IIT धनबाद में सेलेक्शन होने के बाद फीस जमा नहीं हो पाने के मामले में अब योगी सरकार ने उसका जिम्मा उठाया है. उत्तर प्रदेश सरकार अब आईआईटी धनबाद में एडमिशन पाने वाले अतुल कुमार की मदद करेगी. यूपी के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने छात्र अतुल और उनके पिता राजेंद्र कुमार से फोन पर बात करके उन्हें पूरी मदद करने का आश्वासन द‍िया.

अतुल कुमार का आईआईटी का शुरुआती खर्च समाज कल्याण विभाग के द्वारा उठाया जाएगा. छात्रवृत्ति योजना के तहत समाज कल्याण विभाग आईआईटी की पूरी फीस स्कॉलरशिप के जरिए देकर मदद करेगा. यूपी सरकार की तरफ से छात्रवृत्ति योजना के तहत स्कॉलरशिप दी जाएगी. मंत्री असीम अरुण ने परिवार से बात करने के बाद एडमिशन फीस जमा करने की कार्रवाई भी शुरू हो गई है. आईआईटी धनबाद से भी समाज कल्याण व‍िभाग से बात करके एडमिशन दिलाने में मदद करेगी.

गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर के खतौली के टिटोडा गांव के रहने वाले दिहाड़ी मजदूर राजेंद्र कुमार के बेटे अतुल को आईआईटी धनबाद में मिला एडमिशन फीस जमा नहीं होने के कारण अटक गया था. वह इस मामले को लेकरसुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसले में आईआईटी धनबाद को निर्देश दिया कि वे उस दलित स्टूडेंट को दाखिला दें, जिसे समय सीमा पर फीस जमा न कर पाने की वजह दाखिला नहीं मिल सका था.

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के रहने वाले और दिहाड़ी मजदूर के बेटे 18 वर्षीय अतुल कुमार ने, अपनी आखिरी कोशिश में जेईई परीक्षा पास की थी. उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में सीट अलॉटकी गई थी लेकिन 24 जून की समय सीमा तक फीस जमा न करा पाने की वजह से उसे अपनी सीट गंवानी पड़ी थी.

अतुल के वकील के मुताब‍िक उनके पिता 450 रुपये दिहाड़ी कमाते हैं. उन्होंने बताया, "17,500 रुपये का बंदोबस्त करना उनके लिए बहुत बड़ा काम था. पिता ने यह रकम गांव वालों से जुटाई." आईआईटी धनबाद के वकील ने दावा किया कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) ने अतुल कुमार को एसएमएस भेजा और आईआईटी ने उन्हें दो व्हाट्सएप चैट के जरिए पेमेंट करने की जानकारी दी थी. वकील ने कहा, “वह हर दिन लॉगिन करता था.”

'आदेश देते हैं कि दाखिला दिया जाए'

इस पर जस्टिस पारदीवाला ने आईआईटी धनबाद सेकहा था कि आप इतना विरोध क्यों कर रहे हैं? रास्ता निकालने की कोशिश क्यों नहीं करते? सीट अलॉटमेंट की पर्ची दिखातेहै कि आप चाहते थे कि वह पेमेंट करे?और अगर उसने कियातो कुछ और की जरूरत नहीं था.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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