Waqf Board: वक्फ बोर्ड को लेकर देश में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ लोकसभा में वक्फ बोर्ड से जुड़े दो संशोधन विधेयक पेश किए गए थे. जिसके बाद जेपीसी का गठन किया गया. अब तक जेपीसी की चार बैठकें हो चुकी हैं. इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें जेपीसी की ओर से वक्फ संशोधन विधेयक पर आम लोगों से सुझाव मांगे गए है. उधर वक्फ बोर्ड की जमीन हड़पने वाली राजनीति की पोल भी खुल रही है. ताजा मामला दिल्ली का है. जिसमें वक्फ बोर्ड ने दिल्ली की छह मंदिरों पर अपना दावा ठोका है. सबसे बड़ी बात इनमें से कुछ मंदिर वक्फ बोर्ड बनने से पहले के हैं.
मंदिरों पर वक्फ बोर्ड का दावे की खुली पोल, देखें वीडियो:-
#BreakingNews : दिल्ली के 6 मंदिरों पर वक्फ ने ठोका दावा, अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट से खुलासा#waqfamendmentact2024 #Delhi #Temple #WaqfBoardbill | @Chandans_live @Nidhijourno @shivank_8mishra pic.twitter.com/kPTmB1Nn1T
— Zee News (@ZeeNews) September 20, 2024
2019 की रिपोर्ट में खुलासा दिल्ली के 6 मंदिरों पर वक्फ बोर्ड ने जो दावे का खुलासा अल्पसंख्यक आयोग की रिपोर्ट से हुआ है. यह रिपोर्ट साल 2019 में आई थी. इसमें दावा किया गया कि दिल्ली के कई मंदिर वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने हुए हैं. इस रिपोर्ट में जो दावे किए गए उसे फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट कहा गया.
बिहार के 90% हिंदुओं वाले एक पूरे गांव को वक्फ बोर्ड ने बताया अपना वक्फ बोर्ड का किसी हिंदू जमीन पर खुद का दावा कोई पहली बार नहीं है, इसके कुछ दिन पहले बिहार में 90% हिंदुओं वाले एक पूरे गांव को वक्फ बोर्ड ने अपना बता दिया था. पटना से 30 किलोमीटर दूर गोविंदपुर गांव को अपना बताया. गोविंदपुर गांव की आबादी लगभग 5 हजार है और यहां 95% हिंदू रहते हैं. गोविंदपुर के सात ग्रामीणों को वक्फ नोटिस जारी किया गया है. पूरा गांव अपना बता रहे वक्फ ने जगह खाली करने की डेडलाइन भी दी है.
वक्फ बोर्ड की कितनी जमीन मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में वक्फ संपत्ति का हिसाब लगाएं तो 2006 में जहां 1.2 लाख एकड़ वक्फ संपत्ति थी, वहीं 2009 में यह बढ़कर 4 लाख एकड़ हो गई. 2024 में यह बढ़कर 9.4 लाख एकड़ हो गई है. इधर वक़्फ़ बोर्ड को लेकर बनी जेपीसी ने वक़्फ़ बोर्ड Amendment Bill, 2024 पर आम जनता से ईमेल और लिखित पत्र के ज़रिए सुझाव मांगे थे. समिति के आधिकारिक सूत्र के अनुसार वक़्फ़ बोर्ड Amendment Bill, 2024 पर 18 सितंबर 2024 तक समिति को 91,78,419 ई-मेल प्राप्त हुए थे.
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