भूपेंद्र हुड्डा के सामने मंजू हुड्डा, सुर्खियों में बंसीलाल-धर्मबीर की 37 साल पुरानी फाइट, जानें तोशाम का वो किस्सा

चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 32 कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं। भूपेंद्र हुड्डा एक बार फिर से रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव मैदान में हैं तो वहीं दूसरी बीजेपी ने उनके सामने गैंगस्टर र

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चंडीगढ़: हरियाणा में विधानसभा चुनावों का बिगुल बज चुका है। बीजेपी ने 67 और कांग्रेस ने 32 कैंडिडेट घोषित कर दिए हैं। भूपेंद्र हुड्डा एक बार फिर से रोहतक की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव मैदान में हैं तो वहीं दूसरी बीजेपी ने उनके सामने गैंगस्टर राजेश हुड्डा की पत्नी मंजू हुड्डा को उतारा है। राेहतक जिला पंचायत की चेयरैन मंजू हुड्डा अपनी पति के आपराधिक इतिहास की वजह से सुर्खियों में हैं, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि कैंडिडेट चयन में गैंगस्टर होने के बाद बीजेपी ने उन पर क्यों दांव खेला है? क्या मंजू हुड्डा भी हरियाणा की राजनीति में तोशाम विधानसभा की सीट पर 37 पहले उलटफेर जैसा कुछ कर सकती हैं। भूपेंद्र हुड्डा की सीट पर मंजू हुड्डा की उम्मीदवारी से यह मुकाबला चर्चा में आ गया है।
कौन हैं मंजू हुड्डा? गैंगस्टर की पत्नी जिन्हें बीजेपी ने हरियाणा में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा की सीट पर उतारा

मुख्यमंत्री रहते हार गए थे बंसीलाल
तोशाम से बंसीलाल पहली बार 1967 में पहली बार जीते थे, लेकिन 1987 के विधानसभा चुनाव में उन्हें लोकदल के उम्मीदवार धर्मबीर ने हरा दिया था। उस वक्त पर धर्मबीर की छवि की दबंग की थी। चुनावों में जब लोकदल सत्ता में आया तो देवी लाल मुख्यमंत्री बने और उन्होंने सिटिंग मुख्यमंत्री को हराने के लिए धर्मबीर को मंत्री बना दिया। अपने गढ़ तोशाम में मिली हार को पूर्व सीएम बंसीलाल ने चुनौती दी, क्योंकि उस चुनाव बड़े पैमाने पर बूथ कैप्चरिंग हुई थी। इसके बाद कोर्ट ने उसे चुनाव को रद्द कर दिया था। इसके बाद इसके बाद भी 1991 और 1996 में फिर से बंसी लाल को जीत मिली थी। इन दोनों चुनावों में धर्मबीर कांग्रेस से मैदान में उतरे लेकिन वह बंसीलाल काे नहीं हरा पाए। वह हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के बैनर तले जीते। साल 2000 के विधानसभा चुनावों में धर्मबीर की वापसी हुई उन्होंने बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह को हरा दिया।


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2,186 वोटों से दी थी शिकस्त
1987 के जिस विधानसभा चुनावों की चर्चा हो रही है उस चुनावों में लोकदल से उम्मीदवार बने धर्मबीर ने 32,547 वोट हासिल किए थे। बंसीलाल जो उस वक्त पर मुख्यमंत्री थे। उन्हें 30,361 वोट मिले। कड़े मुकाबले में धर्मबीर को 2,186 वोटों से जीत मिली, जबकि इससे ठीक पहले हुए उप चुनाव में बंसीलाल 80,819 वोटों से जीते थे। धर्मबीर अब बीजेपी के महेंद्रगढ़ से सांसद है। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकदल से की थी। इसके बाद वह कांग्रेस और फिर बीजेपी में आ गए थे। वह तीसरी बार महेंद्रगढ़ से सांसद चुने गए हैं। धर्मबीर ऐसे नेता है जो जिन्होंने बंसीलाल की तीनों पीढ़ियों को हराया है। शुरुआत में धर्मबीर की छवि भी राजनीति के लिए उपयुक्त नहीं मानी गई थी, लेकिन तोशाम में ताऊ देवीलाल का दांव बिल्कुल सटीक बैठा था।


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तोशाम की तरह किलोई भी है गढ़
2019 के विधानसभा चुनावों में गढ़ी सांपला किलोई सीट से भूपेंद्र हुड्‌डा पांचवी बार जीते थे। उन्होंने 58 हजार से अधिक मतों से बीजेपी के सतीश नांदल को हराया था। यह सीट भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा के पिता की सीट रही है। उनके पिता 1968 में पहली बार जीते थे। इस सीट पर अभी तक बीजेपी कभी नहीं जीती है। भूपेंद्र हुड्‌डा पांच बार इस सीट से जीत चुके हैं। डीएसपी पिता की बेटी और गैंगस्टर की पत्नी मंजू हुड्‌डा कांग्रेस के कद्दावर नेता और दो बार सीएम रह चुके भूपेंद्र हुड्‌डा को कितनी बड़ी चुनौती दे सकती हैं।

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मनोज शर्मा

मनोज शर्मा (जन्म 1968) स्वर्णिम भारत के संस्थापक-प्रकाशक , प्रधान संपादक और मेन्टम सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।

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