तिरुपति बालाजी में चढ़ाए गए 500-600 टन बालों का आखिर क्या होता है? जानकर रह जाएंगे हैरान

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इस समय तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद और लड्डुओं में मिलावट का मामला बहुत ही ज्यादा चर्चा में बना हुआ है. एक रिपोर्ट में पता चला है कि जो प्रसाद भक्तों में बांटा जाता है, उसमें घी की जगह सूअर की चर्बी, बीफ टालो आदि का इस्तेमाल होता था.

दरअसल, तिरुपति बालाजी मंदिर को भारत के सबसे चमत्कारी मंदिरों में से एक माना जाता है. तिरुमाला या तिरुपति बालाजी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले के तिरुपति के पास तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित है, जहां पर भगवान श्री हरि विष्णु के श्री वेंकटेश्वर रूप की पूजा-उपासना की जाती है.हर साल, तिरुपति बालाजी मंदिर में लाखों की संख्या में भक्त यहां आकर दान करते हैं जिसके कारण ये अमीर मंदिरों में से एक कहलाता है.

तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वाराबाल दान करने कीभी मान्यता है. तो आइए जानते है आखिर क्यों तिरुपति बालाजी मंदिर में बालों का दान किया जाता है और दान किए हुए बालों की नीलामी की जाती है. जानते हैं इसके पीछे का खास कारण.

क्यों होता है तिरुपति बालाजी मंदिर में बालों का दान

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तिरुपति बालाजी मंदिर में बाल दान करने की एक प्रथा प्रचलित है. ऐसी मान्यता है कि बाल व्यक्ति का बहुत ही खास हिस्सा होता है इसलिए अगर कोई व्यक्ति तिरुपति बालाजी में जाकर बालों का दान करता है, तो श्री वेंकटेश्वर उन्हें उतना गुना ही धनी बना देते हैं. ऐसी भी मान्यता है कि जो लोग तिरुपति बालाजी मंदिर जाकर अपने बाल दान करते हैं, उनके जीवन से सभी तरह की बुराइयां और नकारात्मकता दूर हो जाती है. साथ ही, उनपर मां लक्ष्मी की कृपा भी बनी रहती है.

दान किए बालों की होती है खास नीलामी

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2018 में तिरुपति बालाजी मंदिर में भक्तों द्वारा दान किए बालों की मासिक नीलामी से लगभग 6. 39 करोड़ की कमाई हुई थी. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) इस नीलामी का आयोजन हर साल के पहले गुरुवार को करती है.

ये हैं अलग अलग श्रेणियों के बाल

एक डेटा के मुताबिक, साल 2018 में अलग-अलग श्रेणीके लगभग 1,87,000 किलोग्राम बाल बेचे गए थे. जिसमें से 10,000 किलोग्राम बाल सबसे बेहतर किस्म के हैं, ये 600 किलोग्राम बाल 22,494 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेचे गए. जिससे कुल 1.35 करोड़ रुपये की कमाई हुई.

जबकि, इससे निचली किस्मके यानी नंबर 2 श्रेणी के करीब 46,100 किलोग्राम बाल थे, जिनकी कीमत 17,223 रुपये प्रति किलोग्राम थी.इस श्रेणी से 2400 किलोग्राम बाल बिके, जिससे 4.13 करोड़ रुपये की कमाई हुई.

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अब बात करें अगर तीसरी श्रेणी की या यूं कहें कि नंबर 3 श्रेणी की तो 30,300 किलोग्राम बाल स्टॉक में थे, जिनकी कीमत 2833 रुपये प्रति किलोग्राम थी.ये वाले 500 किलोग्राम बाल बिके, जिससे 14.17 लाख रुपये की कमाई हुई.

नंबर 4 श्रेणी के 200 किलोग्राम बाल 1195 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिके, जिससे 2.39 लाख रुपये की कमाई हुई.

इसी तरह, पांचवी श्रेणीके 1,93,000 किलोग्राम बाल 24 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिके, जिससे 46.32 लाख रुपये की कमाई हुई.

यहां तक ​​कि 6,900 किलोग्राम सफेद बाल भी 5462 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बिक गए, जिससे 27.31 लाख रुपये की कमाई हुई.

दान किए बालों को किया जाता है साफ

हर साल विश्व के अलग अलग कोनों से भक्त यहां आकर लगभग 500 से 600 टन बाल दान करके जाते हैं. इस प्रक्रिया के अनुसार, दान किए हुए बालों की साफ करने के लिए सबसे पहले उन्हें उबाला जाता है, फिर धोया जाता है और फिर सूखने के बाद उन्हें बड़े बड़े गोदाम में रखने के लिए भेज दिया जाता है.

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) मेंइस नीलामी से पहले बालों को अलग अलग श्रेणी में वर्गीकृत किया जाता है. उसके बाद लंबाई के आधार पर बालों की 5 श्रेणियां तैयार की जाती है जिसमें 5 इंच से 31 इंच तक के बाल शामिल होते हैं. हर साल तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ट्रस्ट (TTD) इस नीलामी से अच्छी कमाई करता है.

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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